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मोतिहारी: बाल संरक्षण को लेकर आयोजित कार्यशाला में शिक्षकों ने लिया बच्चों को स्कूल से जोड़ने का संकल्प

बीईओ तारिणी प्रसाद दास ने कार्यशाला के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि छह वर्ष से लेकर 14 वर्ष तक के शिक्षा से वंचित बच्चों को विद्यालय से जोड़ने पर चर्चा हुई है. इसके अलावा बच्चों के साथ होने वाले सामाजिक शोषण और दुर्व्यवहार से उनको बचाने के बारे में शिक्षकों को जानकारी दी गई है.

मोतिहारी
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Published : Jan 16, 2021, 11:53 PM IST

मोतिहारी: प्रखंड संसाधन केंद्र मोतिहारी के सर्व शिक्षा अभियान सभा भवन में बाल संरक्षण के विषय पर प्रधान शिक्षकों का एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया. यूनिसेफ और सेव द चिल्ड्रन के तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला में प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों के प्रधान शिक्षक उपस्थित थे. जिसकी अध्यक्षता प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी तारिणी प्रसाद दास ने की.

शिक्षा से वंचित बच्चो को स्कूल से जोड़ने पर हुई चर्चा
मोतिहारी बीईओ तारिणी प्रसाद दास ने कार्यशाला के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि छह वर्ष से लेकर 14 वर्ष तक के शिक्षा से वंचित बच्चों को विद्यालय से जोड़ने पर चर्चा हुई है. इसके अलावा बच्चों के साथ होने वाले सामाजिक शोषण और दुर्व्यवहार से उनको बचाने के बारे में शिक्षकों को जानकारी दी गई है.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ेंः 2022 तक बिहार में 20 लाख उपभोक्ताओं के घर में लगेंगे नए प्रीपेड मीटर

2021 को आशा वर्ष के रूप में अपनाने का निर्णय
कार्यशाला में उपस्थित शिक्षकों ने शिक्षा से वंचित बच्चों को विद्यालय से जोड़ने का संकल्प लिया. साथ ही सामाजिक रूप से शोषित बच्चों के उत्थान को लेकर वर्ष 2021 को 'आशा' के वर्ष के रूप में अपनाने का निर्णय लिया गया. ताकि अभिवंचित बच्चों का सामाजिक और मानसिक उत्थान किया जा सके.

मोतिहारी: प्रखंड संसाधन केंद्र मोतिहारी के सर्व शिक्षा अभियान सभा भवन में बाल संरक्षण के विषय पर प्रधान शिक्षकों का एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया. यूनिसेफ और सेव द चिल्ड्रन के तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला में प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों के प्रधान शिक्षक उपस्थित थे. जिसकी अध्यक्षता प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी तारिणी प्रसाद दास ने की.

शिक्षा से वंचित बच्चो को स्कूल से जोड़ने पर हुई चर्चा
मोतिहारी बीईओ तारिणी प्रसाद दास ने कार्यशाला के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि छह वर्ष से लेकर 14 वर्ष तक के शिक्षा से वंचित बच्चों को विद्यालय से जोड़ने पर चर्चा हुई है. इसके अलावा बच्चों के साथ होने वाले सामाजिक शोषण और दुर्व्यवहार से उनको बचाने के बारे में शिक्षकों को जानकारी दी गई है.

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2021 को आशा वर्ष के रूप में अपनाने का निर्णय
कार्यशाला में उपस्थित शिक्षकों ने शिक्षा से वंचित बच्चों को विद्यालय से जोड़ने का संकल्प लिया. साथ ही सामाजिक रूप से शोषित बच्चों के उत्थान को लेकर वर्ष 2021 को 'आशा' के वर्ष के रूप में अपनाने का निर्णय लिया गया. ताकि अभिवंचित बच्चों का सामाजिक और मानसिक उत्थान किया जा सके.

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