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गया: बागेबार गांव में डायरिया से 50 लोग पीड़ित, झोलाछाप डॉक्टर के भरोसे मरीज

अधिकतर मरीजों का इलाज गांव में चल रहा है. जबकि गंभीर रूप से बीमार लोगों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया है. चिकित्सक अपराजिता ने बताया अभी हमारे यहां 12 मरीज का इलाज चल रहा है. जिसमें तीन मरीज की गंभीर हालत को देखते हुए उसे बेहतर इलाज के लिए मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेफर कर दिया गया है.

डायरिया से पीड़ित
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Published : Nov 19, 2019, 10:56 PM IST

गयाः जिले में डायरिया ने जबरदस्त कहर बरपा रखा है. इसके ज्यादातर मरीज इमामगंज प्रखंड के बागेबार गांव में है. यहां डायरिया से पीड़ित मरीजों की संख्या 50 से अधिक है. वहीं, मरीजों का इलाज करने आए इमामगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कर्मी मरीजों को झोला छाप डॉक्टर के भरोसे छोड़कर चले गए. ऐसे में पीड़ित मरीज गांव के झोलाछाप डॉक्टर से इलाज कराने को मजबूर हैं.

झोलाछाप डॉक्टर के भरोसे मरीज
गांव का शायद ही कोई ऐसा घर होगा जहां कोई बीमार नहीं होगा. लोग उल्टी-दस्त से परेशान हैं. पीएचसी की टीम इलाके में कैंप कर रही है. लेकिन लोगों का आरोप है कि उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधा नहीं दी जा रही है. वहीं, मरीजों का इलाज करने आए डॉक्टर पानी का बोतल और इंजेक्शन लगाने के बाद मरीजों को गांव के झोलाछाप डॉक्टर के जिम्मे सौंप कर चले गए. ग्रामीण आला अधिकारियों से गांव में उचित सुविधा उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं.

Gaya
डायरिया से पीड़ित मरीज

ग्रामीण परेशान
ग्रामीणों ने बताया कि रविवार की देर रात करीब 10 बजे से ही लोगों को उल्टी-दस्त होने लगी. इसकी सूचना पीएचसी को दी गई. सूचना मिलने पर गांव में एम्बुलेंस और डॉक्टर की टीम आई और कुछ पीड़ित मरीजों को इलाज के लिए पीएचसी लाया गया. लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि पीएचसी में समुचित व्यवस्था नहीं मिल पा रही है.

देखें पूरी रिपोर्ट

'तीन की हालत गंभीर'
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की चिकित्सक अपराजिता ने बताया अभी हमारे यहां 12 मरीज का इलाज चल रहा है. जिसमें तीन मरीज की गंभीर हालत को देखते हुए उसे बेहतर इलाज के लिए मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेफर कर दिया गया है. उन्होंने कहा की सभी मरीजों का समुचित इलाज करना हमारा प्रयास है.

गयाः जिले में डायरिया ने जबरदस्त कहर बरपा रखा है. इसके ज्यादातर मरीज इमामगंज प्रखंड के बागेबार गांव में है. यहां डायरिया से पीड़ित मरीजों की संख्या 50 से अधिक है. वहीं, मरीजों का इलाज करने आए इमामगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कर्मी मरीजों को झोला छाप डॉक्टर के भरोसे छोड़कर चले गए. ऐसे में पीड़ित मरीज गांव के झोलाछाप डॉक्टर से इलाज कराने को मजबूर हैं.

झोलाछाप डॉक्टर के भरोसे मरीज
गांव का शायद ही कोई ऐसा घर होगा जहां कोई बीमार नहीं होगा. लोग उल्टी-दस्त से परेशान हैं. पीएचसी की टीम इलाके में कैंप कर रही है. लेकिन लोगों का आरोप है कि उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधा नहीं दी जा रही है. वहीं, मरीजों का इलाज करने आए डॉक्टर पानी का बोतल और इंजेक्शन लगाने के बाद मरीजों को गांव के झोलाछाप डॉक्टर के जिम्मे सौंप कर चले गए. ग्रामीण आला अधिकारियों से गांव में उचित सुविधा उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं.

Gaya
डायरिया से पीड़ित मरीज

ग्रामीण परेशान
ग्रामीणों ने बताया कि रविवार की देर रात करीब 10 बजे से ही लोगों को उल्टी-दस्त होने लगी. इसकी सूचना पीएचसी को दी गई. सूचना मिलने पर गांव में एम्बुलेंस और डॉक्टर की टीम आई और कुछ पीड़ित मरीजों को इलाज के लिए पीएचसी लाया गया. लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि पीएचसी में समुचित व्यवस्था नहीं मिल पा रही है.

देखें पूरी रिपोर्ट

'तीन की हालत गंभीर'
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की चिकित्सक अपराजिता ने बताया अभी हमारे यहां 12 मरीज का इलाज चल रहा है. जिसमें तीन मरीज की गंभीर हालत को देखते हुए उसे बेहतर इलाज के लिए मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेफर कर दिया गया है. उन्होंने कहा की सभी मरीजों का समुचित इलाज करना हमारा प्रयास है.

Intro:गया के शेरघाटी प्रखंड के बाड़ी केवाल गांव के बाद इमामगंज के बागेबार गांव में डायरिया फैलने से 50 से अधिक लोग बीमार पड़ गए, स्थानीय स्वास्थ्य कर्मी द्वारा इलाज में हो रही बरता जा रहा लापरवाही, लोग झोला छाप डॉक्टर के भरोसे है।Body:इमामगंज प्रखंड क्षेत्र के बागेबार गांव में डायरिया से आक्रांत मरीजों का डायरिया से ग्रसित होने का सिलसिला थमने को नाम नहीं ले रहा है। रविवार की रात से उस गांव में डायरिया फैली हुई है। गांव का शायद ही कोई ऐसा घर होगा जहां कोई बीमार न होगा, लोग उल्टी-दस्त से परेशान है। उल्टी-दस्त के कारण उस गांव के लगभग 4 दर्जन से अधिक ग्रामीण आक्रांत हो चुके है।

बागेबार गांव के शकील मियां ने बताया रविवार की देर रात्रि करीब 10 बजे के करीब से ही गांव में कई लोग को उल्टी-दस्त शुरू होने लगा, इससे लभग दो दर्जन लोग डायरिया से ग्रसित होने लगे। ग्रामीणों ने इसकी सूचना इमामगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को दिया गया। इसकी सूचना मिलते हुए उस गांव में एक डॉक्टर के टीम के साथ एम्बुलेंस को भेजा और वहां से पीड़ित मरीजों को इमामगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र इलाज हेतु लाया गया। इसके बाद से अबतक एक दर्जन से अधिक मरीजों को इलाज किया जा है। दो दर्जन मरीजों को गांव में ही इलाज किया जा रहा है। ग्रामीणों इमामगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डॉक्टर पर आरोप लगा रहे है की स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर पानी का बोतल और इंजेक्शन लगाने बाद जो गए वह दोबारा नहीं आए है। यहां मरीजों को गांव के झोलाछाप डॉक्टर के जिम्मा सौंपा कर चले गए है। ग्रामीणों ने कहा कि स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र डॉक्टर के द्वारा मरीजों दिए जाने वाले ओ.आर.एस नहीं दिया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि इमामगंज स्वास्थ्य केंद्र आने बाद भी मरीजों को उचित सुविधा नहीं दिया जा रहा है। गांव मात्र दो बार की एम्बुलेंस व डॉक्टर आए है। लोगों ने उस गांव में उचित सुविधा उपलब्ध कराने का मांग आला अधिकारीयों कर रहे है।Conclusion:प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक अपराजिता ने बताया अभी 12 मरीज का इलाज चल रहा है। जिसमे तीन मरीज का हालात गंभीर था उसे मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेफर कर दिया गया। हमलोग का प्रयास है सभी मरीजों का समुचित इलाज किया जाए।
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