गया: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) आज एक दिवसीय दौरे पर गया (Gaya) पहुंचे. सीएम ने गया जिले में तीन योजनाओं का निरीक्षण किया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सबसे पहले गंगा उद्वह योजना (Ganga Udvah Yojna) के तहत तेतर गांव और मानपुर का अबगिला स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया. इसके बाद नीतीश कुमार फल्गु नदी पर बन रहे बिहार के पहले रबर डैम का निरीक्षण किया. यहां के बाद मुख्यमंत्री सीताकुंड पहुंचे. उन्होंने लक्ष्मण झूला बनने वाले स्थान का भी निरीक्षण किया.
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इस दौरान नीतीश कुमार ने मनसरवा नाला का पानी फल्गु नदी में गिरने को लेकर चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि मनसरवा नाला का वैकल्पिक व्यवस्था कीजिए. दरअसल, नीतीश कुमार साल 2020 में मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट के काम का निरीक्षण करने गया पहुंचे.
बिहार सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहली बार फिजिकल तरीके से निरीक्षण किया. इससे पहले नीतीश कुमार ने इन दोनों योजनाओं का हवाई सर्वेक्षण किया था. साल 2020 के बाद पहली बार गया पहुंचने और कार्यों का निरीक्षण करने पर आम लोगों ने खुशी जतायी है.
जानकारी दें कि मुख्यमंत्री ने फल्गु नदी में गिरने वाले मनसरवा नाला के प्रति काफी गंभीरता दिखलाई. इसके लिए बनाए जा रहे डीपीआर में बदलाव करने का भी निर्देश दिया. सीएम नीतीश कुमार गंगा उद्वह योजना के तहत सबसे पहले तेतर और मानपुर के अबगिला में बन रहे वाटर रिजर्व डैम के कार्यों का जायजा लिया. मालूम हो कि गंगा उद्वह योजना सीएम नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है. जिसके तहत गंगा नदी के पानी को लिफ्ट कर राजगीर, नालंदा, नवादा और गया जिला में लाना है.
जिले के अंतर्गत जेठीयन के समीप तेतर गांव में विशाल वाटर रिजर्व डैम बनाया जा रहा है. गया शहर को निर्वाह पेयजल उपलब्ध कराने हेतु गंगाजल संचय के लिए मानपुर के अबगिला में बड़ा वाटर रिजर्व डैम बनाया जा रहा है. यहां स्टोर किये गए गंगाजल को संशोधन करने के बाद शहरवासियों के घरों तक पहुंचाया जाना है. ऐतिहासिक विष्णुपद मंदिर के समीप फल्गु नदी में 270 करोड़ की लागत से रबर डैम का निर्माण कार्य जारी है. सीएम नीतीश कुमार ने इस योजना का भी निरीक्षण किया.
मालूम हो कि इस डैम के निर्माण हो जाने के बाद विष्णुपद मंदिर के समीप फल्गु नदी में सालों भर पानी का जमाव रहेगा. जिससे यहां पर प्रतिवर्ष आने वाले लाखों पिंडदानियों को काफी सहूलियत मिलेगी. इसी स्थान पर 70 करोड़ की लागत से लक्ष्मण झूला का निर्माण भी होना है. जो फल्गु नदी के एक तरफ देवघाट तो दूसरी तरफ सीता कुंड को जोड़ेगा. इसका निर्माण होने के बाद न सिर्फ यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सहूलियत होगी, बल्कि यह एक दर्शनीय स्थल के रूप में भी विकसित होगा.
पवित्र फल्गु नदी को सालों भर गंदा करने वाली मनसरवा नाला के लिए भी डीपीआर बनाया जा रहा है. आज सीताकुंड पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसको लेकर काफी गंभीरता दिखलायी. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि मानसरवा नाला का गंदा पानी आगे निकाल कर उसे स्वच्छ बनाने की योजना तैयार की जाए.
'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा गंगा के जल को गया लाकर शहर वासियों को बड़ी सौगात दी गई है. इससे शहर का जलस्तर हमेशा बना रहेगा. साथ ही देश-विदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों को श्राद्ध कर्म कांड करने में सहूलियत होगी.' -राजू बरनवाल, सदस्य, प्रदेश कार्यकारिणी जदयू
'सीताकुंड के पास रबर डैम और लक्ष्मण झूला बनने के बाद यह स्थान पर्यटन के लिए प्रसिद्ध हो जाएगा. रबर डैम से सालों भर लोगों को तर्पण करने के लिए पानी मिलेगा. वहीं लक्ष्मण झूला बनने से लोगों को गर्मी और बरसात के दिनों में देवघाट से सीताकुंड आने में आसानी होगी. मैं नीतीश कुमार को धन्यवाद देता हूं कि नीतीश कुमार इन को खुद आकर गंभीरता से निरीक्षण कर रहे हैं.' -दिनेश पांडेय, पुजारी, सीताकुंड
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