ETV Bharat / state

गया: ह्वेनसांग की याद में कार्यक्रम का आयोजन, कई देशों के बौद्ध भिक्षु हुए शामिल

कोलकता इंडिया बुद्धिस्ट एसोसिएशन के नेतृत्व में आयोजित पूजा में चाइना, म्यांमार, थाइलैंड, बंगलादेश, वियतनाम सहित अन्य देशों के बौद्ध भिक्षु शामिल हुए. वहीं सभी ने विश्वशांति के लिए सामूहिक रुप से घोषणा की.

बौद्घ भिक्षुओं ने निकाली स्मृति यात्रा
author img

By

Published : Sep 16, 2019, 9:55 AM IST

गया: जिले में रविवार को चीनी यात्री ह्वेनसांग की याद में बौद्ध भिक्षुओं की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें चीनी राजदूत अतिथि के रुप में शामिल हुए. इस कार्यक्रम में चीन और भारत के कई बौद्ध भिक्षु शामिल हुए.

ह्वेनसांग की याद में कार्यक्रम का आयोजन

यात्री ह्वेनसांग को किया गया याद
विश्व धरोहर बोधगया की भूमि हमेशा से ही विदेशी सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र रही है. यहां धर्म, दर्शन, आध्यात्म और विभिन्न संस्कृतियों ने ना केवल विदेशियों को मन्त्रमुग्ध किया, बल्कि यहां आने के लिए उन्हें प्रेरित भी किया. उनमें से चीनी यात्री ह्वेनसांग का नाम विशेष रूप से प्रसिद्ध रहा है. इसको लेकर ही जिले में रविवार को चीनी बौद्ध भिक्षुओं ने एकबार फिर ह्वेनसांग की यात्रा की याद को ताजा कर दिया. इस दौरान चीन के बौद्ध पर्यटकों ने चीन के रिपब्लिक गणराज्य के 70वीं स्थापना पर महाबोधि मंदिर में विशेष पूजा की.

Buddhist monks worshiped in memory of Henshang
विभिन्न देशों के गुरु हुए शामिल

महाबोधि मंदिर में की गई विशेष पूजा
भिक्षुओं ने भारत और चीन के रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए भगवान बुद्ध से प्रार्थना की. वहीं चीनी पर्यटकों ने 'बुद्धम शरणं गच्छामि, धम्मं शरणं गच्छामि' मंत्र के साथ ह्वेनसांग के संदेशों के पुनर्जागरण का एहसास कराया. चीन से बोधगया पहुंचे चीनी पर्यटकों ने भारत और चीन के झंडे के साथ महाबोधि मंदिर गए और भगवान बुद्ध की पूजा की. पवित्र बोधि वृक्ष के नीचे करीब दो घंटे तक चली विशेष पूजा में विभिन्न देशों के बौद्ध गुरु शामिल हुए और सभी बौद्ध गुरुओं ने दुनियां की खुशहाली की प्रार्थना की.

Buddhist monks worshiped in memory of Henshang
बौद्घ भिक्षुओं ने निकाली स्मृति यात्रा

विभिन्न देश के गुरुओं ने की शिरकत
कोलकता इंडिया बुद्धिस्ट एसोसिएशन के नेतृत्व में आयोजित पूजा में चाइना, म्यांमार, थाइलैंड, बंगलादेश, वियतनाम सहित अन्य देशों के बौद्ध भिक्षु शामिल हुए. वहीं सभी ने विश्वशांति के लिए सामूहिक रुप से घोषणा की. इसके बाद सभी बौद्ध श्रद्धालु बोधगया के चाइना मंदिर पहुंचे. वहां मंदिर के गर्भगृह में पूजा-पाठ करने के बाद दोनों देशों के मैत्री रिश्ते पर चर्चा की.

गया: जिले में रविवार को चीनी यात्री ह्वेनसांग की याद में बौद्ध भिक्षुओं की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें चीनी राजदूत अतिथि के रुप में शामिल हुए. इस कार्यक्रम में चीन और भारत के कई बौद्ध भिक्षु शामिल हुए.

ह्वेनसांग की याद में कार्यक्रम का आयोजन

यात्री ह्वेनसांग को किया गया याद
विश्व धरोहर बोधगया की भूमि हमेशा से ही विदेशी सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र रही है. यहां धर्म, दर्शन, आध्यात्म और विभिन्न संस्कृतियों ने ना केवल विदेशियों को मन्त्रमुग्ध किया, बल्कि यहां आने के लिए उन्हें प्रेरित भी किया. उनमें से चीनी यात्री ह्वेनसांग का नाम विशेष रूप से प्रसिद्ध रहा है. इसको लेकर ही जिले में रविवार को चीनी बौद्ध भिक्षुओं ने एकबार फिर ह्वेनसांग की यात्रा की याद को ताजा कर दिया. इस दौरान चीन के बौद्ध पर्यटकों ने चीन के रिपब्लिक गणराज्य के 70वीं स्थापना पर महाबोधि मंदिर में विशेष पूजा की.

Buddhist monks worshiped in memory of Henshang
विभिन्न देशों के गुरु हुए शामिल

महाबोधि मंदिर में की गई विशेष पूजा
भिक्षुओं ने भारत और चीन के रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए भगवान बुद्ध से प्रार्थना की. वहीं चीनी पर्यटकों ने 'बुद्धम शरणं गच्छामि, धम्मं शरणं गच्छामि' मंत्र के साथ ह्वेनसांग के संदेशों के पुनर्जागरण का एहसास कराया. चीन से बोधगया पहुंचे चीनी पर्यटकों ने भारत और चीन के झंडे के साथ महाबोधि मंदिर गए और भगवान बुद्ध की पूजा की. पवित्र बोधि वृक्ष के नीचे करीब दो घंटे तक चली विशेष पूजा में विभिन्न देशों के बौद्ध गुरु शामिल हुए और सभी बौद्ध गुरुओं ने दुनियां की खुशहाली की प्रार्थना की.

Buddhist monks worshiped in memory of Henshang
बौद्घ भिक्षुओं ने निकाली स्मृति यात्रा

विभिन्न देश के गुरुओं ने की शिरकत
कोलकता इंडिया बुद्धिस्ट एसोसिएशन के नेतृत्व में आयोजित पूजा में चाइना, म्यांमार, थाइलैंड, बंगलादेश, वियतनाम सहित अन्य देशों के बौद्ध भिक्षु शामिल हुए. वहीं सभी ने विश्वशांति के लिए सामूहिक रुप से घोषणा की. इसके बाद सभी बौद्ध श्रद्धालु बोधगया के चाइना मंदिर पहुंचे. वहां मंदिर के गर्भगृह में पूजा-पाठ करने के बाद दोनों देशों के मैत्री रिश्ते पर चर्चा की.

Intro:Body:विश्व धरोहर बोधगया की भूमि हमेशा से ही विदेशी सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा। धर्म ,दर्शन ,आध्यात्म और विभिन्न संस्कृतियों का मिश्रण ना केवल विदेशियों को मन्त्रमुग्ध किया बल्कि यहां आने के लिए उन्हें प्रेरित भी किया है। उनमें चीनी यात्री ह्वेनसांग का नाम विशेष रूप से प्रसिद्ध रहा है। रविवार को चीनी बौद्ध भिक्षुओं ने एकबार फिर बोधगया में ह्वेनसांग की यात्रा की याद ताजा कराया है। चीन के बौद्ध पर्यटकों ने चीन के रिपब्लिक गणराज्य के 70 वीं स्थापना पर महाबोधि मंदिर में विशेष पूजा की। भारत और चीन के दोस्ताना रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए भगवान बुद्ध से दुआ मांगी। चीनी पर्यटकों ने बुद्धम शरणं गच्छामि, धम्मं शरणं गच्छामि मंत्र के साथ ह्वेनसांग के संदेशों के पुनर्जागरण का एहसास कराया। चीन से बोधगया पहुंचे चीनी पर्यटकों ने भारत व चीन के झंडे के साथ महाबोधि महाबोधि मंदिर गए और भगवान बुद्ध के चरणों में मत्था टेका। फिर भारत और चीन के रिश्ते की मजबूती के लिए बुद्ध से प्रार्थना की। पवित्र बोधि वृक्ष के नीचे करीब दो घंटे तक चली विशेष पूजा में विभिन्न देशों के बौद्ध गुरु शामिल हुए और सभी बौद्ध गुरुओं ने दुनियां की खुशहाली की प्रार्थना की। कोलकता इंडिया बुद्धिस्ट एसोसिएशन के नेतृत्व में आयोजित पूजा में चाइना, म्यांमार, थाइलैंड, बंगलादेश, वियतनाम सहित अन्य देशों के बौद्ध भिक्षु शामिल हुए और विश्वशांति का सामूहिक उद्घोष किया। इसके बाद सभी बौद्ध श्रद्धालु बोधगया स्थित चाइना मंदिर पहुंचे। वहां मंदिर के गर्भगृह में पूजा-पाठ किया। इसके बाद दोनों देशों के मैत्री रिश्ते पर चर्चा की गई।Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.