मोतिहारी: बिहार के पूर्वी चंपारण (East Champaran) जिले का सदर अस्पताल (Sadar Hospital Motihari) पानी में तैरता नजर आ रहा है. अस्पताल के चारों तरफ तीन से चार फीट पानी भरा हुआ है, जिस कारण मरीज और उनके परिजनों को काफी परेशानी हो रही है. अस्पताल परिसर में स्थित सिविल सर्जन कार्यालय समेत सभी ऑफिस पानी से घिरे हुए हैं.
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अस्पताल परिसर में बनी जलजमाव (Water Logging in Hospital) की स्थिति को लेकर अधिकारी कागजी घोड़ा दौड़ाने में व्यस्त हैं और नगर निगम पानी निकासी की खानापूर्ति में जुटा हुआ है. जलजमाव के कारण सबसे अधिक परेशानी मरीजों को हो रही है. चिकित्सक और चिकित्साकर्मी भी परेशान हैं. गर्भवती महिलाओं के अलावा गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए अस्पताल का जलजमाव नासूर बन गया है. नगर निगम के आयुक्त सुनील कुमार ने कहा, 'जल निकासी के लिए चार-चार मशीन लगाए गए हैं. सदर अस्पताल में जमा पानी जल्द ही निकाल दिया जाएगा.'
"जलजमाव को लेकर नगर निगम और भवन निर्माण विभाग को लिखा गया है. सुपर सकर मशीन से पानी निकाला जा रहा है, लेकिन पानी निकालने के बाद बारिश हो जाने से फिर जलजमाव हो जाता है."- डॉ अंजनी कुमार, सिविल सर्जन
बता दें कि जिला के 65 लाख की आबादी के सेहत की जिम्मेवारी सदर अस्पताल के भरोसे है. विशेषकर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का एकमात्र सहारा सदर अस्पताल है, लेकिन जलजमाव के कारण अस्पताल में आने वाले मरीजों को जल जनित बिमारी होने का खतरा ज्यादा है. हल्की बारिश में भी अस्पताल परिसर में होने वाले जलजमाव के स्थायी निदान के बदले अधिकारी इसके तात्कालिक उपाय ही अब तक करते आ रहे हैं. इस स्थिति में सदर अस्पताल के जलजमाव के लिए दोषी कौन है? नगर निगम, अस्पताल प्रबंधन या भगवान इंद्र. यह बता पाना काफी मुश्किल है.
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