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अब घर बैठे कर सकेंगे पितरों का तर्पण, सरकार ने लॉन्च की ई-पिंडदान की सुविधा

ऑनलाइन पिंडदान की सुविधा में लोगों को एक तय राशि का भुगतान करना होगा. ऑनलाइन पेमेंट करके वह इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं. इस सुविधा में पंडितों की ओर से तीन जगहों पर विष्णुपद मंदिर, अक्षय वट और फल्गु नदी में पिंडदान कराया जाएगा.

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Published : Sep 13, 2019, 8:54 AM IST

पिंडदान

पटना: 'मोक्ष नगरी' गया में पितृपक्ष मेले की शुरुआत हो चुकी है. सरकार की ओर से यहां पिंडदान करने आने वाले श्रद्धालुओं की सहूलियत का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. ई-टिकट, ई-रिक्शा, ई-चालान और तमाम इलेक्ट्रॉनिक सुविधाओं के बीच इस बार बिहार पर्यटन ने ई-पिंडदान की भी सुविधा दी है.

वैसे श्रद्धालु जो पितृपक्ष के दौरान गया जाकर पिंडदान नहीं कर सकते हैं, उनके लिए यह सुविधा बेहतरीन साबित होगी. वह इस सुविधा का लाभ उठा कर घर बैठे ही पितरों का तर्पण कर सकते हैं. बिहार स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने इसी साल से ई पिंडदान की सुविधा शुरू की है.

patna
बिहार स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन

इच्छा होते हुए भी नहीं पहुंचे पाते थे कई लोग
गौरतलब है कि बिहार में आयोजित पितृपक्ष मेला के दौरान हर साल हजारों की संख्या में देश और विदेश से लोग तर्पण करने आते हैं. लेकिन, कई हजार लोग ऐसे भी हैं जिनकी इच्छा होते हुए भी वह पिंडों के तर्पण के लिए गया नहीं पहुंच पाते हैं. इस साल से यह लोग भी अपने पिंडों का तर्पण कर पाऐंगे, वह भी घर पर बैठकर .

patna
पिंडदान

ऑनलाइन करें आवेदन
बता दें कि ऑनलाइन पिंडदान की सुविधा में लोगों को एक तय राशि का भुगतान करना होगा. ऑनलाइन पेमेंट करके वह इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं. इस सुविधा में पंडितों की ओर से तीन जगहों पर विष्णुपद मंदिर, अक्षय वट और फल्गु नदी में पिंडदान कराया जाएगा.

रिकार्ड की जाएगी पूरी प्रक्रिया
बता दें कि पिंडों का तर्पण पूरे मंत्रोच्चार, दान दक्षिणा और पूजा सामग्री विधि विधान से होगा. इस दौरान पूरे विधान की वीडियो रिकॉर्डिंग होगी. जिसकी सीडी, डीवीडी और पेन ड्राइव तैयार करके पंडा संबंधित व्यक्ति को उपलब्ध कराएगा.

ईटीवी भारत संवाददाता अमित वर्मा ने दी जानकारी

साउथ इंडिया के लोगों का रूझान अधिक
पर्यावरण विभाग के सूत्रों के मुताबिक सबसे ज्यादा बुकिंग और बुकिंग के लिए कॉल साउथ इंडिया से आ रही है. विशेष रुप से तमिलनाडु और केरल के पर्यटक ई पिंडदान में रुचि दिखा रहे हैं. इसके अलावा पितृपक्ष मेला में बड़ी संख्या में लोगों ने ठहरने और आने-जाने से लेकर पंडित और पूजा सामग्री की बुकिंग कराई है.

पटना: 'मोक्ष नगरी' गया में पितृपक्ष मेले की शुरुआत हो चुकी है. सरकार की ओर से यहां पिंडदान करने आने वाले श्रद्धालुओं की सहूलियत का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. ई-टिकट, ई-रिक्शा, ई-चालान और तमाम इलेक्ट्रॉनिक सुविधाओं के बीच इस बार बिहार पर्यटन ने ई-पिंडदान की भी सुविधा दी है.

वैसे श्रद्धालु जो पितृपक्ष के दौरान गया जाकर पिंडदान नहीं कर सकते हैं, उनके लिए यह सुविधा बेहतरीन साबित होगी. वह इस सुविधा का लाभ उठा कर घर बैठे ही पितरों का तर्पण कर सकते हैं. बिहार स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने इसी साल से ई पिंडदान की सुविधा शुरू की है.

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बिहार स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन

इच्छा होते हुए भी नहीं पहुंचे पाते थे कई लोग
गौरतलब है कि बिहार में आयोजित पितृपक्ष मेला के दौरान हर साल हजारों की संख्या में देश और विदेश से लोग तर्पण करने आते हैं. लेकिन, कई हजार लोग ऐसे भी हैं जिनकी इच्छा होते हुए भी वह पिंडों के तर्पण के लिए गया नहीं पहुंच पाते हैं. इस साल से यह लोग भी अपने पिंडों का तर्पण कर पाऐंगे, वह भी घर पर बैठकर .

patna
पिंडदान

ऑनलाइन करें आवेदन
बता दें कि ऑनलाइन पिंडदान की सुविधा में लोगों को एक तय राशि का भुगतान करना होगा. ऑनलाइन पेमेंट करके वह इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं. इस सुविधा में पंडितों की ओर से तीन जगहों पर विष्णुपद मंदिर, अक्षय वट और फल्गु नदी में पिंडदान कराया जाएगा.

रिकार्ड की जाएगी पूरी प्रक्रिया
बता दें कि पिंडों का तर्पण पूरे मंत्रोच्चार, दान दक्षिणा और पूजा सामग्री विधि विधान से होगा. इस दौरान पूरे विधान की वीडियो रिकॉर्डिंग होगी. जिसकी सीडी, डीवीडी और पेन ड्राइव तैयार करके पंडा संबंधित व्यक्ति को उपलब्ध कराएगा.

ईटीवी भारत संवाददाता अमित वर्मा ने दी जानकारी

साउथ इंडिया के लोगों का रूझान अधिक
पर्यावरण विभाग के सूत्रों के मुताबिक सबसे ज्यादा बुकिंग और बुकिंग के लिए कॉल साउथ इंडिया से आ रही है. विशेष रुप से तमिलनाडु और केरल के पर्यटक ई पिंडदान में रुचि दिखा रहे हैं. इसके अलावा पितृपक्ष मेला में बड़ी संख्या में लोगों ने ठहरने और आने-जाने से लेकर पंडित और पूजा सामग्री की बुकिंग कराई है.

Intro:ई टिकट, ई-रिक्शा, ई चालान और तमाम इलेक्ट्रॉनिक सुविधाओं के बीच इस बार बिहार पर्यटन ने ई पिंडदान की सुविधा दी है। जो श्रद्धालु पितृपक्ष के दौरान गया में खुदा कर पिंड दान नहीं कर सकते वह इस सुविधा का लाभ उठा कर पितरों का तर्पण कर सकते हैं। बड़ी संख्या में लोग इसमें दिलचस्पी दिखा रहे हैं। पूरी जानकारी दे रहे हैं पटना संवाददाता अमित वर्मा


Body:हर साल बिहार में पितृपक्ष मेले के दौरान हजारों की संख्या में देसी और विदेशी पर्यटक गया पहुंचते हैं और पितरों को पिंडदान अर्पण करते हैं। लेकिन ऐसी भी संख्या हजारों में है जो लोग चाहते हुए भी इस दौरान गया नहीं पहुंच पाते। ऐसे लोगों के लिए बिहार स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने इस साल से ई पिंडदान की सुविधा दी है।
ऑनलाइन ई पिंडदान की सुविधा में लोग एक तय राशि ऑनलाइन पेमेंट करके इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं। इस सुविधा में पंडित के द्वारा तीन जगहों पर विष्णुपद मंदिर, अक्षय वट और फल्गु नदी में पिंडदान कराया जाएगा। उसका मंत्रोच्चार, दान दक्षिणा और पूजा सामग्री विधि विधान से होगा और उस पूरे विधान की संपूर्ण वीडियो रिकॉर्डिंग होगी, जिसकी सीडी डीवीडी और पेन ड्राइव तैयार करके पंडा संबंधित व्यक्ति को उपलब्ध कराएगा।
पर्यावरण विभाग के सूत्रों के मुताबिक सबसे ज्यादा बुकिंग और बुकिंग के लिए कॉल साउथ इंडिया से आ रही है विशेष रुप से तमिलनाडु और केरल के पर्यटक ई पिंडदान में रुचि दिखा रहे हैं।


Conclusion:इसके अलावा पितृपक्ष मेला में बड़ी संख्या में लोगों ने ठहरने और आने जाने से लेकर पंडित और पूजा सामग्री की बुकिंग कराई है।
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