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प्रमोशन घोटाला को कृषि मंत्री ने बताया निराधार, कहा- अफवाह फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई

बिहार में प्रमोशन घोटाला उजागर हुआ है. इसका खुलासा कृषि विभाग के कर्मचारियों ने खुद किया है. जो कर्मचारी कृषि स्नातक करके कार्यरत हैं, वो इसका जमकर विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि हमलोग पूरी प्रक्रिया से आये हैं, फिर भी मैट्रिक डिग्रीधारी के नीचे काम करना पड़ता है.

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Published : Jun 1, 2020, 7:44 PM IST

गया: बिहार में कृषि विभाग में मैट्रिक डिग्री धारी प्रखंड कृषि पदाधिकारी के प्रमोशन का मामला उजागर हुआ है. इस घोटाले का उजागर कृषि विभाग के कर्मचारियों ने किया है. इस पर कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा है कि ये बिल्कुल निराधार है, जिसने इस तरह की अफवाह फैलाई है उस पर प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी.

प्रमोशन घोटाला का उजागर
दरअसल, बिहार सरकार के कृषि विभाग में प्रमोशन घोटाला का उजागर कृषि समन्वयकों ने किया है. कृषि समन्वयकों के अनुसार पिछले 30 सालों से प्रखंड कृषि पदाधिकारी और कृषि निरीक्षक पद संभाल रहे अधिकारी मैट्रिक डिग्री धारी है. इन लोगों की नियुक्ति बीएलडब्ल्यू के पद पर हुई थी, जिसके बाद मैट्रिक डिग्री के आधार पर इनका प्रमोशन होता रहा.

घोटाले को लेकर सियासत तेज
वहीं, इस घोटाले के उजागर होते ही बिहार की सियासत तेज हो गई है. कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने इस मामले में कहा कि कृषि विभाग में प्रमोशन में गड़बड़ी के संबंध में जो खबर है वो एक चैनल पर चली है, जो पूरी तरह से बेबुनियाद है. उन्होंने कहा कि 'मैं इसका खंडन करता हूं. मैं स्पष्ट कर दूं कि कृषि विभाग में प्रखंड कृषि पदाधिकारी और कृषि निरीक्षक का पद अधीनस्थ सेवा का पद है जो पर्यवेक्षकीय पद है यानी सुपरवाइजरी पद है'.

कृषि मंत्री प्रेम कुमार से खास बातचीत

कृषि मंत्री ने बताया निराधार
कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि जहां तक मैट्रिक पास को प्रमोशन देने की बात है तो वो भी निराधार है, क्योंकि जिन्हें भी प्रोमोशन दी गई है वो कृषि डिप्लोमा धारी हैं. बिहार जन सेवक भर्ती और सेवाशर्त नियमावली 1958 और 1987 के आलोक में इनकी नियुक्ति आज से वर्षों पूर्व हुई थी और लंबी सेवा अवधि के बाद वर्ष 1979 में बीएओ और कृषि निरीक्षक के 25 प्रतिशत पदों पर प्रमोशन का प्रावधान किया गया, जिसके आलोक में इन लोगों को समय-समय पर प्रमोशन मिली है.

विभागीय नियमों और प्रावधानों के अनुसार हुआ प्रमोशन
इसके बाद पंचम वेतन आयोग की तरफ प्रखंड कृषि पदाधिकारी और कृषि निरीक्षक के 50 प्रतिशत पदों पर प्रमोशन का प्रावधान किया गया, जिसमें 25 प्रतिशत कृषि स्नातक जनसेवक और 25 प्रतिशत कृषि डिप्लोमा धारी जनसेवक को प्रमोशन देने का प्रावधान किया गया. इसके आलोक में भी समय-समय पर प्रमोशन दी गई. उच्च न्यायालय के आदेश पर 348 कृषि डिप्लोमा धारी जन सेवकों को प्रखंड कृषि पदाधिकारी और कृषि निरीक्षक के पदों पर वर्ष 2019 में विभागीय पत्रांक 810 दिनांक 27 फरवरी 2009 के माध्यम से प्रमोशन मिली है. वहीं प्रखंड विकास पदाधिकारी और कृषि निरीक्षक के पदों पर जो भी प्रमोशन हुई है, वो सभी विभागीय नियमों और प्रवधानों और समय-समय पर उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में की गई है. इस तरह के गलत अफवाहों को फैला कर विभाग की छवि धूमिल करने वाले को चिन्हित कर उचित कार्रवाई की जाएगी.

गया: बिहार में कृषि विभाग में मैट्रिक डिग्री धारी प्रखंड कृषि पदाधिकारी के प्रमोशन का मामला उजागर हुआ है. इस घोटाले का उजागर कृषि विभाग के कर्मचारियों ने किया है. इस पर कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा है कि ये बिल्कुल निराधार है, जिसने इस तरह की अफवाह फैलाई है उस पर प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी.

प्रमोशन घोटाला का उजागर
दरअसल, बिहार सरकार के कृषि विभाग में प्रमोशन घोटाला का उजागर कृषि समन्वयकों ने किया है. कृषि समन्वयकों के अनुसार पिछले 30 सालों से प्रखंड कृषि पदाधिकारी और कृषि निरीक्षक पद संभाल रहे अधिकारी मैट्रिक डिग्री धारी है. इन लोगों की नियुक्ति बीएलडब्ल्यू के पद पर हुई थी, जिसके बाद मैट्रिक डिग्री के आधार पर इनका प्रमोशन होता रहा.

घोटाले को लेकर सियासत तेज
वहीं, इस घोटाले के उजागर होते ही बिहार की सियासत तेज हो गई है. कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने इस मामले में कहा कि कृषि विभाग में प्रमोशन में गड़बड़ी के संबंध में जो खबर है वो एक चैनल पर चली है, जो पूरी तरह से बेबुनियाद है. उन्होंने कहा कि 'मैं इसका खंडन करता हूं. मैं स्पष्ट कर दूं कि कृषि विभाग में प्रखंड कृषि पदाधिकारी और कृषि निरीक्षक का पद अधीनस्थ सेवा का पद है जो पर्यवेक्षकीय पद है यानी सुपरवाइजरी पद है'.

कृषि मंत्री प्रेम कुमार से खास बातचीत

कृषि मंत्री ने बताया निराधार
कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि जहां तक मैट्रिक पास को प्रमोशन देने की बात है तो वो भी निराधार है, क्योंकि जिन्हें भी प्रोमोशन दी गई है वो कृषि डिप्लोमा धारी हैं. बिहार जन सेवक भर्ती और सेवाशर्त नियमावली 1958 और 1987 के आलोक में इनकी नियुक्ति आज से वर्षों पूर्व हुई थी और लंबी सेवा अवधि के बाद वर्ष 1979 में बीएओ और कृषि निरीक्षक के 25 प्रतिशत पदों पर प्रमोशन का प्रावधान किया गया, जिसके आलोक में इन लोगों को समय-समय पर प्रमोशन मिली है.

विभागीय नियमों और प्रावधानों के अनुसार हुआ प्रमोशन
इसके बाद पंचम वेतन आयोग की तरफ प्रखंड कृषि पदाधिकारी और कृषि निरीक्षक के 50 प्रतिशत पदों पर प्रमोशन का प्रावधान किया गया, जिसमें 25 प्रतिशत कृषि स्नातक जनसेवक और 25 प्रतिशत कृषि डिप्लोमा धारी जनसेवक को प्रमोशन देने का प्रावधान किया गया. इसके आलोक में भी समय-समय पर प्रमोशन दी गई. उच्च न्यायालय के आदेश पर 348 कृषि डिप्लोमा धारी जन सेवकों को प्रखंड कृषि पदाधिकारी और कृषि निरीक्षक के पदों पर वर्ष 2019 में विभागीय पत्रांक 810 दिनांक 27 फरवरी 2009 के माध्यम से प्रमोशन मिली है. वहीं प्रखंड विकास पदाधिकारी और कृषि निरीक्षक के पदों पर जो भी प्रमोशन हुई है, वो सभी विभागीय नियमों और प्रवधानों और समय-समय पर उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में की गई है. इस तरह के गलत अफवाहों को फैला कर विभाग की छवि धूमिल करने वाले को चिन्हित कर उचित कार्रवाई की जाएगी.

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