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फल्गु नदी में छठ व्रतियों के लिए बनाया गया साफ रास्ता

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Published : Nov 2, 2019, 12:36 PM IST

फल्गु नदी के एक छोर पर नाले के पानी का तेज प्रवाह प्रवाहित हो रहा है. नगर निगम ने छठव्रतियों के लिए नदी में पानी के स्थल तक जाने के लिए साफ रास्ते का निर्माण करवाया है

छठ व्रतियों के लिए करवाया गया साफ रास्ते का निर्माण

गया: जिले की पितरों को मोक्ष देने वाली मोक्षदायिनी फल्गु नदी अतिक्रमित और कीचड़ से लथपथ है. जहां नदी के पूर्वी छोर पर पानी एक छोटी सी धारा बह रही है. वहीं दूसरी ओर नाले के पानी का तेज प्रवाह प्रवाहित हो रहा है. हालांकि छठ पर्व को लेकर नगर निगम ने नाले को ढक कर आने जाने का रास्ता बनाया है. लेकिन सरकार की घोषणाओं और हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी फल्गु नदी का यह हाल है.

घाटों पर तैयारी लगभग पूरी
आस्था के महापर्व छठ पूजा का शनिवार को पहला अर्ध्य है. इसके लिए सभी घाटों पर तैयारी लगभग पूरी हो गई है. अर्ध्य देने के लिए यहां के लोगों को मानपुर साइड बह रही फल्गु नदी में जाना होगा. इसकी धारा के घाट से बहुत दूर जाने की वजह से व्रतियों को परेशानी होगी.

छठ व्रतियों के लिए करवाया गया साफ रास्ते का निर्माण

अबतक नहीं हुआ उच्च न्यायालय के आदेश का पालन
फल्गु मैन से विख्यात समाजसेवी बृजनन्दन पाठक ने बताया कि यह नदी गया की जीवन रेखा है. पहले छठ पूजा में पानी घाट के पास रहता था. साफ पानी में अर्ध्य दिया जाता था. उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय का नदी को गन्दगी मुक्त करने के आदेश का पालन नहीं किया गया.

gaya
फल्गु नदी के पास अतिक्रमण

छठव्रतियों के लिए साफ रास्ते का निर्माण
नगर निगम सफाई अधिकारी दिनकर ने बताया कि मनसरवा नाला और नादरगंज नाला को अस्थायी नाला बनाकर शहर के दूर गिराया जा रहा है. नगर निगम ने छठव्रतियों के लिए नदी में पानी के स्थल तक जाने के लिए साफ रास्ते का निर्माण करवाया है. घाटों पर लाइटिंग और चेंजिंग रूम की भी व्यवस्था की गई है.

गया: जिले की पितरों को मोक्ष देने वाली मोक्षदायिनी फल्गु नदी अतिक्रमित और कीचड़ से लथपथ है. जहां नदी के पूर्वी छोर पर पानी एक छोटी सी धारा बह रही है. वहीं दूसरी ओर नाले के पानी का तेज प्रवाह प्रवाहित हो रहा है. हालांकि छठ पर्व को लेकर नगर निगम ने नाले को ढक कर आने जाने का रास्ता बनाया है. लेकिन सरकार की घोषणाओं और हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी फल्गु नदी का यह हाल है.

घाटों पर तैयारी लगभग पूरी
आस्था के महापर्व छठ पूजा का शनिवार को पहला अर्ध्य है. इसके लिए सभी घाटों पर तैयारी लगभग पूरी हो गई है. अर्ध्य देने के लिए यहां के लोगों को मानपुर साइड बह रही फल्गु नदी में जाना होगा. इसकी धारा के घाट से बहुत दूर जाने की वजह से व्रतियों को परेशानी होगी.

छठ व्रतियों के लिए करवाया गया साफ रास्ते का निर्माण

अबतक नहीं हुआ उच्च न्यायालय के आदेश का पालन
फल्गु मैन से विख्यात समाजसेवी बृजनन्दन पाठक ने बताया कि यह नदी गया की जीवन रेखा है. पहले छठ पूजा में पानी घाट के पास रहता था. साफ पानी में अर्ध्य दिया जाता था. उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय का नदी को गन्दगी मुक्त करने के आदेश का पालन नहीं किया गया.

gaya
फल्गु नदी के पास अतिक्रमण

छठव्रतियों के लिए साफ रास्ते का निर्माण
नगर निगम सफाई अधिकारी दिनकर ने बताया कि मनसरवा नाला और नादरगंज नाला को अस्थायी नाला बनाकर शहर के दूर गिराया जा रहा है. नगर निगम ने छठव्रतियों के लिए नदी में पानी के स्थल तक जाने के लिए साफ रास्ते का निर्माण करवाया है. घाटों पर लाइटिंग और चेंजिंग रूम की भी व्यवस्था की गई है.

Intro:पितरों को मोक्ष देने वाली मोक्षदायिनी फल्गू नदी अतिक्रमणित और कीचड़ से लथपथ हैं। नदी के पूर्वी छोर पर पानी एक छोटी सी धारा बह रही है दूसरी ओर नदी में नाले का पानी का तेज प्रवाह से प्रवाहित हो रहा है। हालांकि छठ पर्व को लेकर गया नगर निगम इस नाले को ढक कर आने जाने का रास्ता बनाया है। सवाल ये सरकार के लाख घोषणाएं और हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी छठ व्रतियों को व्यतीथ करने वाला फल्गू नदी के नजारा कायम है।


Body:आस्था के महापर्व छठ पूजा का कल पहला अर्ध्य है अर्ध्य देने के लिए सभी घाटो पर तैयारी लगभग पूरी होगी हैं। फल्गू नदी में अर्ध्य देने के लिए शहरवासियों को मानपुर साइड तरफ बह रही है फल्गू नदी में जाना होगा। फल्गू के धारा घाट से बहुत दूर चल गयी है जिससे व्रतियों को परेशानी होगा। लेकिन दिक्कत दूर जाने का नही है सवाल ये है फल्गू नदी के ये दशा क्या माँ सीता के श्राप से है या सरकार के उदासनिता से है। उच्च न्यायालय ने फल्गू नदी के इस दशा को सुधारने के लिए कई आदेश दिया, सरकार और जिला प्रशासन ने अब तक पहल नही किया है।

फल्गू मैन से विख्यात समाजसेवी बृजनन्दन पाठक ने बताया फल्गू नदी गया के जीवन रेखा है इसको दशा दो दशक पूर्व ऐसा नही था। छठ पूजा में फल्गू की पानी घाट के पास रहता था। स्वच्छ पानी मे अर्ध्य दिया जाता था। इधर के वर्षो में फल्गु शहर के बड़े बड़े नालो के पानी गिराया जा रहा है लोग बिना रोक टोक के अतिक्रमण कर रहे हैं। फल्गू अस्तित्व खतरे में है। इस संबंध में माननीय उच्च न्यायालय का निर्णय है फल्गू को गन्दगी मुक्त किया जाए, नदी में नाली का पानी नही गिराया जाये, शहर के बाहर एक डैम नदी में बनाया जाए, नदी को दोनो छोर पर नापी कर दीवार से घेरा जाए । आजतक हाइकोर्ट के इन आदेशों पालन नही हुआ बल्कि जिला प्रशासन के उदासीन रवैया से इसका अवहेलना हो रहा है। छठव्रतियों के लिए पूर्वी छोर पर पतली धारा बह रही है वो भी पानी दूषित है। नदी इतना पवित्र और पर्व भी पवित्रता का है ऐसे में इस तरह के पानी अर्ध्य देना कितना सही होगा। मैं नगर निगम के साधुवाद देता हूँ सभी घाटों पर समुचित व्यवस्था किया है नाली जो बह रही है उस पर पाथ वे बनाया है ,लाइटिंग और चेंजिग रूम का व्यवस्था किया है।

गया नगर निगम सफाई अधिकारी दिनकर ने बताया नगर निगम ने मनसरवा नाला और नादरगंज नाला को अस्थायी नाले बनाकर शहर के दूर गिराया जा रहा है। छोटे छोटे नाले के पानी फल्गू में मिल जा रहे है। नगर निगम छठव्रतियों के लिए नदी में पानी के स्थल तक जाने के लिए स्वच्छ रास्ता का निर्माण करवाया है, लाइटिंग का व्यवस्था और चेंजिंग रूम का व्यवस्था किया गया है।


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