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बिहार पंचायत चुनावः रेलवे ओवर ब्रिज है गया के टनकुप्पा प्रखंड की मुख्य समस्या, प्रत्याशी कर रहे हैं बड़े-बड़े वादे

गया के टनकुप्पा प्रखंड का इलाके में सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा की काफी जरूरत है. इन मुद्दों के अलावा एक और मुद्दा है, जो प्रत्याशी उठा रहे हैं. यहां रेलवे लाइन के ऊपर ओवरब्रिज नहीं है. इन मुद्दों को लेकर प्रत्याशी बड़े-बड़े वादे कर रहे हैं.

गया
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Published : Oct 25, 2021, 3:27 PM IST

Updated : Oct 25, 2021, 3:55 PM IST

गया: बिहार में गया (Gaya) जिले के टनकुप्पा प्रखंड (Tunkappa Block) का इलाका काफी पिछड़ा माना जाता है. सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा के साथ-साथ यहां सबसे बड़ी समस्या रेलवे लाइन के ऊपर ओवरब्रिज नहीं होना है. जिसके कारण इस प्रखंड के 5 पंचायत प्रखंड मुख्यालय से बुरी तरह कटे हुए हैं. हालांकि ओवर ब्रिज को लेकर इलाके में लंबे समय से जन आंदोलन होते रहे हैं. लेकिन अभी तक इसका निर्माण नहीं हो पाया है. इस बार के पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) में यह चुनावी मुद्दा बन सकता है.

यह भी पढ़ें- पत्नी को चुनाव जीताने के लिए कर डाली करोड़ों की चोरी, बनवायी 7 गावों में सड़कें

ओवरब्रिज निर्माण संघर्ष समिति से जुड़े नारायण मांझी इस बार यहां से जिला परिषद के लिए नामांकन किया है. साथ ही इसी टनकुप्पा प्रखंड के क्षेत्र संख्या 39 से जिला परिषद के उम्मीदवार के रूप में गजेंद्र प्रताप सिंह ने भी नामांकन का पर्चा दाखिल किया है. ये सभी युवा उम्मीदवार हैं.

देखें वीडियो

इनके वादों पर गौर करें तो जीतने के बाद ये शिक्षा, लघु उद्योग, सिंचाई और स्वास्थ्य की समस्याओं को दूर करने की बात करते हैं. साथ ही इस पिछड़े इलाके में विकास करने की बात करते हैं. देखना यह है कि मतदाता इनके वादों पर कितना भरोसा करते हैं.

वहीं नगर प्रखंड चंदौती अंतर्गत कुजापी पंचायत से मुखिया पद के लिए नामांकन किए अजीत कुमार जनता से लेकर भगवान तक का आशीर्वाद ले रहे हैं. एक तरफ जनता के पास जा रहे हैं तो वहीं मंदिर में जाकर भगवान के समक्ष भी हाथ जोड़कर आशीर्वाद ले रहे हैं.

उनका कहना है कि आज तक जिनको भी मौका मिला, उन लोगों को जितना काम करना चाहिए, उतना काम नहीं किया. इस क्षेत्र से हम पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं और हार चुके हैं. लेकिन हार जीत कोई मायने नहीं रखती. जनता की सेवा और सरकार की योजनाओं का लाभ आम लोगों को मिले, यही हमारा प्रयास होगा.

यह भी पढ़ें- पंचायत चुनाव: मतदान की अनूठी तस्वीर.. बीमार मां को पीठ पर लादकर बेटे ने दिलाया वोट

गया: बिहार में गया (Gaya) जिले के टनकुप्पा प्रखंड (Tunkappa Block) का इलाका काफी पिछड़ा माना जाता है. सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा के साथ-साथ यहां सबसे बड़ी समस्या रेलवे लाइन के ऊपर ओवरब्रिज नहीं होना है. जिसके कारण इस प्रखंड के 5 पंचायत प्रखंड मुख्यालय से बुरी तरह कटे हुए हैं. हालांकि ओवर ब्रिज को लेकर इलाके में लंबे समय से जन आंदोलन होते रहे हैं. लेकिन अभी तक इसका निर्माण नहीं हो पाया है. इस बार के पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) में यह चुनावी मुद्दा बन सकता है.

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ओवरब्रिज निर्माण संघर्ष समिति से जुड़े नारायण मांझी इस बार यहां से जिला परिषद के लिए नामांकन किया है. साथ ही इसी टनकुप्पा प्रखंड के क्षेत्र संख्या 39 से जिला परिषद के उम्मीदवार के रूप में गजेंद्र प्रताप सिंह ने भी नामांकन का पर्चा दाखिल किया है. ये सभी युवा उम्मीदवार हैं.

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इनके वादों पर गौर करें तो जीतने के बाद ये शिक्षा, लघु उद्योग, सिंचाई और स्वास्थ्य की समस्याओं को दूर करने की बात करते हैं. साथ ही इस पिछड़े इलाके में विकास करने की बात करते हैं. देखना यह है कि मतदाता इनके वादों पर कितना भरोसा करते हैं.

वहीं नगर प्रखंड चंदौती अंतर्गत कुजापी पंचायत से मुखिया पद के लिए नामांकन किए अजीत कुमार जनता से लेकर भगवान तक का आशीर्वाद ले रहे हैं. एक तरफ जनता के पास जा रहे हैं तो वहीं मंदिर में जाकर भगवान के समक्ष भी हाथ जोड़कर आशीर्वाद ले रहे हैं.

उनका कहना है कि आज तक जिनको भी मौका मिला, उन लोगों को जितना काम करना चाहिए, उतना काम नहीं किया. इस क्षेत्र से हम पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं और हार चुके हैं. लेकिन हार जीत कोई मायने नहीं रखती. जनता की सेवा और सरकार की योजनाओं का लाभ आम लोगों को मिले, यही हमारा प्रयास होगा.

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Last Updated : Oct 25, 2021, 3:55 PM IST
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