मोतिहारी: कोरोना संक्रमण के कारण हुए लॉकडाउन से मजदूरी करके घर चलाने वाले लोगों के घरों में एक बार फिर से खुशहाली लौटी है. लॉकडाउन की वजह से परेशानी झेल रहे मजदूरों को रोजगार मिल गया है. सरकार प्रायोजित मनरेगा योजना से कई मजदूरों को रोजगार मुहौया कराया गया है. कोरोना वायरस की वजह से निर्माण कार्य बंद हो गए थे. साथ ही फैक्ट्रियों के गेट पर ताला लग गया था. ऐसे में काफी मजदूर बेरोजगार हो गए थे, जिन्हें जिला प्रशासन ने मनरेगा योजना से रोजगार दिया है.
मनरेगा ने मजदूरों के घर की लौटाई खुशियां
ट्रक ड्राइवर सुनील साह ने बताया कि वो ट्रक चलाते थे. लॉकडाउन के कारण काम छूट गया और भुखमरी की समस्या आ गई. इसी दौरान मनरेगा का काम शुरू हुआ, तो रजिस्ट्रेशन कराकर काम कर रहे हैं. शहर में टेम्पू चलाकर कमाने वाले अमर राम ने बताया कि लॉकडाउन के कारण टेम्पू बंद हो गया था. लेकिन मनरेगा में रोजगार मिल गया. राज मिस्त्री के साथ काम करने वाले प्रभु साह ने बताया कि मनरेगा में पहले से कार्ड बना हुआ था. लेकिन वह राज मिस्त्री के साथ काम करते थे. लॉकडाउन के कारण काम बंद हो गया तो मनरेगा में काम करके परिवार चला रहे हैं.
जल-जीवन-हरियाली मिशन के तहत हो रहे कार्य
बंजरिया के मनरेगा पीओ संजीव कुमार राय ने बताया कि सरकार और जिला प्रशासन के निर्देश पर जल-जीवन-हरियाली मिशन के तहत पईन, पोखर और नदी उड़ाही का काम शुरू किया गया है. मिट्टी के कार्य योजना से लॉकडाउन के कारण बेरोजगार हो चुके स्थानीय और प्रवासी मजदूरों को काम दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि प्रत्येक पंचायत से पांच-पांच योजना का चयन किया गया है. साथ ही मजदूरों को ज्यादा कार्य उपलब्ध कराने का प्रयास चल रहा है.
मजदूरों को मिल रहा काम
बंजरिया प्रमुख ललन कुमार ने बताया कि मजदूरों को जल-जीवन-हरियाली मिशन से काम मिल रहा है. जिसके बहुत से फायदे हैं. उड़ाही के बाद इनमें मछली पालन होगा. जिससे मछुआरा समाज की आमदनी होगी. साथ ही इसके पानी से खेतों में सिचाई भी हो सकेगी.
बहरहाल, लॉकडाउन के कारण बेरोजगार हो चुके स्थानीय और प्रवासी मजदूरों को उनके घर के पास मनरेगा के माध्यम से कार्य दिया जा रहा है. ताकि मजदूरों को बेरोजगारी का दंश न झेलना पड़े. मनरेगा के चल रहे कार्य के दौरान मजदूरों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जा रहा है. साथ ही मजदूरों को मास्क भी उपलब्ध कराया गया है.