गया: जिले में सोमवार को सिख समुदाय के लोगों की ओर से गुरु नानक देव की 550वीं जयंती को प्रकाश पर्व के रूप मनाया. जयंती को लेकर सभी गुरुद्वारों में तीन दिनों से अखंड पाठ चल रहा है. साथ ही आज शहर के प्रमुख गुरुद्वारे से कीर्तन भी निकाला गया. बता दें कि कीर्तन शहर के बाटा मोड़, स्वराजपुरी रोड, रायकाशी नाथ मोड़, केदारनाथ मार्केट, और जी.बी. रोड होते हुए वापस गुरुद्वारा पहुंची.
शबद-कीर्तन से पूरा शहर हुआ भक्तिमय
कीर्तन में सिख धर्म के सैकड़ों लोग शामिल हुए. कीर्तन के बाद गुरुद्वारा में प्रवचन, शबद-कीर्तन और अरदास सहित कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. वहीं, शबद-कीर्तन से पूरे शहर का माहौल भक्तिमय हो गया. भजन-कीर्तन की समाप्ति के बाद महिला श्रद्धालुओं ने गुरु नानक देव की भक्तिभाव से महाआरती की. बता दें कि साईं गुरुद्वारा में प्रवचन के बाद गुरु नानक देव जी के जीवन पर प्रकाश भी डाला गया.
कार्यक्रम में लंगर का आयोजन
मौके पर खालसा यूथ परिवार के सदस्य अंकुश बग्गा ने बताया कि सिख धर्म में सेवा को अत्यधिक महत्व दिया जाता है. गुरू नानक देव ने सेवा को ही सच्चा धर्म बताया है. उन्होंने महिलाओं को सम्मान और बराबरी का दर्जा देने की बात भी कही है. साथ ही उन्होंने बताया कि गुरू नानक जी अपने व्यक्तित्व में दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, धर्म सुधारक, समाज सुधारक, कवि, और देशभक्त सभी के गुण समेटे हुए थे. वहीं, भजन-कीर्तन के बाद सभी लोग लंगर में शामिल हुए. साथ ही जुलूस के दौरान करतब दिखाने वाले कलाकार भी बाहर से बुलाए गए थे.