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विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला को लेकर तैयारी शुरू, DM ने आवारा पशुओं पर कंट्रोल करने के दिए निर्देश

जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने बताया गौरक्षणि में गाय रखने की व्यवस्था की गयी है. वहीं अतिरिक्त शेड लगाने के लिए राशि भी दी गई है. शेड बनने तक वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने शहरवासियों से कहा कि गया का इमेज देश -विदेश में अच्छा बनाने में उनका सहयोग करें.

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Published : Sep 1, 2019, 10:02 PM IST

राजकीय पितृपक्ष मेला

गया: जिले में राजकीय पितृपक्ष मेला का आयोजन किया जा रहा है. इसमें देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु आतें हैं. लेकिन इस मेले की तैयारी में प्रशासन का सिरदर्द शहर के अवारा पशु बने हुए हैं. वहीं जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने बताया कि गौशाला में आवारा गायों को रखने की व्यवस्था की गई है.

राजकीय पितृपक्ष मेला और सड़क पर अवारा पशु

पितृपक्ष मेला की तैयारी देखेंगे नीतीश कुमार
दरअसल, जिले में 12 सितंबर को राजकीय पितृपक्ष मेला का शुभारंभ होने वाला है. बताया जा रहा है कि मेले से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मेले के तैयारी को लेकर पिंडदान के विभिन्न वेदियों का दौरा करेंगे. इसके बाद इसको लेकर समीक्षा बैठक की जाएगी. लेकिन प्रशासन अवारा पशुओं से परेशान है.

Gaya
सड़को पर गाय, प्रशासन परेशान

पशुओं से परेशान हैं प्रशासन

जिला के विष्णुपद मार्ग, स्टेशन रोड, 40 से अधिक पिंडदान वेदियों और उसके जाने के मार्ग में आवारा गायों का जमावड़ा लगा हुआ रहता है. वहीं इनके अलावा सांड और कुत्ते का भी ज्यादा आंतक रहता है. इससे प्रशासन से लेकर आम लोग तक परेशान रहते हैं. ऐसे में मेले की तैयारी अच्छे से नही हो पा रही है. लोगों ने बताया कि नगर निगम की ओर से मेला के दौरान गाय को पकड़ा जाता है. लेकिन बाद में इनको छोड़ दिया जाता है. समाजसेवी बृजनंदन पाठक बताते हैं कि कई वर्षों से देखा गया है आवारा पशुओं के कारण मेले के दौरान काफी परेशानी होती है. इस कारण कई लोगों की जान भी जा चुकी है.

Gaya
अवारा पशुओं के कारण मेले की तैयारी में परेशानी

सड़कों पर गायों को हटाया जाएगा- अभिषेक सिंह

जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने बताया गौरक्षणि में गाय रखने का व्यवस्था की गयी है. वहीं अतिरिक्त शेड लगाने के लिए राशि भी दी गई है. शेड बनने तक वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने शहरवासियों से कहा कि गया का इमेज देश -विदेश में अच्छा बनाने में उनका सहयोग करें. इसके लिए अपने जानवरों को बांधकर रखे. हमलोग के लिए ये सहज हो सकता है, लेकिन देश के अन्य हिस्सों से आये लोगों के लिए सड़को पर गाय एक असहज बात है.

गया: जिले में राजकीय पितृपक्ष मेला का आयोजन किया जा रहा है. इसमें देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु आतें हैं. लेकिन इस मेले की तैयारी में प्रशासन का सिरदर्द शहर के अवारा पशु बने हुए हैं. वहीं जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने बताया कि गौशाला में आवारा गायों को रखने की व्यवस्था की गई है.

राजकीय पितृपक्ष मेला और सड़क पर अवारा पशु

पितृपक्ष मेला की तैयारी देखेंगे नीतीश कुमार
दरअसल, जिले में 12 सितंबर को राजकीय पितृपक्ष मेला का शुभारंभ होने वाला है. बताया जा रहा है कि मेले से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मेले के तैयारी को लेकर पिंडदान के विभिन्न वेदियों का दौरा करेंगे. इसके बाद इसको लेकर समीक्षा बैठक की जाएगी. लेकिन प्रशासन अवारा पशुओं से परेशान है.

Gaya
सड़को पर गाय, प्रशासन परेशान

पशुओं से परेशान हैं प्रशासन

जिला के विष्णुपद मार्ग, स्टेशन रोड, 40 से अधिक पिंडदान वेदियों और उसके जाने के मार्ग में आवारा गायों का जमावड़ा लगा हुआ रहता है. वहीं इनके अलावा सांड और कुत्ते का भी ज्यादा आंतक रहता है. इससे प्रशासन से लेकर आम लोग तक परेशान रहते हैं. ऐसे में मेले की तैयारी अच्छे से नही हो पा रही है. लोगों ने बताया कि नगर निगम की ओर से मेला के दौरान गाय को पकड़ा जाता है. लेकिन बाद में इनको छोड़ दिया जाता है. समाजसेवी बृजनंदन पाठक बताते हैं कि कई वर्षों से देखा गया है आवारा पशुओं के कारण मेले के दौरान काफी परेशानी होती है. इस कारण कई लोगों की जान भी जा चुकी है.

Gaya
अवारा पशुओं के कारण मेले की तैयारी में परेशानी

सड़कों पर गायों को हटाया जाएगा- अभिषेक सिंह

जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने बताया गौरक्षणि में गाय रखने का व्यवस्था की गयी है. वहीं अतिरिक्त शेड लगाने के लिए राशि भी दी गई है. शेड बनने तक वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने शहरवासियों से कहा कि गया का इमेज देश -विदेश में अच्छा बनाने में उनका सहयोग करें. इसके लिए अपने जानवरों को बांधकर रखे. हमलोग के लिए ये सहज हो सकता है, लेकिन देश के अन्य हिस्सों से आये लोगों के लिए सड़को पर गाय एक असहज बात है.

Intro:गया मोक्ष की नगरी है, सतयुग,त्रेतायुग से लोग अपने पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए गया में आते हैं। गया में प्रत्येक वर्ष राजकीय पितृपक्ष मेला का आयोजन किया जाता है। देश विदेश के लाखो श्रद्धालुओं मेला अवधि में पिंडदान करने आते हैं। मेला को लेकर जिला प्रशासन कई तरह सुविधाएं देने का दवा कर रही है, लेकिन गया के प्रमुख सड़को पर आवारा जानवरों का जमावड़ा लगा हुआ है।


Body:12 सितंबर को राजकीय पितृपक्ष मेला का शुभारंभ होनेवाला है। मेला के पहले मुख्यमंत्री आज मेला के तैयारी को लेकर पिंडदान के विभिन्न वेदियों का दौरा करेंगे उसके बाद तैयारी का समीक्षा बैठक करेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस बात से बिल्कुल अनजान रहेंगे या रखा जाएगा की गया के सड़को पर आवारा पशुओं का आतंक रहता है। सड़क पर आवारा पशु बैठ रहते हैं जिससे गया के आमजन तो परेशान रहता ही साथ ही गया में आनेवाले तीर्थयात्रियों भी काफी असहज महसूस करते हैं।

गया के विष्णुपद मार्ग, स्टेशन रोड, 40 से अधिक पिंडदान वेदियों और उसके जाने के मार्ग में आवारा पशुओं जमावड़ा लगा हुआ रहता है। आवारा पशुओं में गाय, सांड, कुत्ता का ज्यादा आंतक रहता है। गाय को तो सुबह शाम उसके मालिक ले जाते हैं लेकिन सांड हर समय सड़को पर रहते हैं। रात्रि में वाहन चालक और बाइक चालक को काफी परेशानी होता है।

गया के गौरक्षणि में गया को रखने का व्यवस्था किया गया हैं लेकिन गौरक्षणि को पर्याप्त साधन के अभाव में गाय के रखने सक्षम नही होते हैं। गया नगर निगम द्वारा मेला के दौरान गाय को पकड़ा जाता है लेकिन गौरक्षणि जाते जाते समाजिक व राजनीतिक दबाव और कम जुर्माना में छोड़ दिया जाता है। गया नगर निगम पास जानवर पकड़ने वाला एक मशीन है।

समाजसेवी सह फल्गू मैन से प्रसिद्ध बृजनंदन पाठक बताते हैं गया के सड़को आवारा पशुओं का आतंक है स्टेशन रोड से लेकर विष्णुपद तक जानेवाले मार्ग में आवारा पशु बैठे मिल जाये गये। पिछले वर्ष पटना से जानवर पकड़ने वाला मशीन मेला के दौरान मंगाया गया था। इस वर्ष जिला प्रशासन के समक्ष मांग रखेगे जल्द से जल्द गया के सड़को से आवारा पशुओं का आतंक खत्म हो। कई वर्षों से देखा गया है आवारा पशुओं को मेला दौरान काफी परेशानी होता है। कई का जान भी जा चुका है।

जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने बताया गोरक्षणि में गाय रखने का व्यवस्था किया गया है। अतिरिक्त सेड लगाने के लिए राशि निर्गत किया गया है। सेड बने तक वैकल्पिक व्यवस्था किया जाएगा। शहरवासियों से अपील करता हूँ गया का इमेज देश -विदेश अच्छा जाए ,इसलिए अपने जानवरों को बांधकर रखे। हमलोग के लिए ये सहज हो सकता है लेकिन देश के अन्य हिस्सों से आये श्रद्धालुओं के लिए गया के सड़क पर जानवर देखकर असहज महसूस करेगे।


Conclusion:
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