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गया: 2 डॉक्टरों के भरोसे चलता है CHC, अस्पताल की छत से टपक रहा पानी - gaya

2012 में बनकर तैयार हुए इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सुविधाओं और डॉक्टरों की घोर कमी है. निर्माण कार्य में भी धांधली की बात सामने आई है.

अस्पताल
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Published : Jul 6, 2019, 11:07 AM IST

गयाः जिले के गया-नवादा सड़क मार्ग पर स्थित मानपुर समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खुद ही बीमार है. यहां चिकित्सकों की घोर कमी है. अस्पताल दो ही डॉक्टरों के सहारे चलता है. ड्रेसर और महिला डॉक्टर तो एक भी नहीं है. यहां महिला मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अब आप खुद सोचिये की जिस अस्पताल में डॉक्टर और ड्रेसर ही नहीं हैं वहां मरीजों का इलाज कैसे होगा.

निर्माण कार्य में हुई है धाधंली
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मानपुर का नया भवन 2012 में बनकर तैयार हुआ था. 2012 से 2019 आते-आते भवन के निर्माण में हुई धांधली का सबूत इस बरसात के मौसम में देखने को मिल रहा है. जब बारिश होती है अस्पताल के ओटीए कक्ष में पानी टपकता है. एक तरफ बुनियादी सुविधाओं की भी कमी है तो दूसरी तरफ डॉक्टरों की . यह स्वास्थ्य केंद्र दो चिकित्सकों के भरोसे ही चल रहा है.

HOSPITAL
बंद पड़ा शल्य कक्ष

दो डॉक्टर के भरोसे है सीएचसी
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 13 डॉक्टर का पद सृजित है. इनमें से चार ही डॉक्टर कार्यरत हैं. एक डॉक्टर बीमारी को लेकर काफी दिनों से छुट्टी पर हैं, दूसरे डॉक्टर हज यात्रियों के लिए लगे शिविर में 2 माह के लिए गए हैं. वर्तमान में अस्पताल में चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रत्नेश रत्नेश्वर सिंह और डॉ शशिकांत ही मौजूद हैं.

चतुर्थ श्रेणी के कर्मी करते हैं ड्रोसर का काम
यह अस्पताल 1 लाख 70 हजार आबादी को स्वास्थ्य सेवा देता है और स्टेट हाइवे के नजदीक हैं. यहां आए दिन दुर्घटना में जख्मी हुए मरीज आते हैं. तीन महीने में 200 के लगभग मरीज दुर्घटना से घायल आये हैं. अस्पताल में ड्रेसर की खानापूर्ति करने के लिए चतुर्थ श्रेणी के कर्मी ड्रेसर का काम करते हैं.

एएनएम के सहारे जच्चा और बच्चा
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अधिकतर प्रसव के लिए महिलाएं आती हैं. लेकिन इस अस्पताल में महिला डॉक्टर नहीं रहने से महिलाओं को काफी परेशानी होती है. एएनएम के भरोसे जच्चा और बच्चा रहते हैं. गंभीर हालत में महिला को रेफर किया जाता है. औसतन महीने में 2 सौ से ज्यादा गर्भवती का प्रसव कराया जाता है.

स्पेशल रिपोर्ट

सृजित पदों की संख्या और वर्तमान में स्थिति

  • डॉक्टर का 13 पद सृजित हैं, 4 डॉक्टर अस्पताल में है.
  • ए ग्रेड नर्स का 16 पद सृजित है, एक भी नर्स नहीं है.
  • एएनएम तीन हैं. एक्सरे टेक्निशियन का 3 पद सृजित है.
  • ओटीए टेक्निशियन का 6 पद सृजित है, एक भी नहीं हैं.
  • लैब टेक्नीशियन का 4 पद सृजित है, एक भी नहीं हैं.
  • कंपाउंडर का 6 पद सृजित है, एक भी नहीं है.
  • वार्ड वॉचमैन का 5 पद सृजित है, चार हैं.
  • फार्मासिस्ट का 3 पद सृजित है, 2 ही मौजूद हैं.

अस्पताल प्रबंधक ने क्या कहा
इस सिलसिले में अस्पताल प्रबंधक ने बताया कि अस्पताल एक लाख 70 हजार लोगों को स्वास्थ्य सेवा देती है. अस्पताल में 13 डॉक्टर का पद सृजित हैं लेकिन कार्यरत दो डॉक्टर हैं. A ग्रेड नर्स और ड्रेसर यहां एक भी नहीं हैं. ड्रेसर का कार्य जैसे तैसे कर दिया जाता है. ऊपर का भवन बारिश के दिनों में टपकने लगता है.

गयाः जिले के गया-नवादा सड़क मार्ग पर स्थित मानपुर समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खुद ही बीमार है. यहां चिकित्सकों की घोर कमी है. अस्पताल दो ही डॉक्टरों के सहारे चलता है. ड्रेसर और महिला डॉक्टर तो एक भी नहीं है. यहां महिला मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अब आप खुद सोचिये की जिस अस्पताल में डॉक्टर और ड्रेसर ही नहीं हैं वहां मरीजों का इलाज कैसे होगा.

निर्माण कार्य में हुई है धाधंली
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मानपुर का नया भवन 2012 में बनकर तैयार हुआ था. 2012 से 2019 आते-आते भवन के निर्माण में हुई धांधली का सबूत इस बरसात के मौसम में देखने को मिल रहा है. जब बारिश होती है अस्पताल के ओटीए कक्ष में पानी टपकता है. एक तरफ बुनियादी सुविधाओं की भी कमी है तो दूसरी तरफ डॉक्टरों की . यह स्वास्थ्य केंद्र दो चिकित्सकों के भरोसे ही चल रहा है.

HOSPITAL
बंद पड़ा शल्य कक्ष

दो डॉक्टर के भरोसे है सीएचसी
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 13 डॉक्टर का पद सृजित है. इनमें से चार ही डॉक्टर कार्यरत हैं. एक डॉक्टर बीमारी को लेकर काफी दिनों से छुट्टी पर हैं, दूसरे डॉक्टर हज यात्रियों के लिए लगे शिविर में 2 माह के लिए गए हैं. वर्तमान में अस्पताल में चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रत्नेश रत्नेश्वर सिंह और डॉ शशिकांत ही मौजूद हैं.

चतुर्थ श्रेणी के कर्मी करते हैं ड्रोसर का काम
यह अस्पताल 1 लाख 70 हजार आबादी को स्वास्थ्य सेवा देता है और स्टेट हाइवे के नजदीक हैं. यहां आए दिन दुर्घटना में जख्मी हुए मरीज आते हैं. तीन महीने में 200 के लगभग मरीज दुर्घटना से घायल आये हैं. अस्पताल में ड्रेसर की खानापूर्ति करने के लिए चतुर्थ श्रेणी के कर्मी ड्रेसर का काम करते हैं.

एएनएम के सहारे जच्चा और बच्चा
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अधिकतर प्रसव के लिए महिलाएं आती हैं. लेकिन इस अस्पताल में महिला डॉक्टर नहीं रहने से महिलाओं को काफी परेशानी होती है. एएनएम के भरोसे जच्चा और बच्चा रहते हैं. गंभीर हालत में महिला को रेफर किया जाता है. औसतन महीने में 2 सौ से ज्यादा गर्भवती का प्रसव कराया जाता है.

स्पेशल रिपोर्ट

सृजित पदों की संख्या और वर्तमान में स्थिति

  • डॉक्टर का 13 पद सृजित हैं, 4 डॉक्टर अस्पताल में है.
  • ए ग्रेड नर्स का 16 पद सृजित है, एक भी नर्स नहीं है.
  • एएनएम तीन हैं. एक्सरे टेक्निशियन का 3 पद सृजित है.
  • ओटीए टेक्निशियन का 6 पद सृजित है, एक भी नहीं हैं.
  • लैब टेक्नीशियन का 4 पद सृजित है, एक भी नहीं हैं.
  • कंपाउंडर का 6 पद सृजित है, एक भी नहीं है.
  • वार्ड वॉचमैन का 5 पद सृजित है, चार हैं.
  • फार्मासिस्ट का 3 पद सृजित है, 2 ही मौजूद हैं.

अस्पताल प्रबंधक ने क्या कहा
इस सिलसिले में अस्पताल प्रबंधक ने बताया कि अस्पताल एक लाख 70 हजार लोगों को स्वास्थ्य सेवा देती है. अस्पताल में 13 डॉक्टर का पद सृजित हैं लेकिन कार्यरत दो डॉक्टर हैं. A ग्रेड नर्स और ड्रेसर यहां एक भी नहीं हैं. ड्रेसर का कार्य जैसे तैसे कर दिया जाता है. ऊपर का भवन बारिश के दिनों में टपकने लगता है.

Intro:सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मानपुर का नया भवन 2012 में बनकर तैयार हुआ था। 2012 से 2019 आते-आते भवन में किए गए भ्रष्टाचार का सबूत इस बरसात के मौसम में देखने को मिल रहा है।जब बारिश होता है अस्पताल के ओटीए कक्ष में पानी टपकता है। बुनियादी सुविधाओं में भ्रष्टाचार है तो वही स्वास्थ्य व्यवस्था में घोर कमी है। दो चिकित्सक के भरोसे अस्पताल चल रहा है।


Body:गया- नवादा सड़क मार्ग पर स्थित समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मानपुर में चिकित्सकों का घोर कमी है। अस्पताल में दो डॉक्टर कार्यरत हैं। ड्रेसर एक भी नही है। महिला डॉक्टर भी नही है। जहां मरीजो का इलाज होता हैं सुविधाओं के आभाव में खुद अस्पताल बीमार है। सोचिये बीमार अस्पताल में बीमार मरीज का इलाज कैसे होगा।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 13 डॉक्टर का पद सृजित है।इनमें से चार ही डॉक्टर कार्यरत हैं, एक डॉक्टर बीमारी को लेकर काफी दिनों से छुट्टी पर हैं, दूसरे डॉक्टर हज यात्रियों के लिए लगे शिविर में 2 माह के लिए गए हैं ।वर्तमान में अस्पताल में चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रत्नेश रत्नेश्वर सिंह और डॉ शशिकांत द्वारा किसी तरह चलाया जा रहा है।

अस्पताल 1 लाख 70 हजार आबादी को स्वास्थ्य सेवा देता है और स्टेट हाइवे के नजदीक अस्पताल हैं। यहां आए घटना- दुर्घटना हुए मरीज आते हैं। टीन महीने 200 के लगभग मरीज दुर्घटना से घायल आये हैं। अस्पताल में ड्रेसर हज हैं। खानापूर्ति करने के चतुर्थ श्रेणी के कर्मी ड्रेसर का काम करता है।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अधिकतर प्रसव के लिए मरीज आता हैं लेकिन इस अस्पताल में महिला डॉक्टर नहीं रहने से महिलाओं को काफी परेशानी होती है। एएनएम के भरोसे जज्जा और बच्चा रहता है। गंभीर हालत में अस्पताल के पास एक विकल्प रहता है रेफर करना। औसतन महीना में 2 सौ से ज्यादा गर्भवती का प्रसव कराया जाता है।


Conclusion:अस्पताल प्रबंधक ने बताया अस्पताल एक लाख 70 हजार लोगों को स्वास्थ्य सेवा देती है। अस्पताल में 13 डॉक्टर का पद सृजित हैं लेकिन कार्यरत दो डॉक्टर हैं। A ग्रेड नर्स और ड्रेसर यहां एक भी नही है। ड्रेसर का कार्य जैसे तैसे कर दिया जाता है। ऊपर के भवन में बारिश होने पर टपकता हैं।

डॉक्टर का 13 पद सृजित है लेकिन 4 डॉक्टर अस्पताल में है।

ए ग्रेड नर्स का 16 पद सृजित हैं एक भी नर्स नहीं है।

एएनएम तीन है।। एक्सरे टेक्निशियन का 3 पद सृजित है दो हैं।

ओटीए टेक्निशियन का 6 पद सृजित है एक भी नहीं है।

लैब टेक्नीशियन का 4 पद सृजित है एक भी नहीं है।

कंपाउंडर का 6 पद सृजित है एक भी नहीं है।

वार्ड वॉच का 5 पद सृजित है चार हैं ।

फार्मासिस्ट का 3 पद सृजित है 2 हैं।
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