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गया: बोधगया में लागू है अघोषित लॉकडाउन, विभिन्न देशों के बौद्ध मंदिरों पर लटका है ताला - बौद्ध मठ नहीं खुलने से पर्यटकों को निराशा

देश भर में कोरोना वायरस के बचाव को लेकर लॉकडाउन लागू किया गया था. लॉकडाउन के समय जिन बौद्ध मठ को बन्द किया गया वह अभी तक नहीं खुला है. इससे रोजाना सैकड़ों पर्यटक निराश होकर लौट रहे हैं.

Buddhist temples
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Published : Jan 25, 2021, 6:14 PM IST

गया: जिले के बोधगया स्थित लगभग 50 पर्यटनीय बौद्ध मंदिरों में ताला लटका हुआ है. इन मंदिरों को देखने के लिए हर दिन हजारों लोग आ रहे हैं. लेकिन पर्यटक रोज निराश होकर घर लौट रहे हैं. वहीं बोधगया विधायक से लेकर जिलाधिकारी तक इन मंदिरों को खोलने को लेकर बौद्ध मठों से अपील कर रहे है.

Buddhist temples
खाली पड़े बौद्ध मठ

दरअसल, देशभर में कोरोना वायरस के बचाव को लेकर लॉकडाउन लागू किया गया था. लॉकडाउन के समय जिन बौद्ध मठ को बन्द किया गया वह अभी तक नहीं खुला है. हालांकि लॉकडाउन के बाद सीमित समय के लिए महाबोधि मंदिर और 80 फिट मूर्ति को खोला गया था. लेकिन विभिन्न देशों के बौद्ध मठ नहीं खुलने से पर्यटकों को निराशा हाथ लग रही है. वहीं पर्यटन उद्योग भी बन्द पड़ा है.

Buddhist temples
पर्यटन उद्योग को हो रहा नुकसान

पर्यटकों में निराशा
जहानाबाद से घुमने आए पर्यटक रवि रंजन ने बताया कि वो बोधगया में विभिन्न मंदिरों का दर्शन करने के लिए आए थे. लेकिन बोधगया में सिर्फ महाबोधि मंदिर और 80 फिट मूर्ति ही देख पाए. बाकी बौद्ध मंदिरों में ताला लटका हुआ है. मंदिर बंद होने के कारण बाहर से ही फोटो खींच रहे हैं.

Buddhist temples
कई मठों पर लटके हैं ताले

ये भी पढ़ें:- देहरादून से वैज्ञानिक पहुंचे बोधगया और कोटश्वर स्थान, की बोधि वृक्ष और पवित्र पीपल की जांच

नहीं लौट सके बौद्ध भंते
वहीं अखिल भारतीय भिक्षु संघ के महामंत्री प्रज्ञादीप ने बताया कि लॉकडाउन लागू होने के कारण सभी विदेशी मंदिरों से बौद्ध भंते चले गए हैं. जब स्थिती सामान्य होगी तो ये भंते वापस आएंगे. यहां कई मठों में एक बौद्ध भंते हैं. कई भंते तो नौकर के सहारे छोड़कर चले गए हैं. जब तक अंतरराष्ट्रीय उड़ाने शुरू नहीं होगी तबतक बौद्ध मठ खुलने की उम्मीद नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारे प्रयास से 80 फिट मूर्ति को खुलवाया गया. अन्य मंदिरों को खोलने के लिए प्रयास जारी है.

Buddhist temples
बौद्ध मठ नहीं खुलने से पर्यटक निराश

ये भी पढ़ें:- गया: भूत-प्रेत से बचाव को लेकर बोधगया में मुखौटा डांस

विधायक ने जतायी चिंता
बोधगया में बौद्ध मठों के बन्द होने को लेकर विधायक कुमार सर्वजीत भी काफी चिंतित हैं. उनका कहना है कि इस संबंध में सरकार, प्रमंडलीय आयुक्त और जिला प्रशासन को पत्र लिखकर उन्होंने इसे खोलने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि बोधगया के सारे बौद्ध मठों और होटलों का टैक्स और बिजली बिल माफ कर दिया जाए. लेकिन इस पर कोई पहल नहीं हुआ है. बौद्ध मठों को खुलने से पर्यटन उद्योग पटरी पर आएगी. लेकिन इस ओर सरकार ध्यान नहीं दे रही है.

देखें पूरी रिपोर्ट

ये भी पढ़ें:- गया: पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों के लिए साल 2020 रहा बुरा, 2021 से खासा उम्मीद

बौद्ध मठों को खोलने का आग्रह
बौद्ध मठों को बंद करने को लेकर सरकार या जिला प्रशासन ने कोई आदेश जारी नहीं किया है. जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने बताया कि बोधगया में कोरोना के कारण बंद पड़े बौद्ध मठों को खोलने के लिए आग्रह किया गया है. वहीं महाबोधि मंदिर प्रबन्धकारिणी समिति भी बौद्ध देशों में संदेश प्रसारित कर रही है कि बोधगया में सबकुछ ठीक है. ताकि यहां का मठ खोला जाए और पर्यटकों का आगमन हो सके. गौरतलब है कि बोधगया में 150 से अधिक विभिन्न देशों के बौद्ध मठ है. जिनमें से 50 बौद्ध मठ पर्यटनीय है. सबसे ज्यादा थाई देश का बौद्ध मठ बोधगया में है.

गया: जिले के बोधगया स्थित लगभग 50 पर्यटनीय बौद्ध मंदिरों में ताला लटका हुआ है. इन मंदिरों को देखने के लिए हर दिन हजारों लोग आ रहे हैं. लेकिन पर्यटक रोज निराश होकर घर लौट रहे हैं. वहीं बोधगया विधायक से लेकर जिलाधिकारी तक इन मंदिरों को खोलने को लेकर बौद्ध मठों से अपील कर रहे है.

Buddhist temples
खाली पड़े बौद्ध मठ

दरअसल, देशभर में कोरोना वायरस के बचाव को लेकर लॉकडाउन लागू किया गया था. लॉकडाउन के समय जिन बौद्ध मठ को बन्द किया गया वह अभी तक नहीं खुला है. हालांकि लॉकडाउन के बाद सीमित समय के लिए महाबोधि मंदिर और 80 फिट मूर्ति को खोला गया था. लेकिन विभिन्न देशों के बौद्ध मठ नहीं खुलने से पर्यटकों को निराशा हाथ लग रही है. वहीं पर्यटन उद्योग भी बन्द पड़ा है.

Buddhist temples
पर्यटन उद्योग को हो रहा नुकसान

पर्यटकों में निराशा
जहानाबाद से घुमने आए पर्यटक रवि रंजन ने बताया कि वो बोधगया में विभिन्न मंदिरों का दर्शन करने के लिए आए थे. लेकिन बोधगया में सिर्फ महाबोधि मंदिर और 80 फिट मूर्ति ही देख पाए. बाकी बौद्ध मंदिरों में ताला लटका हुआ है. मंदिर बंद होने के कारण बाहर से ही फोटो खींच रहे हैं.

Buddhist temples
कई मठों पर लटके हैं ताले

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नहीं लौट सके बौद्ध भंते
वहीं अखिल भारतीय भिक्षु संघ के महामंत्री प्रज्ञादीप ने बताया कि लॉकडाउन लागू होने के कारण सभी विदेशी मंदिरों से बौद्ध भंते चले गए हैं. जब स्थिती सामान्य होगी तो ये भंते वापस आएंगे. यहां कई मठों में एक बौद्ध भंते हैं. कई भंते तो नौकर के सहारे छोड़कर चले गए हैं. जब तक अंतरराष्ट्रीय उड़ाने शुरू नहीं होगी तबतक बौद्ध मठ खुलने की उम्मीद नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारे प्रयास से 80 फिट मूर्ति को खुलवाया गया. अन्य मंदिरों को खोलने के लिए प्रयास जारी है.

Buddhist temples
बौद्ध मठ नहीं खुलने से पर्यटक निराश

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विधायक ने जतायी चिंता
बोधगया में बौद्ध मठों के बन्द होने को लेकर विधायक कुमार सर्वजीत भी काफी चिंतित हैं. उनका कहना है कि इस संबंध में सरकार, प्रमंडलीय आयुक्त और जिला प्रशासन को पत्र लिखकर उन्होंने इसे खोलने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि बोधगया के सारे बौद्ध मठों और होटलों का टैक्स और बिजली बिल माफ कर दिया जाए. लेकिन इस पर कोई पहल नहीं हुआ है. बौद्ध मठों को खुलने से पर्यटन उद्योग पटरी पर आएगी. लेकिन इस ओर सरकार ध्यान नहीं दे रही है.

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बौद्ध मठों को खोलने का आग्रह
बौद्ध मठों को बंद करने को लेकर सरकार या जिला प्रशासन ने कोई आदेश जारी नहीं किया है. जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने बताया कि बोधगया में कोरोना के कारण बंद पड़े बौद्ध मठों को खोलने के लिए आग्रह किया गया है. वहीं महाबोधि मंदिर प्रबन्धकारिणी समिति भी बौद्ध देशों में संदेश प्रसारित कर रही है कि बोधगया में सबकुछ ठीक है. ताकि यहां का मठ खोला जाए और पर्यटकों का आगमन हो सके. गौरतलब है कि बोधगया में 150 से अधिक विभिन्न देशों के बौद्ध मठ है. जिनमें से 50 बौद्ध मठ पर्यटनीय है. सबसे ज्यादा थाई देश का बौद्ध मठ बोधगया में है.

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