मोतिहारी: पूर्वी चम्पारण जिला परिवहन विभाग के दो कर्मियों को पटना से आई निगरानी विभाग की टीम ने 39 हजार रुपया रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. निगरानी की कार्रवाई के बाद पूरे समाहरणालय में हड़कम्प मच गया. गिरफ्तार कर्मियों में डाटा इंट्री ऑपरेटर खुर्शीद आलम और संविदा पर बहाल प्रधान लिपिक राजेंद्र प्रसाद है. निगरानी विभाग ने खुर्शीद आलम के पास से 30 हजार और राजेंद्र प्रसाद के पास से 9 हजार रिश्वत का रुपया बरामद किया है.
"सफारी गाड़ी के रजिस्ट्रेशन के लिए मांगी गई थी रिश्वत"
गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए निगरानी के डीएसपी सर्वेश कुमार सिंह ने बताया कि दोनों कर्मी उतराखंड से खरीदकर लाये गये सफारी गाड़ी का मोतिहारी में रजिस्ट्रेशन करने के लिए रिश्वत की मांग कर रहे थे. 2017 में खरीदकर लायी गई गाड़ी की कागजी खानापूर्ति करने में तीन साल लगाये गये और फिर कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद अरेराज के सलहां गांव निवासी गाड़ी मालिक से एक लाख रुपया रिश्वत की मांग की गई.
रिश्वत लेते दोनों कर्मी गिरफ्तार
रिश्वत की बात 39 हजार रुपये पर बन गयी. आवेदक ध्रुवनारायण मिश्रा से परिवहन विभाग के डाटा ऑपरेटर खुर्शीद आलम ने तीस हजार रुपया और संविदा पर कार्यरत प्रधान लिपिक राजेन्द्र प्रसाद ने नौ हजार रुपया मांग की थी. जिसकी लिखित शिकायत ध्रुवनारायण मिश्रा ने निगरानी में की. जिस शिकायत के आधार पर शनिवार को रिश्वत लेते दोनों कर्मियों को निगरानी ने गिरफ्तार कर लिया.
गिरफ्तार दोनो कर्मियों को निगरानी ले गई साथ
दरअसल, आवेदक ध्रुवनारायण मिश्र ने विगत 2 दिसंबर को निगरानी विभाग में जिला परिवहन कार्यालय के कर्मियों द्वारा रिश्वत मांगे जाने की लिखित शिकायत दर्ज कराई थी. जिसका सत्यापन निगरानी विभाग ने 4 दिसंबर को कराया. उसके बाद पटना से निगरानी विभाग के डीएसपी सर्वेश कुमार सिंह के नेतृत्व में आई. 14 सदस्यीय टीम ने परिवहन विभाग के दो काउन्टरों पर एक साथ छापामारी की और रिश्वत के रुपये के साथ दोनो कर्मियों को गिरफ्तार कर लिया. निगरानी की टीम गिरफ्तार दोनों कर्मियों को अपने साथ ले गई. छापामारी के बाद परिवहन विभाग के सभी कर्मी और अधिकारी कार्यालय से नदारद हो गये.