गया: बिहार के गया में सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी मिली है. जवानों ने नक्सलियों के गढ़ में घुसकर उनके बंकर को ध्वस्त कर दिया. शिकारी कुआं क्षेत्र में चले ऑपरेशन के दौरान मौके से बरामद आधा दर्जन IED को डिफ्यूज किया गया. काफी संख्या में कारतूस भी सर्च ऑपरेशन में बरामद हुए हैं. बता दें कि बिहार के गया में नक्सलियों की साजिश को विफल करने के लिए सर्च अभियान चलाया जा रहा है. जिसमें भारी मात्रा में बम-बारूद और हथियार के साथ भारी मात्रा में कारतूस मिले हैं. जब्त आईईडी को डिफ्यूज भी कर दिया गया है.
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धमाके के साथ IED को किया डिफ्यूज : वीडियो में दिख रहा है कि कुछ जवान सावधानी से बरामद आईईडी को डिफ्यूज करने में जुटे हुए हैं. टेक्निकल काम पूरा हो जाने के बाद बरामद IED को धमाके के साथ नष्ट कर दिया गया. धमाका इतना तेज था कि बम के पास की चट्टान मिट्टी की तरह भरभराकर बिखर गई. पूरे इलाके में धूल और धुआं छाया रहा. अगर ये आईईडी पुलिस के हाथ नहीं लगता तो नक्सली किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने वाले थे.
जवानों को ट्रैप करने के लिए बिछाई थी IED: जाानकारी के अनुसार गया और औरंगाबाद के सीमावर्ती क्षेत्र शिकारी कुआं के पास घने जंगल से सीआरपीएफ के जवानों ने नक्सलियों द्वारा लगाए गए 5 आईईडी बरामद किया. बरामद किए गए सभी IED 150 से 200 मीटर के दायरे में लगाए गए थे. इसमें से एक 11 केजी का आईईडी और चार केन बम बताए जा रहे हैं. नक्सलियों ने सभी आईईडी को एक ही वायर से कनेक्ट किया था, ताकि ब्लास्ट घातक और जबरदस्त तरीके से हो. सभी IED को सुरक्षाबलों ने मौके पर ही डिफ्यूज कर दिया.
सर्च अभियान में जुटी टीम : सीआरपीएफ की टीम सर्च अभियान में जुटी थी और गया के डुमरिया व औरंगाबाद से सटे क्षेत्र में कार्रवाई चल रही थी. ऑपरेशन के तहत शिकारी कुआं के जंगल में सीआरपीएफ के जवान बम निरोधक दस्ते के साथ सर्च अभियान चलाते हुए आगे बढ़ रहे थे. पिछले दो दिनों के अंदर सीआरपीएफ की टीम ने सर्च अभियान में 3187 गोली बरामद की है. जिनमें एसएलआर, इंसास की गोलियां शामिल हैं.
प्लास्टिक के रैपर से मिला सुराग: इस क्रम में सुरक्षा बलों के जवान नक्सलियों के बने बंकर से कुछ ही दूरी पर पहुंचे, तो शिकारी कुआं के पास सुरक्षाबलों को नजर वहां पड़े प्लास्टिक के दो- तीन रेपर पर पड़ी. इसके बाद जब सुरक्षा बलों ने उक्त स्थान के चारों तरफ सर्च अभियान चलाया तो जंगल से पांच आईडी बम बरामद किया. जिसे मौके पर ही डिफ्यूज कर दिया गया. वहीं भारी मात्रा में कारतूस बरामद होने की भी बात सामने आई है.
बड़े चट्टान के नीचे प्लांट किए गए थे बम: सीआरपीएफ के सूत्रों के अनुसार बताया गया कि सभी आईईडी को बड़े चट्टान के नीचे प्लांट किया गया था. नक्सली ऐसा इसलिए करते हैं, क्योंकि फोर्स गश्त के दौरान आराम करने के लिए चट्टानों का ही सहारा लेते हैं. नक्सलियों ने इसलिए बम को चट्टान के नीचे प्लांट किया था. किंतु सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के मंसूबे को नाकाम कर दिया. वहीं, इस संबंध में इमामगंज डीएसपी मनोज राम ने बताया कि - ''इस तरह की कार्रवाई की पूरी जानकारी नहीं मिली है, लेकिन इस तरह का अभियान चल रहा था, जिसमें सफलता मिली है.''