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इंडियन एमबेंसी ने की पुष्टि- चीन में अमन नागसेन की हुई थी हत्या, बौद्ध भिक्षुओं ने की शव को भारत लाने की मांग

गया (Gaya) के रहने वाले अमन नागसेन चीन में पढ़ाई के लिए गया था. जहां पिछले दिनों उसकी हत्या कर दी गई लेकिन उसके शव को अबतक भारत नहीं लाया गया है. जिसे लेकर परिजनों में परेशान हैं. वो सरकार से लगातार शव लाने की मांग कर रहे हैं.

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Published : Aug 3, 2021, 9:01 AM IST

अमन नागसेन के शव को भारत लाने की मांग
अमन नागसेन के शव को भारत लाने की मांग

गया: बिहार के गया पुलिस लाइन ( Police Line ) स्थित अंबेडकर नगर के रहने वाले बीजीपी नेता किशोर पासवान के बड़े भाई उदय पासवान के इकलौते पुत्र अमन नागसेन (Aman Nagsen) चीन (China) के तियान जिन यूनिवर्सिटी में बिजनेस स्टडी का कोर्स कर रहा था. पिछले दिनों उसकी हत्या (Murder) कर दी गयी. हत्या के बाद विश्वविद्यालय ने परिजनों को सिर्फ मौत की सूचना दी थी.

ये भी पढ़ें:Gaya News: अमन नागसेन की मौत पर बवाल, शव को स्वदेश लाने के लिए सड़क पर उतरे छात्र

सोमवार को इंडियन एमबेंसी ने अमन के परिजन को मेल कर हत्या होने की सूचना दी है. लेकिन शव कब तक स्वदेश आएगा. इसकी जानकारी परिजनों को नहीं दी गयी है. अमन की हत्या के पांच दिन बीत गए हैं लेकिन भारत सरकार अभी तक शव को स्वदेश लाने के लिए कोई पहल करते नहीं दिख रही है. परिजनों का कहना है कि पांच दिन में आंख के आंसू सुख गए लेकिन सरकार पर कोई असर नहीं हुआ.

देखें ये वीडियो

मृतक के चाचा पंकज पासवान ने बताया कि मुझे जब अमन की मौत की सूचना मिली तो मैं इंडियन एमबेंसी को 30 जुलाई को मेल किया था. उसी मेल के रिप्लाई में इंडियन एमबेंसी ने मेल देकर जानकारी दिया है कि अमन की हत्या हुई है. उन्होंने बताया अमन की हत्या किसी नन चाइनीज ने की है, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है. लेकिन उसका शव कब आएगा इसकी जानकारी नहीं दी गई है.

मृतक नागसेन अमन की छोटी बहन अंशिका गौतम ने बताया कि हमलोग पिछले पांच दिन से भूखे प्यासे बैठे हैं. सभी का रोते-रोते आंख का आंसू गायब हो गया है. सरकार चीन सरकार के सामने कुछ नहीं कर रही है. अमन की मौत हुई या हत्या, इस जानकारी को जुटाने में सरकार को चार दिन लग गया. सरकार से मेरी गुहार है कि अब मेरे भाई की मृत शरीर को हमे लौटा दे.

उधर, अमन के शव को भारत लाने की मांग को लेकर बौद्ध भिक्षुओं ने महाबोधि मंदिर के पास हाथ में कैंडिल और बैनर लेकर नागशेन अमन का शव गया वापस लाने और इंसाफ की मांग की. बौद्ध भिक्षुओं ने कैंडिल मार्च निकालकर अपनी नाराजगी जताई और उसके शव जल्द से जल्द भारत लाने और उसे इंसाफ दिलाने की मांग की.

महाबोधि मंदिर के पूर्व पुजारी भंते सत्यानंद ने कहा कि चीन ने अपना क्रूर रूप दिखाया है अगर उसकी हत्या हुई तो परिजनों को तुरन्त क्यों नहीं बताया गया. परिजनों को नहीं तो सरकार को बता देना चाहिए था लेकिन चीन ने इस घटना को छुपाया. वहीं हत्या के बाद छात्र के शव को अब तक भारत नहीं लाया जा सका है. इससे लोगों में गुस्सा है.

ये भी पढ़ें:चीन में पढ़ने गए बिहार के छात्र की मौत, भाजपा सांसद ने की विदेश राज्य मंत्री से संज्ञान लेने की मांग

गया: बिहार के गया पुलिस लाइन ( Police Line ) स्थित अंबेडकर नगर के रहने वाले बीजीपी नेता किशोर पासवान के बड़े भाई उदय पासवान के इकलौते पुत्र अमन नागसेन (Aman Nagsen) चीन (China) के तियान जिन यूनिवर्सिटी में बिजनेस स्टडी का कोर्स कर रहा था. पिछले दिनों उसकी हत्या (Murder) कर दी गयी. हत्या के बाद विश्वविद्यालय ने परिजनों को सिर्फ मौत की सूचना दी थी.

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सोमवार को इंडियन एमबेंसी ने अमन के परिजन को मेल कर हत्या होने की सूचना दी है. लेकिन शव कब तक स्वदेश आएगा. इसकी जानकारी परिजनों को नहीं दी गयी है. अमन की हत्या के पांच दिन बीत गए हैं लेकिन भारत सरकार अभी तक शव को स्वदेश लाने के लिए कोई पहल करते नहीं दिख रही है. परिजनों का कहना है कि पांच दिन में आंख के आंसू सुख गए लेकिन सरकार पर कोई असर नहीं हुआ.

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मृतक के चाचा पंकज पासवान ने बताया कि मुझे जब अमन की मौत की सूचना मिली तो मैं इंडियन एमबेंसी को 30 जुलाई को मेल किया था. उसी मेल के रिप्लाई में इंडियन एमबेंसी ने मेल देकर जानकारी दिया है कि अमन की हत्या हुई है. उन्होंने बताया अमन की हत्या किसी नन चाइनीज ने की है, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है. लेकिन उसका शव कब आएगा इसकी जानकारी नहीं दी गई है.

मृतक नागसेन अमन की छोटी बहन अंशिका गौतम ने बताया कि हमलोग पिछले पांच दिन से भूखे प्यासे बैठे हैं. सभी का रोते-रोते आंख का आंसू गायब हो गया है. सरकार चीन सरकार के सामने कुछ नहीं कर रही है. अमन की मौत हुई या हत्या, इस जानकारी को जुटाने में सरकार को चार दिन लग गया. सरकार से मेरी गुहार है कि अब मेरे भाई की मृत शरीर को हमे लौटा दे.

उधर, अमन के शव को भारत लाने की मांग को लेकर बौद्ध भिक्षुओं ने महाबोधि मंदिर के पास हाथ में कैंडिल और बैनर लेकर नागशेन अमन का शव गया वापस लाने और इंसाफ की मांग की. बौद्ध भिक्षुओं ने कैंडिल मार्च निकालकर अपनी नाराजगी जताई और उसके शव जल्द से जल्द भारत लाने और उसे इंसाफ दिलाने की मांग की.

महाबोधि मंदिर के पूर्व पुजारी भंते सत्यानंद ने कहा कि चीन ने अपना क्रूर रूप दिखाया है अगर उसकी हत्या हुई तो परिजनों को तुरन्त क्यों नहीं बताया गया. परिजनों को नहीं तो सरकार को बता देना चाहिए था लेकिन चीन ने इस घटना को छुपाया. वहीं हत्या के बाद छात्र के शव को अब तक भारत नहीं लाया जा सका है. इससे लोगों में गुस्सा है.

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