गयाः जिले में डायरिया ने जबरदस्त कहर बरपा रखा है. इसके ज्यादातर मरीज इमामगंज प्रखंड के बागेबार गांव में है. यहां डायरिया से पीड़ित मरीजों की संख्या 50 से अधिक है. वहीं, मरीजों का इलाज करने आए इमामगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कर्मी मरीजों को झोला छाप डॉक्टर के भरोसे छोड़कर चले गए. ऐसे में पीड़ित मरीज गांव के झोलाछाप डॉक्टर से इलाज कराने को मजबूर हैं.
झोलाछाप डॉक्टर के भरोसे मरीज
गांव का शायद ही कोई ऐसा घर होगा जहां कोई बीमार नहीं होगा. लोग उल्टी-दस्त से परेशान हैं. पीएचसी की टीम इलाके में कैंप कर रही है. लेकिन लोगों का आरोप है कि उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधा नहीं दी जा रही है. वहीं, मरीजों का इलाज करने आए डॉक्टर पानी का बोतल और इंजेक्शन लगाने के बाद मरीजों को गांव के झोलाछाप डॉक्टर के जिम्मे सौंप कर चले गए. ग्रामीण आला अधिकारियों से गांव में उचित सुविधा उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं.
ग्रामीण परेशान
ग्रामीणों ने बताया कि रविवार की देर रात करीब 10 बजे से ही लोगों को उल्टी-दस्त होने लगी. इसकी सूचना पीएचसी को दी गई. सूचना मिलने पर गांव में एम्बुलेंस और डॉक्टर की टीम आई और कुछ पीड़ित मरीजों को इलाज के लिए पीएचसी लाया गया. लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि पीएचसी में समुचित व्यवस्था नहीं मिल पा रही है.
'तीन की हालत गंभीर'
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की चिकित्सक अपराजिता ने बताया अभी हमारे यहां 12 मरीज का इलाज चल रहा है. जिसमें तीन मरीज की गंभीर हालत को देखते हुए उसे बेहतर इलाज के लिए मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेफर कर दिया गया है. उन्होंने कहा की सभी मरीजों का समुचित इलाज करना हमारा प्रयास है.