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नवनिर्मित राजकीय पॉलिटेक्निक की टूटी चारदीवारी, बुनियादी सुविधाओं का भी है घोर अभाव

नवस्थापित राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज गया में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं बुनियादी सुविधाएं नहीं मिलने के कारण परेशान हैं. कॉलेज में बिजली से लेकर इंटरनेट तक की कोई सुविधा नहीं है.

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राजकीय पॉलिटेक्निक की टूटी चहारदिवारी
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Published : Nov 26, 2019, 8:55 AM IST

गयाः टिकारी अनुमण्डल में नवस्थापित राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में बुनियादी सुविधा का अभाव है. जिस कारण छात्रों के साथ-साथ प्रबंधन को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. राज्य सरकार के राज्य प्रावैधिक शिक्षा परिषद के जरिए शुरू किए गये पॉलिटेक्निक कॉलेज के भवन का निर्माण तो भवन निर्माण विभाग ने करा दिया. लेकिन ये संस्थान अब भी बुनियादी सुविधा से वंचित है.

कॉलेज में चार ट्रेड की होती है पढ़ाई
महाविद्यालय से मिली जानकारी के अनुसार महाविद्यालय में पॉलिटेक्निक की चार ट्रेड की पढ़ाई होती है. जिनमें सिविल, मेकैनिकल, इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल है. बीते सितंबर महीने से सत्र 2019-22 के छात्रों के लिए शुरू हुई पढ़ाई में सुविधा के पूर्ण रुप से बहाल नहीं होने के कारण उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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राजकीय पॉलिटेक्निक की टूटी चारदीवारी

कॉलेज में नहीं है कोई सुविधा
कॉलेज में कुल 300 छात्रों और 105 छात्राओं के लिए छात्रावास बनाया गया है. लेकिन छात्रावास में किसी तरह की सुविधा बहाल नहीं होने से छात्र-छात्राओं को छात्रावास नहीं मिल पा रहा है. महाविद्यालय में कुल आठ नियमित शिक्षक है और 14 शिक्षकों की नियुक्ति अतिथि व्याख्याता के रूप में की गई है।.वर्तमान में महाविद्यालय में पहले, तीसरे और पांचवें सेमेस्टर की पढ़ाई सुचारू रूप से चल रही है. तीसरे और पांचवें सेमेस्टर के छात्रों की सेमेस्टर परीक्षा आगामी 21 दिसंबर से ली जानी है.

कॉलेज पहुंचने के लिए नहीं है मार्ग
टिकारी से राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय तक पहूंचने के लिए सड़क भी सही नहीं होने के कारण छात्रों और शिक्षकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. महाविद्यालय प्रबंधन के जरिए कई बार सड़क बनाने और टिकारी से कॉलेज तक परिवहन व्यवस्था करने की मांग की जा चुकी है. लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है.

राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज सुविधाओं का घोर अभाव और जानकारी देते प्राचार्य

ये भी पढ़ेंः बोले CM नीतीश- अब शराब पीने नहीं आता कोई बिहार, शराबबंदी के बाद बढ़ी है पर्यटकों की संख्या

गिर चुकी कॉलेज की चाहरदिवारी
भवन निर्माण विभाग के जरिए निर्मित कॉलेज की चाहरदिवारी एक तरफ से बीते महीने आई तेज बारिश के बाद गिर गई, जो विभाग के जरिए कराए गए कामों पर भी सवाल खड़ा कर रहा है. कॉलेज के पश्चिम दक्षिण दिशा की चाहरदिवारी लगभग 50 फिट तक पूरी तरह गिर चुकी है. अन्य चाहरदिवारी गिरने के कगार पर है. चाहरदिवारी गिरने से महाविद्यालय के कैंटीन के पास का भूमि में दरार आ गई है, जो बड़ी दुर्घटना को आमंत्रित कर रहा है.

कॉलेज में कई अहम सुविधा नदारद
कॉलेज परिसर में कई सुविधा जैसे मैदान, छात्रावास, कैंटीन समेत अन्य सुविधा से छात्र अब भी वंचित है. कॉलेज में प्रस्तावित खेल मैदान के मध्य में गांव का मंदिर आ जाने से मैदान का प्रस्ताव अधर में लटका है. मंदिर हटाने की बात पर में ग्रामीणों नाराज हो गए थे. महाविद्यालय में आग से बचने के लिए लगाये गए फायर सेफ्टी की जानकारी अभी तक संवेदक के जरिए कॉलेज प्रबंधन को नहीं दी गई है.

खतरे की घंटी बना लिफ्ट के लिए बना गड्ढा
भवन निर्माण विभाग के जरिए अशक्त छात्रों के लिए लगाए जाने वाले लिफ्ट के लिए गड्ढा करके छोड़ दिया गया है. जिससे खतरे की आशंका बनी रहती है. कॉलेज प्रबंधन के जरिए गड्ढे को बांस बल्ला से घेरा दिया गया है, ताकि कोई छात्र और शिक्षक उधर नहीं जा सके. इसके अलावा महाविद्यालय में बिजली को लेकर भी कई समस्या आ रही है. जानकारी के अनुसार विधुत विभाग ने बिल बकाया होने का हवाला देकर कॉलेज का बिजली कनेक्शन काट दिया था.

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बयान देते कॉलेज के प्राचार्य

कॉलेज में इंटरनेट की सुविधा नहीं
राज्य सरकार ने सभी कॉलेजों में इंटरनेट की सुविधा बहाल किये जाने की बात कही थी. लेकिन राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय में अब तक इंटरनेट की सुविधा बहाल नहीं की गई है, जिससे छात्रों के साथ-साथ महाविद्यालय प्रशासन को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

'जल्द बहाल होगी सारी सुविधा'
कॉलेज के प्राचार्य सुशील कुमार ने कहा कि महाविद्यालय को अपना भवन तो मिल गया. लेकिन सुविधा न के बराबर है. बीते 22 नवम्बर को पटना में आयोजित विभागीय बैठक में प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद के समक्ष कॉलेज से सम्बंधित सभी समस्या के निराकरण की मांग की गई है. प्राचार्य ने कहा कि उम्मीद है कि जल्द ही यह कॉलेज सुविधा और संसाधनों से सम्पन्न हो जाएगा.

गयाः टिकारी अनुमण्डल में नवस्थापित राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में बुनियादी सुविधा का अभाव है. जिस कारण छात्रों के साथ-साथ प्रबंधन को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. राज्य सरकार के राज्य प्रावैधिक शिक्षा परिषद के जरिए शुरू किए गये पॉलिटेक्निक कॉलेज के भवन का निर्माण तो भवन निर्माण विभाग ने करा दिया. लेकिन ये संस्थान अब भी बुनियादी सुविधा से वंचित है.

कॉलेज में चार ट्रेड की होती है पढ़ाई
महाविद्यालय से मिली जानकारी के अनुसार महाविद्यालय में पॉलिटेक्निक की चार ट्रेड की पढ़ाई होती है. जिनमें सिविल, मेकैनिकल, इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल है. बीते सितंबर महीने से सत्र 2019-22 के छात्रों के लिए शुरू हुई पढ़ाई में सुविधा के पूर्ण रुप से बहाल नहीं होने के कारण उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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राजकीय पॉलिटेक्निक की टूटी चारदीवारी

कॉलेज में नहीं है कोई सुविधा
कॉलेज में कुल 300 छात्रों और 105 छात्राओं के लिए छात्रावास बनाया गया है. लेकिन छात्रावास में किसी तरह की सुविधा बहाल नहीं होने से छात्र-छात्राओं को छात्रावास नहीं मिल पा रहा है. महाविद्यालय में कुल आठ नियमित शिक्षक है और 14 शिक्षकों की नियुक्ति अतिथि व्याख्याता के रूप में की गई है।.वर्तमान में महाविद्यालय में पहले, तीसरे और पांचवें सेमेस्टर की पढ़ाई सुचारू रूप से चल रही है. तीसरे और पांचवें सेमेस्टर के छात्रों की सेमेस्टर परीक्षा आगामी 21 दिसंबर से ली जानी है.

कॉलेज पहुंचने के लिए नहीं है मार्ग
टिकारी से राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय तक पहूंचने के लिए सड़क भी सही नहीं होने के कारण छात्रों और शिक्षकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. महाविद्यालय प्रबंधन के जरिए कई बार सड़क बनाने और टिकारी से कॉलेज तक परिवहन व्यवस्था करने की मांग की जा चुकी है. लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है.

राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज सुविधाओं का घोर अभाव और जानकारी देते प्राचार्य

ये भी पढ़ेंः बोले CM नीतीश- अब शराब पीने नहीं आता कोई बिहार, शराबबंदी के बाद बढ़ी है पर्यटकों की संख्या

गिर चुकी कॉलेज की चाहरदिवारी
भवन निर्माण विभाग के जरिए निर्मित कॉलेज की चाहरदिवारी एक तरफ से बीते महीने आई तेज बारिश के बाद गिर गई, जो विभाग के जरिए कराए गए कामों पर भी सवाल खड़ा कर रहा है. कॉलेज के पश्चिम दक्षिण दिशा की चाहरदिवारी लगभग 50 फिट तक पूरी तरह गिर चुकी है. अन्य चाहरदिवारी गिरने के कगार पर है. चाहरदिवारी गिरने से महाविद्यालय के कैंटीन के पास का भूमि में दरार आ गई है, जो बड़ी दुर्घटना को आमंत्रित कर रहा है.

कॉलेज में कई अहम सुविधा नदारद
कॉलेज परिसर में कई सुविधा जैसे मैदान, छात्रावास, कैंटीन समेत अन्य सुविधा से छात्र अब भी वंचित है. कॉलेज में प्रस्तावित खेल मैदान के मध्य में गांव का मंदिर आ जाने से मैदान का प्रस्ताव अधर में लटका है. मंदिर हटाने की बात पर में ग्रामीणों नाराज हो गए थे. महाविद्यालय में आग से बचने के लिए लगाये गए फायर सेफ्टी की जानकारी अभी तक संवेदक के जरिए कॉलेज प्रबंधन को नहीं दी गई है.

खतरे की घंटी बना लिफ्ट के लिए बना गड्ढा
भवन निर्माण विभाग के जरिए अशक्त छात्रों के लिए लगाए जाने वाले लिफ्ट के लिए गड्ढा करके छोड़ दिया गया है. जिससे खतरे की आशंका बनी रहती है. कॉलेज प्रबंधन के जरिए गड्ढे को बांस बल्ला से घेरा दिया गया है, ताकि कोई छात्र और शिक्षक उधर नहीं जा सके. इसके अलावा महाविद्यालय में बिजली को लेकर भी कई समस्या आ रही है. जानकारी के अनुसार विधुत विभाग ने बिल बकाया होने का हवाला देकर कॉलेज का बिजली कनेक्शन काट दिया था.

gaya
बयान देते कॉलेज के प्राचार्य

कॉलेज में इंटरनेट की सुविधा नहीं
राज्य सरकार ने सभी कॉलेजों में इंटरनेट की सुविधा बहाल किये जाने की बात कही थी. लेकिन राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय में अब तक इंटरनेट की सुविधा बहाल नहीं की गई है, जिससे छात्रों के साथ-साथ महाविद्यालय प्रशासन को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

'जल्द बहाल होगी सारी सुविधा'
कॉलेज के प्राचार्य सुशील कुमार ने कहा कि महाविद्यालय को अपना भवन तो मिल गया. लेकिन सुविधा न के बराबर है. बीते 22 नवम्बर को पटना में आयोजित विभागीय बैठक में प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद के समक्ष कॉलेज से सम्बंधित सभी समस्या के निराकरण की मांग की गई है. प्राचार्य ने कहा कि उम्मीद है कि जल्द ही यह कॉलेज सुविधा और संसाधनों से सम्पन्न हो जाएगा.

Intro:टिकारी अनुमण्डल में नवस्थापित राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में छात्रों के हित मे बुनियादी सुविधा बहाल नही होने से छात्रों के साथ साथ प्रबंधन को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। राज्य सरकार के राज्य प्रावैधिक शिक्षा परिषद द्वारा शुरू किए गये पॉलिटेक्निक कॉलेज की भवन का निर्माण तो भवन निर्माण विभाग द्वारा कर दिया गया लेकिन अब भी संस्थान बुनियादी सुविधा से वंचित है । संस्थान में बुनियादी सुविधा का न होना राज्य सरकार के शिक्षा के प्रति सजगता पर गहरा प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहा है। Body:कॉलेज में चार ट्रेड की होती है पढ़ाई

महाविद्यालय से मिली जानकारी के अनुसार महाविद्यालय में पॉलिटेक्निक की चार ट्रेड की पढ़ाई होती है। जो क्रमशः सिविल, मेकैनिकल, इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक्स है। बीते सितंबर माह से सत्र 2019-22 के छात्रों के लिए शुरू हुई पढ़ाई सुविधा के पूर्ण रुप से बहाल नही होने के कारण छात्रों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

कॉलेज में नही है कोई सुविधा

महाविद्यालय प्रशासन के अनुसार महाविद्यालय में शैक्षणिक सत्र शुरू होने के बाद से अभी तक भवन निर्माण विभाग द्वारा महाविद्यालय की भवनों को पूरी तरह से नही सौंपा गया है। महाविद्यालय ने कुल 300 छात्रों एवं 105 छात्राओं के लिए छात्रावास बनाई गई है लेकिन छात्रावास में किसी तरह की सुविधा बहाल नही होने से छात्र छात्राओं को छात्रावास की सुविधा नही मिल पा रही है।

महाविद्यालय में परिषद द्वारा कुल आठ नियमित शिक्षक है एवं 14 शिक्षकों की नियुक्ति अतिथि व्याख्याता के रूप में की गई है। वर्तमान में महाविद्यालय में पहले, तीसरे एवं पांचवें सेमेस्टर की पढ़ाई सुचारू रूप से चल रही है। तीसरे एवं पांचवें सेमेस्टर के छात्रों की सेमेस्टर परीक्षा आगामी 21 दिसंबर से ली जानी है। ऑड इवेन की तर्ज पर सेमेस्टर की पढ़ाई महाविद्यालय में कराई जा रही है।


महाविधालय पहुंचने के लिए नही है मार्ग

टिकारी से राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय तक पहूंचने के लिए पहुँच पथ नही होने के कारण छात्रों एवं शिक्षकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा कई बार सड़क बनाने की माँग एवं टिकारी से महाविद्यालय तक परिवहन व्यवस्था करने की मांग की जा चुकी है।

महाविद्यालय की चाहरदिवारी का एक हिस्सा गिर चुका

भवन निर्माण विभाग द्वारा निर्मित महाविद्यालय की चाहरदिवारी बीते महीने आये तेज बारिश के बाद गिर गई जो भवन निर्माण विभाग के कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रहा है। महाविद्यालय के पश्चिम दक्षिण दिशा की चाहरदिवारी लगभग 50 फिट तक पूरी तरह गिर चुकी है और अन्य चाहरदिवारी गिरने के कगार पर है । चाहरदिवारी गिरने से महाविद्यालय के कैंटीन के समीप का भूमि में दरार आ गए है जो बड़ी दुर्घटना को आमंत्रित कर रहा है। महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा छात्रों को उस ओर जाने की सख्त मनाही की गई है।

महाविद्यालय में कई सुविधा नदारद

महाविद्यालय की परिसर में कई सुविधा जैसे मैदान, छात्रावास, कैंटीन सहित अन्य सुविधा से छात्र अब भी वंचित है । महाविद्यालय में प्रस्तावित खेल मैदान के मध्य में गाँव की मंदिर आ जाने से मैदान का प्रस्ताव अधर में लटका है। मंदिर हटाने के विरोध में ग्रामीणों द्वारा स्वर मुखर किये जाने के बाद संवेदक द्वारा मंदिर नही हटाने की बात कही गई। महाविद्यालय में अब भी निर्माण कार्य शुरू रहने से छात्रों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। महाविद्यालय में आग से बचने के लिए लगाये गए फायर सेफ्टी की जानकारी अभी तक संवेदक द्वारा महाविद्यालय प्रबंधन को नही दी गई है।

लिफ्ट के लिए बने गड्ढे खतरे की घंटी है बनी

भवन निर्माण विभाग द्वारा अशक्त छात्रों के लिए भवन में बनाये जा रहे लिफ्ट के लिए महज गड्ढे कर छोड़ दिया गया है । भवन में गड्ढे के होने से खतरे की आशंका बनी रहती है । महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा गड्ढे के समीप बांस बल्ला की मदद से घेरा दिया गया है ताकि कोई छात्र व शिक्षक उधर नही जा सके।

महाविद्यालय में इंटरनेट की सुविधा नही

राज्य सरकार द्वारा सभी महाविद्यालयों में इंटरनेट की सुविधा बहाल किये जाने की बात तो कही गई लेकिन राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय में अब तक इंटरनेट की सुविधा बहाल नही की गई है, जिससे छात्रों के साथ साथ महाविद्यालय प्रशासन को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इसके अलावा महाविद्यालय में बिजली को लेकर भी कई समस्या आ रही है। जानकारी के अनुसार विधुत विभाग ने विद्युत बिल बकाया अधिक होने का हवाला देकर महाविद्यालय की विधुत कनेक्शन को काट दिया गया था जबकि पूर्व में भवन निर्माण विभाग द्वारा विधुत की खपत की गई थी जो अभी तक भुगतान नही किया गया है।

बीते जुलाई में पहले प्राचार्य के तौर पर योगदान दिए महाविद्यालय के प्राचार्य सुशील कुमार ने कहा कि महाविद्यालय को अपना भवन तो मिल गया लेकिन सुविधा न के बराबर है। बीते 22 नवम्बर को पटना में आयोजित विभागीय बैठक में प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद के समक्ष महाविद्यालय से सम्बंधित सभी समस्या को बताकर उसके निराकरण की माँग की गई है। उम्मीद है शीघ्र ही महाविद्यालय सुविधा एवं संसाधन सम्पन्न हो जाएगा। आवश्यक रूप से महाविद्यालय तक सड़क निर्माण व टिकारी से महाविद्यालय तक परिवहन की व्यवस्था की जानी चाहिए। पूर्व में भी कई बार विभाग को पत्र लिखा गया है।Conclusion:
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