गयाः बिहार के गया में बाबा बागेश्वर धाम के आचार्य पंडित धीरेंद्र शास्त्री (Baba Dhirendra Krishna Shastri In Gaya) का तीसरे दिन कार्यक्रम संपन्न हो गया. तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान ही उन्होंने अपने पूर्वजों का तर्पण किया. हजारों अनुयायियों और भक्तों के लिए भागवत गीता का मूल पाठ और प्रवचन किया. तीनों दिनों तक बाबा बागेश्वर के दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी रही. बुधवार को बाबा का कार्यक्रम संपन्न हो गया.
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गया की पावन माटी को किया प्रणामः बुधवार की साम 4:40 बजे गया एयरपोर्ट पहुंचे और फिर अपने गंतव्य की ओर हवाई मार्ग से रवाना हो गए. बाबा बागेश्वर ने बोधगया में भागवत गीता का मूल पाठ और प्रवचन के दौरान कहा कि 'गया की पावन माटी को अपने शरीर से लगाकर प्रणाम करता हूं. यही मोक्ष और यही ज्ञान की भूमि है. गया नाम ही बड़ा है. यहां भगवान श्रीहरि विष्णु जी के साक्षात चरण चिन्ह मौजूद हैं'. यहां वह स्थान है, जहां भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी.'
मनोज तिवारी बने सारथीः बाबा बागेश्वर के पाठ-प्रवचन के दौरान 'भारत हिंदू राष्ट्र की जय हो'. 'वीर बजरंगबली की जय हो' के जयकारे गूंंजते रहे. भक्त भक्ति में सराबोर होते रहे. बाबा बागेश्वर धाम के आचार्य पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि मनोज तिवारी हमारे दोस्त हैं. बाबा बागेश्वर के गया आगमन के बाद भाजपा सांसद मनोज तिवारी खुद ड्राइविंग कर बाबा बागेश्वर को गया से बोधगया ले गए थे. तीन दिनों तक के कार्यक्रम में साथ-साथ बने रहे.
भक्तों की उमड़ी भीड़ः गया में बाबा बागेश्वर का आगमन सोमवार को हुआ था. वे सोमवार और मंगलवार को रूके. इसके बाद बुधवार को संध्या के करीब 4:40 पर गया से रवाना हो गए. बाबा बागेश्वर के गया में तीन दिनों के कार्यक्रम के दौरान भक्तों की भीड़ उमड़ी रही. जिस होटल में बाबा बागेश्वर धाम के आचार्य पंडित धीरेंद्र शास्त्री रूके थे, वहां तीनों दिन तक ही भक्तों की भीड़ जुटी रही. होटल के बाहर हजारों की संख्या में भक्त जुटे रहे थे.
होटल तक सीमित रहे बाबा बागेश्वरः बाबा बागेश्वर को कई स्थानों पर जाना था. किंतु उनका कार्यक्रम टाल दिया गया. प्रशासन के द्वारा बाबा बागेश्वर के आगमन को लेकर दिव्य दरबार लगाने की अनुमति नहीं दी गई थी. एक-दो स्थानों पर ही वे गए. वैसे बाबा बागेश्वर ने भी खुद कहा था, पितृपक्ष मेले में लाखों लाख तीर्थयात्री गया जी को आए हुए हैं. तीर्थ यात्रियों को मुश्किल हो सकती है. ऐसे में दिव्या दरबार नहीं लगाएंगे.