गया: अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एईएस और जेई के संदिग्ध मरीजों के आने का सिलसिला जारी है. 2 जुलाई से अब तक 58 मरीज अस्पताल में भर्ती हुए हैं. जांच रिपोर्ट में 10 मरीजों को जेई पॉजिटिव पाया गया है. इलाज के दौरान अब तक 16 मरीजों की मौत हो चुकी है.
मरीजों को दी जा रही सुविधा
मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एईएस/जेई के मरीजों के लिए 60 बेड आरक्षित रखा गया है, जिसमें 30 बेड आईसीयू के हैं. अस्पताल प्रशासन ने एईएस/जेई के मरीजों के लिए तीन यूनिट डॉक्टरों को कार्य पर लगाया है. वर्तमान में शिशु विभाग में 20 डॉक्टर कार्यरत हैं. मरीज के परिजनों का कहना है कि यहां इलाज अच्छी तरह से हो रहा है. सभी सुविधाएं मिल रही हैं. डॉक्टर भी समय से देख रहे हैं.
जापानी बुखार का प्रकोप जारी
मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विजय कृष्ण प्रसाद ने बताया कि कल तक एईएस/जेई के 53 मरीज भर्ती हुए थे. इनमें से 16 मरीजों की मौत हो चुकी है. वर्तमान में 10 मरीजों का इलाज चल रहा है. 18 मरीज डिस्चार्ज होकर चले गए हैं. मरीजों को हरसंभव सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है.
बारिश से बढ़ती है बीमारी
गया में बिन बारिश सुखाड़ के हालात बन गए हैं. किसान मौसम की बेरुखी से उदास हैं. वो भगवान से विनती कर रहे हैं कि बारिश हो जाये. लेकिन यहां एक तबका ऐसा भी है जो बारिश नहीं होने का इच्छा जता रहा है. सुनकर आपको अटपटा लगेगा लेकिन ये सच है. गया में बारिश के साथ ही जापानी बुखार का प्रकोप बढ़ जाता है. जापानी इंसेफलाइटिस का प्रकोप गरीब और महादलित के बच्चों में अधिक होता है. इतनी कम बारिश होने पर जेई पॉजिटिव 10 मरीज जिले में चिन्हित हुए हैं. अगर औसतन बारिश हो गयी तो ये आंकड़ा बढ़ सकता है.