गया: जिले में ईटीवी भारत की खबर 'कैद में जीवनदायिनी' का बड़ा असर हुआ है. दरअसल, पूर्व सांसद हरि मांझी ने सांसद निधि से दो एम्बुलेंस (Ambulance) दी थीं, लेकिन दोनों एम्बुलेंस महज एक आदेश के लिए कोविड अस्पताल में सड़ रही हैं.
ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया था. जिसके बाद गया सांसद विजय मांझी ने कहा कि उसमें तकनीकी दिक्कत आ रही है, सिविल सर्जन के साथ बैठकर उसको चालू करवाने का प्रयास करेंगे.
ये भी पढ़ें- Exclusive: गया में भी एम्बुलेंस चहारदीवारी में कैद, सिविल सर्जन आवास में बनी शोभा की वस्तु
कर्मचारी के वेतन पर फंसा पेंच
''मैंने दोनों एम्बुलेंस चालू करवाने को लेकर सिविल सर्जन से बात की है. एम्बुलेंस को चालू करवाने के लिए सिविल सर्जन के साथ बैठकर समाधान निकालेंगे. तीनो एम्बुलेंस आधुनिक हैं. सिविल सर्जन को इसको चालू करवाने का प्रयास करना चाहिए. इसमें स्टाफ की जरूरत है, उसको भी पूरा करना है. इसमें दिक्कत ये आ रही है कि एम्बुलेंस में कार्यरत स्टाफ को वेतन कौन देगा, सरकार देगी या संस्था ये तय करना होगा.''- विजय मांझी, सांसद, गया
क्या है पूरा मामला?
गया में जिला स्वास्थ्य विभाग ने दो मिनी हॉस्पिटल जैसे एम्बुलेंस को सड़ने को छोड़ दिया है. एक कोविड अस्पताल के समीप है, तो वहीं, दूसरी सिविल सर्जन के आवास में खड़ी है. दोनों ही आधुनिक मशीनों से लैस एम्बुलेंस चालक के अभाव में सड़ती रहीं.
इन दो एम्बुलेंसों को पूर्व सांसद हरि मांझी ने दिया था. लेकिन दोनों एम्बुलेंस महज एक आदेश के लिए कोविड अस्पताल में सड़ रही हैं और दूसरी सिविल सर्जन आवास की शोभा की वस्तु बनी हुई हैं.
ये भी पढ़ें- Patna Corona Update: कोरोना संक्रमण की रफ्तार पर लगी ब्रेक, जानें कुल एक्टिव मरीजों की संख्या
जिला स्वास्थ्य समिति को सौंपी थी एम्बुलेंस
पूर्व सांसद हरि मांझी ने सुदूर क्षेत्रों में मिनी अस्पताल जैसी दो एम्बुलेंसों को जिला स्वास्थ्य समिति को सौंपा था. जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में महामारी या आपदा में इलाज हो सके. लेकिन एक आदेश की वजह से ये दो एम्बुलेंस सालों से सड़ रही हैं.
जिस पर पूर्व सांसद ने कहा था कि मेरा जो दायित्व था उसे मैंने पूरा कर दिया था. इसे जिला स्वास्थ्य समिति को संचालित करना था. लेकिन सालों बीतने पर भी एक किलोमीटर भी नहीं चली हैं.