गया: जिले के बकरौर गांव में एक गाय बिना किसी गर्भधारण के पिछले 6 महीनों से दूध दे रही है. यह प्रतिदिन 7 लीटर दूध देती है. इसको गांव में कामधेनू गाय के नाम से जाना जाता है. वहीं विशेषज्ञों के अनुसार यदि प्राकृतिक रूप से अगर गाय दूध दे रही है तो इसके दूध पीने में कोई नुकसान नहीं है.
बिना गर्भधारण किए देती है दूध
गया को मोक्ष और ज्ञान की भूमि है. यहां आध्यात्मिक और धार्मिक चमत्कार होते रहते हैं. वहीं जिले के बोधगया प्रखण्ड के बकरौर गांव में एक गाय को लेकर स्थानीय लोगों के मन में धार्मिक चमत्कार की अवधारणा है. दरअसल, यहां के किसान अनिल कुमार के पास एक गाय है. जैसा की गाय की प्रजाति 3 साल की उम्र में गर्भधारण कर लेती है और फिर वो दूध देने लगती है. लेकिन अनिल कुमार की गाय बिना गर्भधारण किये पिछले 6 महीनों से दूध दे रही है. ये दिनभर में 7 लीटर दूध दे देती है. इसको देखकर गांव के लोग आश्चर्य में है. वो इसको कामधेनू गाय के नाम से जानते हैं.
प्रतिदिन देती है 7 लीटर दूध
किसान अनिल कुमार ने बताया कि पहले यहां एक गाय थी उसने दो बच्चों जन्म दिया, उसमें से बड़ी बाछी ने गर्भधारण नहीं किया वहीं दूसरे ने गर्भधारण कर लिया है. उन्होंने कहा कि जो गाय ने गर्भधारण नहीं किया वो पिछले छः महीने से 7 लीटर दूध दे रही है. इसका दूध मीठा और गाढ़ा है.
गांव के लोग कहते हैं कामधेनू गाय
अनिल कुमार ने कहा कि 6 महीने पहले इसके स्तन से दूध निकलने लगा. हमलोगों को लगा इसका दूध पीना चाहिए या नहीं. वहीं पंडित जी से पूछने पर पता चला कि इसको पीने में कोई हर्ज नहीं है. शुरुआती दिनों में 700 ग्राम दूध देती थी. अब 7 किलो दूध देती है. आसपास के लोग इसे कामधेनु गाय मानकर धेनु कहकर पुकारते है.
इसको पीने से नुकसान नहीं
राजकीय पशु चिकित्सालय के प्रभारी संजय कुमार ने बताया गाय अगर प्राकृतिक रूप से दूध दे रही है. तो इसके दूध को पीने में कोई नुकसान नहीं है. उन्होंने कहा कि लाखों गाय में एक गाय इस तरह का देखने को मिलती है. ये हार्मोन के वजह से होता है, इसमें गाय खुद से हार्मोन तैयार कर दूध देती हैं. लेकिन बाहर से हार्मोन इंजेस्ट करके दिया जा रहा है तो गलत है. बता दें कि सनातन धर्म में वेद पुराण में कामधेनु गाय की खूब चर्चा है. इसके प्राप्ति के लिए कितने युद्ध देवता और राक्षसों में हुए हैं. कामधेनु गाय की खासियत थी जब चाहो उसके इच्छा से दूध निकाल लो.