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गया में मॉनसून के साथ जापानी बुखार ने दी दस्तक, इलाज के दौरान 16 मरीजों की मौत

गया में बारिश के साथ ही जापानी बुखार का प्रकोप बढ़ जाता है. अबतक जेई पॉजिटिव के 10 मरीज जिले में चिन्हित हुए हैं.

10 मरीज जेई पॉजिटिव पाए गए
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Published : Jul 23, 2019, 9:02 AM IST

Updated : Jul 23, 2019, 1:50 PM IST

गया: अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एईएस और जेई के संदिग्ध मरीजों के आने का सिलसिला जारी है. 2 जुलाई से अब तक 58 मरीज अस्पताल में भर्ती हुए हैं. जांच रिपोर्ट में 10 मरीजों को जेई पॉजिटिव पाया गया है. इलाज के दौरान अब तक 16 मरीजों की मौत हो चुकी है.

मरीजों को दी जा रही सुविधा
मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एईएस/जेई के मरीजों के लिए 60 बेड आरक्षित रखा गया है, जिसमें 30 बेड आईसीयू के हैं. अस्पताल प्रशासन ने एईएस/जेई के मरीजों के लिए तीन यूनिट डॉक्टरों को कार्य पर लगाया है. वर्तमान में शिशु विभाग में 20 डॉक्टर कार्यरत हैं. मरीज के परिजनों का कहना है कि यहां इलाज अच्छी तरह से हो रहा है. सभी सुविधाएं मिल रही हैं. डॉक्टर भी समय से देख रहे हैं.

जानकारी देते अस्पताल अधीक्षक

जापानी बुखार का प्रकोप जारी
मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विजय कृष्ण प्रसाद ने बताया कि कल तक एईएस/जेई के 53 मरीज भर्ती हुए थे. इनमें से 16 मरीजों की मौत हो चुकी है. वर्तमान में 10 मरीजों का इलाज चल रहा है. 18 मरीज डिस्चार्ज होकर चले गए हैं. मरीजों को हरसंभव सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है.

बारिश से बढ़ती है बीमारी

गया में बिन बारिश सुखाड़ के हालात बन गए हैं. किसान मौसम की बेरुखी से उदास हैं. वो भगवान से विनती कर रहे हैं कि बारिश हो जाये. लेकिन यहां एक तबका ऐसा भी है जो बारिश नहीं होने का इच्छा जता रहा है. सुनकर आपको अटपटा लगेगा लेकिन ये सच है. गया में बारिश के साथ ही जापानी बुखार का प्रकोप बढ़ जाता है. जापानी इंसेफलाइटिस का प्रकोप गरीब और महादलित के बच्चों में अधिक होता है. इतनी कम बारिश होने पर जेई पॉजिटिव 10 मरीज जिले में चिन्हित हुए हैं. अगर औसतन बारिश हो गयी तो ये आंकड़ा बढ़ सकता है.

गया: अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एईएस और जेई के संदिग्ध मरीजों के आने का सिलसिला जारी है. 2 जुलाई से अब तक 58 मरीज अस्पताल में भर्ती हुए हैं. जांच रिपोर्ट में 10 मरीजों को जेई पॉजिटिव पाया गया है. इलाज के दौरान अब तक 16 मरीजों की मौत हो चुकी है.

मरीजों को दी जा रही सुविधा
मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एईएस/जेई के मरीजों के लिए 60 बेड आरक्षित रखा गया है, जिसमें 30 बेड आईसीयू के हैं. अस्पताल प्रशासन ने एईएस/जेई के मरीजों के लिए तीन यूनिट डॉक्टरों को कार्य पर लगाया है. वर्तमान में शिशु विभाग में 20 डॉक्टर कार्यरत हैं. मरीज के परिजनों का कहना है कि यहां इलाज अच्छी तरह से हो रहा है. सभी सुविधाएं मिल रही हैं. डॉक्टर भी समय से देख रहे हैं.

जानकारी देते अस्पताल अधीक्षक

जापानी बुखार का प्रकोप जारी
मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विजय कृष्ण प्रसाद ने बताया कि कल तक एईएस/जेई के 53 मरीज भर्ती हुए थे. इनमें से 16 मरीजों की मौत हो चुकी है. वर्तमान में 10 मरीजों का इलाज चल रहा है. 18 मरीज डिस्चार्ज होकर चले गए हैं. मरीजों को हरसंभव सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है.

बारिश से बढ़ती है बीमारी

गया में बिन बारिश सुखाड़ के हालात बन गए हैं. किसान मौसम की बेरुखी से उदास हैं. वो भगवान से विनती कर रहे हैं कि बारिश हो जाये. लेकिन यहां एक तबका ऐसा भी है जो बारिश नहीं होने का इच्छा जता रहा है. सुनकर आपको अटपटा लगेगा लेकिन ये सच है. गया में बारिश के साथ ही जापानी बुखार का प्रकोप बढ़ जाता है. जापानी इंसेफलाइटिस का प्रकोप गरीब और महादलित के बच्चों में अधिक होता है. इतनी कम बारिश होने पर जेई पॉजिटिव 10 मरीज जिले में चिन्हित हुए हैं. अगर औसतन बारिश हो गयी तो ये आंकड़ा बढ़ सकता है.

Intro:अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एईएस/ जेई के संदिग्ध मरीजों का आने का सिलसिला जारी है। 2 जुलाई से अब तक 58 मरीज अस्पताल में भर्ती हुए वही जांच रिपोर्ट 10 मरीज का जेई पॉजिटिव पाया गया है। इलाज के दौरान अब तक 16 मरीजो की मौत हो चुकी हैं।


Body:बिहार के गया में बिन बारिश सुखाड़ के हालात बन गए है किसान मौसम के बेरुखी से उदास है भगवान से बार बार विनती कर रहा है बारिश हो जाये। लेकिन एक तबका ऐसा गया जिला जो बारिश नही होने का इच्छा जता रहा है। सुनकर अटपटा लगा होगा लेकिन ये सच है। गया बारिश के साथ जापानी बुखार का प्रकोप बढ़ जाता है। जापानी इंसेफेलाइटिस का प्रकोप गरीब और महादलित के बच्चों में अधिक होता हैं। इतनी कम बारिश होने पर जेई पॉजिटिव 10मरीज जिले में चिन्हित हुए हैं। अगर औसतन बारिश हो गयी ये आंकड़ा बढ़ सकता है।

मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 60 बेड एईएस/जेई के मरीजो के लिए आरक्षित रखा गया है जिसमे 30 बेड आईसीयू के है। अस्पताल प्रशासन ने एईएस/जेई के मरीजो के लिए तीन यूनिट डॉक्टरों कार्य पर लगाया है। शिशु विभाग में वर्तमान में 20 डॉक्टर कार्यरत है।

अस्पताल में मरीज के परिजनों का कहना है यहां इलाज अच्छी तरह से हो रहा है सभी सुविधाएं मिल रहा है। डॉक्टर भी समय से देख रहे हैं। लेकिन जांच के लिए ब्लड जाता है उसका रिपोर्ट नही दिया जा रहा है।


Conclusion:मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ विजय कृष्ण प्रसाद ने बताया कल तक 53 मरीज भर्ती हुए वर्तमान में 10 मरीज का इलाज चल रहा है। 18 मरीज डिस्चार्ज होकर गए है। एईएस/जेई के मरीजो के हरसंभव सुविधाएं उपलब्ध हैं।
Last Updated : Jul 23, 2019, 1:50 PM IST
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