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खस्ता हाल में बिहार के सबसे बड़े अनुमंडल का बस स्टैंड, यात्री सुविधाओं का घोर अभाव

शेरघाटी अनुमंडल बस स्टैंड पर रोजाना 200 बसों का पड़ाव होता है. यहां से दूसरे राज्यों के लिए भी बसें चलती हैं लेकिन इसकी हालत नारकीय है.

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Published : Aug 16, 2020, 3:33 PM IST

बस स्टैंड की स्थिति बदहाल
बस स्टैंड की स्थिति बदहाल

गया(शेरघाटी): जिले के शेरघाटी अनुमंडल के बस स्टैंड की स्थिति काफी बदतर है. अन्य राज्यों से अगर तुलना करें तो शेरघाटी बस स्टैंड कबाड़खाना जैसा लगता है. यहां कुव्यवस्था चरम पर है. नतीजतन यात्रियों के साथ-साथ यहां दुकान लगाने वाले दुकानदारों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

जानकारी के मुताबिक यहां रोजाना 200 बसों का पड़ाव होता है. हजारों की संख्या में यात्री दूसरे जिलों से पहुंचते हैं लेकिन उनके लिए यहां सुविधाओं का घोर अभाव है. शेरघाटी में जीटी रोड दो पर बस स्टैंड स्थित हैं, दोनों की हालत दयनीय है.

दूसरे राज्यों के लिए भी बसों का परिचालन
दरअसल, बिहार का सबसे बड़ा अनुमंडल शेरघाटी है. शेरघाटी बस स्टैंड से जिले के नौ प्रखण्ड के यात्री सफर करते हैं. हर दिन यहां से 200 बसें चलती हैं. लगभग हर दिन 10 हजार यात्री सफर करते हैं. बड़ी बात है कि जिला मुख्यालय से अन्य राज्यों में जाने के लिए जितनी बसें खुलती हैं उसमें से 6 से 7 राज्यों के लिए शेरघाटी बस स्टैंड से बस खुलती है.

gaya
बस स्टैंड में जमा पानी

लोगों ने बताई परेशानी
यहां फैली बदहाली और अव्यवस्था को लेकर राम मनोहर ने कहा ये सब नगर पंचायत की कमी की वजह से हो रहा है. इस बस स्टैंड से नगर पंचायत हर साल करोड़ों रुपया कमाती है लेकिन अभी तक एक यात्री शेड तक नहीं बनाया गया है. वहीं रौशन सिंह ने बताया कि बरसात के दिनों पूरा बस स्टैंड झील में तब्दील हो जाता है. यात्री बस पर ना चढ़ पाते है ना ही उतर पाते हैं. आए दिन हादसा होता रहता है.

नगर पंचायत की लापरवाही चरम पर
स्थानीय रामधारी सिंह ने बताया कि नगर पंचायत ने इस बस स्टैंड की ठेकेदारी 53 लाख की दी है. हर बस वाले से रोजाना 75 रुपया लिया जाता है. लेकिन बस स्टैंड में अब तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है. शुरुआती दौर में सड़क और दुकान बनाया गया, उसके बाद कुछ काम नहीं हुआ. राजद नेता वारिस अली खान ने कहा कि विधायक का घर चंद कदम की दूरी पर स्थित है. लेकिन विधायक ने 5 सालों में कुछ काम नहीं किया.

विधायक की अपनी दलील
जदयू नेता सैयद वसीम अकरम से पूछने पर उन्होंने नीतीश सरकार के कार्यों का गुनगान किया. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने पूरे सूबे में सड़कों का जाल बिछा दिया है. शेरघाटी की समस्या की समाधान जदयू की सरकार ने किया. सालों से पुल की सड़क टूटी थी. बड़े-बड़े गड्डे थे. जेडीयू सरकार ने सबकी मरम्मती करवाई. जहां तक बस स्टैंड की बात है तो बस स्टैंड के दोनों तरफ की सड़कें ऊंची हैं इसलिए बरसात के दिनों में पानी बस स्टैंड में आ जाता है. निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा.

गया(शेरघाटी): जिले के शेरघाटी अनुमंडल के बस स्टैंड की स्थिति काफी बदतर है. अन्य राज्यों से अगर तुलना करें तो शेरघाटी बस स्टैंड कबाड़खाना जैसा लगता है. यहां कुव्यवस्था चरम पर है. नतीजतन यात्रियों के साथ-साथ यहां दुकान लगाने वाले दुकानदारों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

जानकारी के मुताबिक यहां रोजाना 200 बसों का पड़ाव होता है. हजारों की संख्या में यात्री दूसरे जिलों से पहुंचते हैं लेकिन उनके लिए यहां सुविधाओं का घोर अभाव है. शेरघाटी में जीटी रोड दो पर बस स्टैंड स्थित हैं, दोनों की हालत दयनीय है.

दूसरे राज्यों के लिए भी बसों का परिचालन
दरअसल, बिहार का सबसे बड़ा अनुमंडल शेरघाटी है. शेरघाटी बस स्टैंड से जिले के नौ प्रखण्ड के यात्री सफर करते हैं. हर दिन यहां से 200 बसें चलती हैं. लगभग हर दिन 10 हजार यात्री सफर करते हैं. बड़ी बात है कि जिला मुख्यालय से अन्य राज्यों में जाने के लिए जितनी बसें खुलती हैं उसमें से 6 से 7 राज्यों के लिए शेरघाटी बस स्टैंड से बस खुलती है.

gaya
बस स्टैंड में जमा पानी

लोगों ने बताई परेशानी
यहां फैली बदहाली और अव्यवस्था को लेकर राम मनोहर ने कहा ये सब नगर पंचायत की कमी की वजह से हो रहा है. इस बस स्टैंड से नगर पंचायत हर साल करोड़ों रुपया कमाती है लेकिन अभी तक एक यात्री शेड तक नहीं बनाया गया है. वहीं रौशन सिंह ने बताया कि बरसात के दिनों पूरा बस स्टैंड झील में तब्दील हो जाता है. यात्री बस पर ना चढ़ पाते है ना ही उतर पाते हैं. आए दिन हादसा होता रहता है.

नगर पंचायत की लापरवाही चरम पर
स्थानीय रामधारी सिंह ने बताया कि नगर पंचायत ने इस बस स्टैंड की ठेकेदारी 53 लाख की दी है. हर बस वाले से रोजाना 75 रुपया लिया जाता है. लेकिन बस स्टैंड में अब तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है. शुरुआती दौर में सड़क और दुकान बनाया गया, उसके बाद कुछ काम नहीं हुआ. राजद नेता वारिस अली खान ने कहा कि विधायक का घर चंद कदम की दूरी पर स्थित है. लेकिन विधायक ने 5 सालों में कुछ काम नहीं किया.

विधायक की अपनी दलील
जदयू नेता सैयद वसीम अकरम से पूछने पर उन्होंने नीतीश सरकार के कार्यों का गुनगान किया. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने पूरे सूबे में सड़कों का जाल बिछा दिया है. शेरघाटी की समस्या की समाधान जदयू की सरकार ने किया. सालों से पुल की सड़क टूटी थी. बड़े-बड़े गड्डे थे. जेडीयू सरकार ने सबकी मरम्मती करवाई. जहां तक बस स्टैंड की बात है तो बस स्टैंड के दोनों तरफ की सड़कें ऊंची हैं इसलिए बरसात के दिनों में पानी बस स्टैंड में आ जाता है. निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा.

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