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गया में 17वां अंतर्राष्ट्रीय त्रिपिटक सुत्तपाठ समारोह: पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद होंगे शामिल - पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

बोधगया में 17वां अंतर्राष्ट्रीय त्रिपिटक समारोह के लिए कई धर्मों के लोग गया में एक साथ शामिल हुए. इसके साथ ही भव्य शोभायात्रा निकाली गई. आज दोपहर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी आने वाले हैं. पढ़ें पूरी खबर...

17वां अंतर्राष्ट्रीय त्रिपिटक सुत्तपाठ समारोह
17वां अंतर्राष्ट्रीय त्रिपिटक सुत्तपाठ समारोह
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Published : Dec 2, 2022, 10:46 AM IST

गया: बिहार के गया में 17वां अंतर्राष्ट्रीय त्रिपिटक सुत्तपाठ समारोह को लेकर भव्य शोभायात्रा निकाली गई. इस शोभायात्रा में कई देशों के हजारों धर्मगुरु और बौद्ध श्रद्धालु शामिल हुए. इस शोभायात्रा को बोधगया स्थित रॉयल थाई मोनेस्ट्री से निकाली गई. जो शहर के विभिन्न सड़क मार्ग से होकर कालचक्र मैदान तक पहुंची. इस शोभायात्रा में विश्व के कई देशों के हजारों बौद्ध धर्मगुरु एवं श्रद्धालु शामिल हुए. जिसमें कई श्रद्धालु ने ड्रैगन, नित्य एवं पारंपरिक वाद्य यंत्रों को बजाते हुए चल रहे थे.

ये भी पढ़ें- बोधगया: बौद्ध धर्मावलंबियों का महाकुंभ होता है कालचक्र पूजा, कई देशों से आते हैं श्रद्धालु

यहां गया के तथागत की तपोभूमि बोधगया में 17 वां अंतर्राष्ट्रीय त्रिपिटक समारोह को लेकर भव्य शोभायात्रा निकाली गई. जिसमें बोधगया की सड़कों पर एक अलग ही नजारा देखने को मिला. यहां त्रिपिटक सुत्तपाठ आगामी 10 दिनों तक चलेगा. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज लगभग 1:30 बजे बोधगया पहुंचेंगे.

कोरोना काल के बाद बोधगया में भव्य समारोह: इस शोभायात्रा में शामिल होने के लिए लाओस देश के बौद्ध भिक्षु भंते साईंसाना ने बताया कि कोरोना काल के कारण 2 सालों तक बोधगया में किसी तरह की पूजा का आयोजन नहीं हुआ था. लेकिन इस बार 17 वां अंतराष्ट्रीय त्रिपिटक समारोह का आयोजन किया गया है. जो काफी भव्य तरीके से मनाया जा रहा है. बौद्ध धर्म में त्रिपिटक का बहुत ही महत्व है. बौद्ध धर्म में थेरावाद पंत को मानने वाले लोग भगवान बुद्ध के मंत्रों का उच्चारण त्रिपिटक सुत्तपाठ के दौरान करते हैं. जिसका मुख्य उद्देश्य मानवता एवं विश्व का कल्याण है. विश्व में शांति बनी रहे और लोग का जीवन सुखी हो. इसी कामना के साथ इस समारोह का आयोजन किया गया है.

ये भी पढ़ेंः बोधगया: बौद्ध धर्मावलंबियों का महाकुंभ होता है कालचक्र पूजा, कई देशों से आते हैं श्रद्धालु

गया: बिहार के गया में 17वां अंतर्राष्ट्रीय त्रिपिटक सुत्तपाठ समारोह को लेकर भव्य शोभायात्रा निकाली गई. इस शोभायात्रा में कई देशों के हजारों धर्मगुरु और बौद्ध श्रद्धालु शामिल हुए. इस शोभायात्रा को बोधगया स्थित रॉयल थाई मोनेस्ट्री से निकाली गई. जो शहर के विभिन्न सड़क मार्ग से होकर कालचक्र मैदान तक पहुंची. इस शोभायात्रा में विश्व के कई देशों के हजारों बौद्ध धर्मगुरु एवं श्रद्धालु शामिल हुए. जिसमें कई श्रद्धालु ने ड्रैगन, नित्य एवं पारंपरिक वाद्य यंत्रों को बजाते हुए चल रहे थे.

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यहां गया के तथागत की तपोभूमि बोधगया में 17 वां अंतर्राष्ट्रीय त्रिपिटक समारोह को लेकर भव्य शोभायात्रा निकाली गई. जिसमें बोधगया की सड़कों पर एक अलग ही नजारा देखने को मिला. यहां त्रिपिटक सुत्तपाठ आगामी 10 दिनों तक चलेगा. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज लगभग 1:30 बजे बोधगया पहुंचेंगे.

कोरोना काल के बाद बोधगया में भव्य समारोह: इस शोभायात्रा में शामिल होने के लिए लाओस देश के बौद्ध भिक्षु भंते साईंसाना ने बताया कि कोरोना काल के कारण 2 सालों तक बोधगया में किसी तरह की पूजा का आयोजन नहीं हुआ था. लेकिन इस बार 17 वां अंतराष्ट्रीय त्रिपिटक समारोह का आयोजन किया गया है. जो काफी भव्य तरीके से मनाया जा रहा है. बौद्ध धर्म में त्रिपिटक का बहुत ही महत्व है. बौद्ध धर्म में थेरावाद पंत को मानने वाले लोग भगवान बुद्ध के मंत्रों का उच्चारण त्रिपिटक सुत्तपाठ के दौरान करते हैं. जिसका मुख्य उद्देश्य मानवता एवं विश्व का कल्याण है. विश्व में शांति बनी रहे और लोग का जीवन सुखी हो. इसी कामना के साथ इस समारोह का आयोजन किया गया है.

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