गया: बाराचट्टी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिकित्सक और एम्बुलेंस की कमी से जूझ रहा है. वहीं डॉक्टरों की घोर लापरवाही से स्वास्थ्य केंद्र बदहाली में बदल गया है. इस स्वास्थ्य केंद्र में केवल 2 एम्बुलेंस हैं. आपात स्थिति में एक से ज्यादा मरीज होने पर नजदीकी दूसरे स्वास्थ्य केंद्र से एम्बुलेंस मंगवाकर मरीजों को अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज गया भेजा जाता है.
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दो महीने से गायब हैं तीन डॉक्टर
बाराचट्टी स्वास्थ्य प्रबंधक राकेश कुमार ने बताया कि हमारे यहां 6 डॉक्टर हैं. जिसमें 4 एमबीबीएस, एक डेंटल और एक आयुष डॉक्टर हैं. उन्होंने बताया कि पिछले 2 महीनों से कुछ डॉक्टर बिना सूचना के गायब हैं. कभी अपने मन से आते जाते रहते हैं. पूछे जाने पर डॉक्टरों के द्वारा गया, पटना रहने की बात बताया जाता है. जिसकी सूचना मुख्यालय को दे दी गई है. स्वास्थ्य प्रबंधक ने कहा कि यहां डॉक्टरों की रोस्टर सूची बनाया गया है. रोस्टर के मुताबिक पांच दिन ड्यूटी करना होता है. लेकिन कुछ डॉक्टर रोस्टर का पालन नहीं करते हुए गायब रहते हैं.
1 लाख 65 हजार की आबादी निर्भर है इस स्वास्थ्य केंद्र पर
गया के बाराचट्टी विधानसभा क्षेत्र के बाराचट्टी प्रखण्ड में लगभग एक लाख 65 हजार की आबादी है. यहां के लोग इलाज के लिए इसी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर निर्भर हैं. इसके अलावे झारखण्ड और आसपास के लोग भी इसी पीएचसी में इलाज कराते हैं. बिहार झारखण्ड सीमा पर स्थित बाराचट्टी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिहार के सुदूरवर्ती इलाके में है. यह समुदायिक केंद्र नेशनल हाईवे दो से सटा है. जिसके चलते यहां पर सड़क दुर्घटना के मामले ज्यादा आते हैं. आपात स्थिति में मरीज को रेफर किया जाता है. वहीं एम्बुलेंस न होने पर नजदीकी पीएचसी से मदद लिया जाता है.
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हेडक्वाटर को दी गई है डॉक्टरों के गायब होने की सूचना
इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सैयद सबीबुल हक से पूछे जाने पर बताया कि इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 6 डॉक्टर पोस्टेड हैं. जिसमें तीन डॉक्टर गायब रहते हैं. गायब रहने वाले डॉक्टरों में डॉ विजय, डॉ विवेक और डॉ प्रदीप कुमार शामिल हैं. जो बिना सूचना के आते जाते हैं. उन्होंने बताया कि इस महामारी में कम डॉक्टरों की उपस्थित होने से हमलोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. उन्होंने बताया कि डॉक्टरों के गायब रहने की सूचना हेडक्वार्टर को दे दिया गया है. उन्होंने बताया कि अभी ओपीडी में मरीज की संख्या में कमी आई है. चिकित्सा पदाधिकारी ने स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधार करने के लिए सभी डॉक्टरों को रोस्टर की हिसाब से ड्यूटी देने की अपील की है.
शिकायत के बाद भी नहीं बदले हालात
गौरतलब है कि जिले के बाराचट्टी प्रखण्ड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बाराचट्टी में 13 पंचायत हैं. सभी पंचायत में लगभग कम से कम 15 गांव आते हैं. जिसकी कुल आबादी लभगभ एक लाख 65 हजार है. जबकि यहां के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 4 एमबीबीएस, एक डेंटल और एक आयुष चिकित्सक पोस्टेड हैं. इसके अलावा 19 एएनएम, 5 जीएनएम पोस्टेड हैं. जबकि स्वास्थ्य केंद्र में दो एम्बुलेंस है. वहीं इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की बड़ी समस्या हैं डॉक्टरो की लापरवाही. जो स्वास्थ्य प्रबंधक की बिना सूचना के आते हैं और जाते हैं. जिसकी शिकायत जिलाधिकारी को किया गया था. लेकिन इसके बाद भी हालात में कोई सुधार नहीं हुआ.