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CAA-NRC के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी महिलाएं, बोलीं- बांटने वाला कानून मंजूर नहीं - उर्दू लाईब्रेरी के पास सीएए के खिलाफ धरना

दिल्ली के शाहीन बाग की तरह मोतिहारी में भी धरने के दौरान प्रदर्शनकारी हाथों में 'नो सीएए, नो एनआरसी' लिखी तख्तियां लिए नजर आए. प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

धरने पर बैठी अल्पसंख्यक महिलाएं
धरने पर बैठी अल्पसंख्यक महिलाएं
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Published : Jan 24, 2020, 8:51 PM IST

मोतिहारी: नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ पूरे देश में धरना प्रदर्शन हो रहा है. जिले में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. शुक्रवार को नमाज के बाद अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं ने उर्दू लाईब्रेरी के पास सीएए के खिलाफ आवाज बुलंद की. इस दौरान काफी संख्या में पुरुष और बच्चे भी मौजूद रहे.

दिल्ली के शाहीन बाग की तरह मोतिहारी में भी धरने के दौरान प्रदर्शनकारी हाथों में 'नो सीएए, नो एनआरसी' लिखी तख्तियां लिए नजर आए. प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और जल्द से जल्द इस कानून को वापस लेने की मांग की.

motihari
धरने पर बैठी अल्पसंख्यक महिलाएं

'सीएए के खिलाफ पूरा देश है आंदोलित'
सीएए के खिलाफ धरने पर बैठे मो. मुमताज अहमद ने बताया कि सरकार ने कश्मीर से धारा 370 हटाया, फिर भी लोग शांत रहे. लेकिन, अब सरकार सीएए लागू कर देश के संविधान को पलटने की साजिश कर रही है. जिसके खिलाफ पूरा देश आंदोलित है.

देखें पूरी रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: RLSP के मानव कतार पर BJP ने ली चुटकी, कहा- रोड पर ड्रामेबाजी कर रहे हैं कुशवाहा

'लोगों को बांटने वाला कानून मंजूर नहीं'
वहीं, धरने पर बैठी अल्पसंख्यक महिला सायदा इस्लाम ने बताया कि सरकार देश का नागरिक होने का सबूत मांग रही है, जबकि सरकार को शिक्षा व्यवस्था, बेरोजगारी और विकास के मुद्दों पर बात करनी चाहिए. सरकार देश को धर्म के नाम पर बांट रही है. लेकिन, ये तानाशाही नहीं चलेगी, क्योंकि ये लोकतंत्र है.

मोतिहारी: नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ पूरे देश में धरना प्रदर्शन हो रहा है. जिले में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. शुक्रवार को नमाज के बाद अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं ने उर्दू लाईब्रेरी के पास सीएए के खिलाफ आवाज बुलंद की. इस दौरान काफी संख्या में पुरुष और बच्चे भी मौजूद रहे.

दिल्ली के शाहीन बाग की तरह मोतिहारी में भी धरने के दौरान प्रदर्शनकारी हाथों में 'नो सीएए, नो एनआरसी' लिखी तख्तियां लिए नजर आए. प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और जल्द से जल्द इस कानून को वापस लेने की मांग की.

motihari
धरने पर बैठी अल्पसंख्यक महिलाएं

'सीएए के खिलाफ पूरा देश है आंदोलित'
सीएए के खिलाफ धरने पर बैठे मो. मुमताज अहमद ने बताया कि सरकार ने कश्मीर से धारा 370 हटाया, फिर भी लोग शांत रहे. लेकिन, अब सरकार सीएए लागू कर देश के संविधान को पलटने की साजिश कर रही है. जिसके खिलाफ पूरा देश आंदोलित है.

देखें पूरी रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: RLSP के मानव कतार पर BJP ने ली चुटकी, कहा- रोड पर ड्रामेबाजी कर रहे हैं कुशवाहा

'लोगों को बांटने वाला कानून मंजूर नहीं'
वहीं, धरने पर बैठी अल्पसंख्यक महिला सायदा इस्लाम ने बताया कि सरकार देश का नागरिक होने का सबूत मांग रही है, जबकि सरकार को शिक्षा व्यवस्था, बेरोजगारी और विकास के मुद्दों पर बात करनी चाहिए. सरकार देश को धर्म के नाम पर बांट रही है. लेकिन, ये तानाशाही नहीं चलेगी, क्योंकि ये लोकतंत्र है.

Intro:"नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ काफी संख्या में मुस्लिम महिलायें सड़क पर उतरी हुई है।महिलाओं ने शहर के मुख्य बाजार में अनिश्चितकालीन धरना देना शुरु कर दिया है।"


मोतिहारी।नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले कई दिनों से जारी आन्दोलन के आग की चिंगारी मोतिहारी पहुंच चुकी है।लिहाजा,जुम्मे के नमाज के बाद अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाएं उर्दू लाईब्रेरी के पास सीएए के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ गई है।महिलाओं के साथ पुरुष भी धरना में शामिल हैं।हाथों में नो सीएए और नो एनआरसी का पोस्टर लिए मुस्लिम महिलायें धरना पर बैठी है।धरना पर बैठी महिलायें सीएए और एनआरसी के खिलाफ नारा भी लगा रही हैं।


Body:"सीएए के खिलाफ पूरा देश आंदोलित है"

वीओ...1....सीएए के खिलाफ धरना पर बैठे मो. मुमताज अहमद ने बताया कि सरकार ने काश्मीर से धारा 370 हटाया।फिर भी लोग शांत रहे।लेकिन अब सरकार ने सीएए लागू कर देश के संविधान को पलटने की साजिश की है।जिसके खिलाफ पूरा देश आंदोलित है।

बाईट.....मो. मुमताज अहमद....धरनार्थी

"लोगों को बांटने वाला कानून मंजूर नहीं"

वीओ...2...नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ काफी संख्या में मुस्लिम महिलायें सड़क पर उतरी हुई है।महिलाओं ने शहर के मुख्य बाजार में अनिश्चितकालीन धरना देना शुरु कर दिया है।धरना में शामिल युवती सायदा इस्लाम ने बताया कि सरकार देश का नागरिक होने का सबूत मांग रही है।गरीब,अनपढ़ और सड़कों पर जिंदगी गुजारने वाले लोग कहां से सबूत लायेंगे।सायदा ने कहा कि सरकार गरीबी,बेरोजगारी,शिक्षा और महिला सुरक्षा में सुधार करे।ना कि लोग़ों को बांटने वाला कानून बनाये।


Conclusion:"शाहीन बाग के आंदोलन की चिंगारी मोतिहारी पहुंची"

वीओएफ...बहरहाल,सीएए के खिलाफ दिल्ली शाहीन बाग से उठे आन्दोलन के आग की चिंगारी मोतिहारी पहुंच चुकी है।चौखट के अंदर रहने वाली मुस्लिम महिलाओं ने सीएए के खिलाफ आन्दोलन का मोर्चा संभाल लिया है और सीएए के वापसी की अपनी मांग को लेकर धरना पर बैठे रहने के लिए कृतसंकल्पित भी दिख रही है।
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