गयाः टिकारी अनुमण्डल में नवस्थापित राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में बुनियादी सुविधा का अभाव है. जिस कारण छात्रों के साथ-साथ प्रबंधन को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. राज्य सरकार के राज्य प्रावैधिक शिक्षा परिषद के जरिए शुरू किए गये पॉलिटेक्निक कॉलेज के भवन का निर्माण तो भवन निर्माण विभाग ने करा दिया. लेकिन ये संस्थान अब भी बुनियादी सुविधा से वंचित है.
कॉलेज में चार ट्रेड की होती है पढ़ाई
महाविद्यालय से मिली जानकारी के अनुसार महाविद्यालय में पॉलिटेक्निक की चार ट्रेड की पढ़ाई होती है. जिनमें सिविल, मेकैनिकल, इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल है. बीते सितंबर महीने से सत्र 2019-22 के छात्रों के लिए शुरू हुई पढ़ाई में सुविधा के पूर्ण रुप से बहाल नहीं होने के कारण उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
कॉलेज में नहीं है कोई सुविधा
कॉलेज में कुल 300 छात्रों और 105 छात्राओं के लिए छात्रावास बनाया गया है. लेकिन छात्रावास में किसी तरह की सुविधा बहाल नहीं होने से छात्र-छात्राओं को छात्रावास नहीं मिल पा रहा है. महाविद्यालय में कुल आठ नियमित शिक्षक है और 14 शिक्षकों की नियुक्ति अतिथि व्याख्याता के रूप में की गई है।.वर्तमान में महाविद्यालय में पहले, तीसरे और पांचवें सेमेस्टर की पढ़ाई सुचारू रूप से चल रही है. तीसरे और पांचवें सेमेस्टर के छात्रों की सेमेस्टर परीक्षा आगामी 21 दिसंबर से ली जानी है.
कॉलेज पहुंचने के लिए नहीं है मार्ग
टिकारी से राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय तक पहूंचने के लिए सड़क भी सही नहीं होने के कारण छात्रों और शिक्षकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. महाविद्यालय प्रबंधन के जरिए कई बार सड़क बनाने और टिकारी से कॉलेज तक परिवहन व्यवस्था करने की मांग की जा चुकी है. लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है.
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गिर चुकी कॉलेज की चाहरदिवारी
भवन निर्माण विभाग के जरिए निर्मित कॉलेज की चाहरदिवारी एक तरफ से बीते महीने आई तेज बारिश के बाद गिर गई, जो विभाग के जरिए कराए गए कामों पर भी सवाल खड़ा कर रहा है. कॉलेज के पश्चिम दक्षिण दिशा की चाहरदिवारी लगभग 50 फिट तक पूरी तरह गिर चुकी है. अन्य चाहरदिवारी गिरने के कगार पर है. चाहरदिवारी गिरने से महाविद्यालय के कैंटीन के पास का भूमि में दरार आ गई है, जो बड़ी दुर्घटना को आमंत्रित कर रहा है.
कॉलेज में कई अहम सुविधा नदारद
कॉलेज परिसर में कई सुविधा जैसे मैदान, छात्रावास, कैंटीन समेत अन्य सुविधा से छात्र अब भी वंचित है. कॉलेज में प्रस्तावित खेल मैदान के मध्य में गांव का मंदिर आ जाने से मैदान का प्रस्ताव अधर में लटका है. मंदिर हटाने की बात पर में ग्रामीणों नाराज हो गए थे. महाविद्यालय में आग से बचने के लिए लगाये गए फायर सेफ्टी की जानकारी अभी तक संवेदक के जरिए कॉलेज प्रबंधन को नहीं दी गई है.
खतरे की घंटी बना लिफ्ट के लिए बना गड्ढा
भवन निर्माण विभाग के जरिए अशक्त छात्रों के लिए लगाए जाने वाले लिफ्ट के लिए गड्ढा करके छोड़ दिया गया है. जिससे खतरे की आशंका बनी रहती है. कॉलेज प्रबंधन के जरिए गड्ढे को बांस बल्ला से घेरा दिया गया है, ताकि कोई छात्र और शिक्षक उधर नहीं जा सके. इसके अलावा महाविद्यालय में बिजली को लेकर भी कई समस्या आ रही है. जानकारी के अनुसार विधुत विभाग ने बिल बकाया होने का हवाला देकर कॉलेज का बिजली कनेक्शन काट दिया था.
कॉलेज में इंटरनेट की सुविधा नहीं
राज्य सरकार ने सभी कॉलेजों में इंटरनेट की सुविधा बहाल किये जाने की बात कही थी. लेकिन राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय में अब तक इंटरनेट की सुविधा बहाल नहीं की गई है, जिससे छात्रों के साथ-साथ महाविद्यालय प्रशासन को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
'जल्द बहाल होगी सारी सुविधा'
कॉलेज के प्राचार्य सुशील कुमार ने कहा कि महाविद्यालय को अपना भवन तो मिल गया. लेकिन सुविधा न के बराबर है. बीते 22 नवम्बर को पटना में आयोजित विभागीय बैठक में प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद के समक्ष कॉलेज से सम्बंधित सभी समस्या के निराकरण की मांग की गई है. प्राचार्य ने कहा कि उम्मीद है कि जल्द ही यह कॉलेज सुविधा और संसाधनों से सम्पन्न हो जाएगा.