गया: जिले की पितरों को मोक्ष देने वाली मोक्षदायिनी फल्गु नदी अतिक्रमित और कीचड़ से लथपथ है. जहां नदी के पूर्वी छोर पर पानी एक छोटी सी धारा बह रही है. वहीं दूसरी ओर नाले के पानी का तेज प्रवाह प्रवाहित हो रहा है. हालांकि छठ पर्व को लेकर नगर निगम ने नाले को ढक कर आने जाने का रास्ता बनाया है. लेकिन सरकार की घोषणाओं और हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी फल्गु नदी का यह हाल है.
घाटों पर तैयारी लगभग पूरी
आस्था के महापर्व छठ पूजा का शनिवार को पहला अर्ध्य है. इसके लिए सभी घाटों पर तैयारी लगभग पूरी हो गई है. अर्ध्य देने के लिए यहां के लोगों को मानपुर साइड बह रही फल्गु नदी में जाना होगा. इसकी धारा के घाट से बहुत दूर जाने की वजह से व्रतियों को परेशानी होगी.
अबतक नहीं हुआ उच्च न्यायालय के आदेश का पालन
फल्गु मैन से विख्यात समाजसेवी बृजनन्दन पाठक ने बताया कि यह नदी गया की जीवन रेखा है. पहले छठ पूजा में पानी घाट के पास रहता था. साफ पानी में अर्ध्य दिया जाता था. उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय का नदी को गन्दगी मुक्त करने के आदेश का पालन नहीं किया गया.
छठव्रतियों के लिए साफ रास्ते का निर्माण
नगर निगम सफाई अधिकारी दिनकर ने बताया कि मनसरवा नाला और नादरगंज नाला को अस्थायी नाला बनाकर शहर के दूर गिराया जा रहा है. नगर निगम ने छठव्रतियों के लिए नदी में पानी के स्थल तक जाने के लिए साफ रास्ते का निर्माण करवाया है. घाटों पर लाइटिंग और चेंजिंग रूम की भी व्यवस्था की गई है.