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बिहार के गया में भी बैंक कर्मियों का विरोध प्रदर्शन, विलय नीति का विरोध - गया में बैंक कर्मियों का प्रदर्शन

बैंकों के निजीकरण को लेकर देश भर में बैंक कर्मी हड़ताल पर हैं. बिहार के गया में भी बैंक कर्मियों ने विरोध-प्रदर्शन किया. और मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

gaya news bank worker protest
गया में बैंक कर्मियों का प्रदर्शन
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Published : Mar 16, 2021, 6:28 PM IST

गया : यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के बैनर तले बैंक कर्मियों ने दूसरे दिन भी हड़ताल जारी रखा. दूसरे दिन भी बैंकों में ताले लटके रहे और बैंक से होने वाले सारे कार्य ठप पड़े रहे. इस दौरान बैंककर्मी बैंकों के मुख्य द्वार पर ही बैठ गए और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते रहे.

निजीकरण का विरोध
हड़ताल में शामिल बैंक अधिकारी विनोद कुमार मिश्रा ने कहा कि सरकार द्वारा लाए गए बजट में राष्ट्रीयकृत बैंकों का विलय करने की नीति बहुत ही गलत है. इसी के विरोध में हमलोगों ने दो दिवसीय हड़ताल का कार्यक्रम रखा था. दूसरे दिन भी हमारा. ड़ताल जारी है. इस दौरान बैंक से संबंधित कोई भी कार्य कर्मियों के द्वारा नहीं किया गया है.

हमलोग लगातार सरकार से मांग कर रहे हैं कि बैंकों का निजीकरण बंद किया जाए. सरकार के सारे कार्य बैंकों के द्वारा होते हैं. सरकार के सामाजिक कार्यों को हमलोग ईमानदारी पूर्वक निभाते हैं. लेकिन सरकार ने इस तरह का निर्णय लेकर हमें सड़क पर लाने का कार्य किया है. जो कहीं से भी सही नहीं है.

'जब सरकार को अपने फायदे की बात होती है तो बैंकों के हितों की बात करते हैं. लेकिन मतलब निकल जाने के बाद बैंक कर्मियों को ही सड़क पर लाने का कार्य सरकार कर रही है. कुछ खास लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से भारत सरकार ने यह निर्णय लिया है. जो पूरी तरह गलत है. जब तक हमारी मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक हमलोग आंदोलनरत रहेंगे. निजीकरण के खिलाफ पूरे देश में बैंक कर्मी हड़ताल पर हैं' विनोद कुमार मिश्रा, बैंक अधिकारी

गया : यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के बैनर तले बैंक कर्मियों ने दूसरे दिन भी हड़ताल जारी रखा. दूसरे दिन भी बैंकों में ताले लटके रहे और बैंक से होने वाले सारे कार्य ठप पड़े रहे. इस दौरान बैंककर्मी बैंकों के मुख्य द्वार पर ही बैठ गए और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते रहे.

निजीकरण का विरोध
हड़ताल में शामिल बैंक अधिकारी विनोद कुमार मिश्रा ने कहा कि सरकार द्वारा लाए गए बजट में राष्ट्रीयकृत बैंकों का विलय करने की नीति बहुत ही गलत है. इसी के विरोध में हमलोगों ने दो दिवसीय हड़ताल का कार्यक्रम रखा था. दूसरे दिन भी हमारा. ड़ताल जारी है. इस दौरान बैंक से संबंधित कोई भी कार्य कर्मियों के द्वारा नहीं किया गया है.

हमलोग लगातार सरकार से मांग कर रहे हैं कि बैंकों का निजीकरण बंद किया जाए. सरकार के सारे कार्य बैंकों के द्वारा होते हैं. सरकार के सामाजिक कार्यों को हमलोग ईमानदारी पूर्वक निभाते हैं. लेकिन सरकार ने इस तरह का निर्णय लेकर हमें सड़क पर लाने का कार्य किया है. जो कहीं से भी सही नहीं है.

'जब सरकार को अपने फायदे की बात होती है तो बैंकों के हितों की बात करते हैं. लेकिन मतलब निकल जाने के बाद बैंक कर्मियों को ही सड़क पर लाने का कार्य सरकार कर रही है. कुछ खास लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से भारत सरकार ने यह निर्णय लिया है. जो पूरी तरह गलत है. जब तक हमारी मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक हमलोग आंदोलनरत रहेंगे. निजीकरण के खिलाफ पूरे देश में बैंक कर्मी हड़ताल पर हैं' विनोद कुमार मिश्रा, बैंक अधिकारी

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