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HC के आदेश के बाद भी टोला सेवकों को नहीं मिला न्याय, करेंगे आमरण अनशन - धरना पर बैठे टोला सेवक

हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद पूर्वी चंपारण जिला के शिक्षा विभाग के अधिकारी टोला सेवकों की बात को सुनने को तैयार नहीं है. जिसके चलते टोला सेवक बुधवार से आमरण अनशन पर बैठेंगे.

दो दिवसीय धरना
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Published : Aug 21, 2019, 3:30 PM IST

मोतिहारी: टोला सेवकों ने 19 अगस्त से दो दिवसीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया था. लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद पूर्वी चंपारण जिला के शिक्षा विभाग के अधिकारी टोला सेवकों की बात सुनने को तैयार नहीं है. जिसके चलते टोला सेवक बुधवार से फिर एक बार आमरण अनशन पर बैठेंगे.

टोला सेवकों का सांकेतिक धरना प्रदर्शन
शिक्षा विभाग अधिकारियों की मनमानीदरअसल वित्तीय वर्ष 2014-15 में नियमों के विरुद्ध 112 टोला सेवकों को बहाल कर दिया गया था. साथ ही 16 महीने सेवा देने के बाद उन्हें चयन मुक्त भी कर दिया गया था. इसके अलावा उनका 16 महीने का मानदेय भी नहीं दिया गया. चयनमुक्त 112 टोला सेवक हाईकोर्ट गए और कोर्ट ने समायोजन का आदेश जिला के शिक्षा विभाग को दिया. लेकिन शिक्षा विभाग अधिकारियों की मनमानी के कारण 112 टोला सेवकों का समायोजन नहीं हो पा रहा है. इसलिए टोला सेवकों ने 19 अगस्त से दो दिवसीय सांकेतिक धरना दिया था जो अब 21 अगस्त से आमरण अनशन में बदल जाएगा.
Movement seeking adjustment
समायोजन की मांग को लेकर आंदोलन
समायोजन की मांग को लेकर आंदोलनबता दें कि इसके पहले भी टोला सेवकों ने अपने समायोजन की मांग को लेकर आंदोलन किया है. लेकिन हर बार उन्हें केवल आश्वासन ही मिला है. इस बार टोला सेवकों ने अंतिम लड़ाई के लिए 19 अगस्त से अपना आंदोलन शुरु किया है. लेकिन, किसी पदाधिकारी ने उनकी सुधि नहीं ली है. जिसके चलते वो आमरण अनशन पर बैठेंगे.

मोतिहारी: टोला सेवकों ने 19 अगस्त से दो दिवसीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया था. लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद पूर्वी चंपारण जिला के शिक्षा विभाग के अधिकारी टोला सेवकों की बात सुनने को तैयार नहीं है. जिसके चलते टोला सेवक बुधवार से फिर एक बार आमरण अनशन पर बैठेंगे.

टोला सेवकों का सांकेतिक धरना प्रदर्शन
शिक्षा विभाग अधिकारियों की मनमानीदरअसल वित्तीय वर्ष 2014-15 में नियमों के विरुद्ध 112 टोला सेवकों को बहाल कर दिया गया था. साथ ही 16 महीने सेवा देने के बाद उन्हें चयन मुक्त भी कर दिया गया था. इसके अलावा उनका 16 महीने का मानदेय भी नहीं दिया गया. चयनमुक्त 112 टोला सेवक हाईकोर्ट गए और कोर्ट ने समायोजन का आदेश जिला के शिक्षा विभाग को दिया. लेकिन शिक्षा विभाग अधिकारियों की मनमानी के कारण 112 टोला सेवकों का समायोजन नहीं हो पा रहा है. इसलिए टोला सेवकों ने 19 अगस्त से दो दिवसीय सांकेतिक धरना दिया था जो अब 21 अगस्त से आमरण अनशन में बदल जाएगा.
Movement seeking adjustment
समायोजन की मांग को लेकर आंदोलन
समायोजन की मांग को लेकर आंदोलनबता दें कि इसके पहले भी टोला सेवकों ने अपने समायोजन की मांग को लेकर आंदोलन किया है. लेकिन हर बार उन्हें केवल आश्वासन ही मिला है. इस बार टोला सेवकों ने अंतिम लड़ाई के लिए 19 अगस्त से अपना आंदोलन शुरु किया है. लेकिन, किसी पदाधिकारी ने उनकी सुधि नहीं ली है. जिसके चलते वो आमरण अनशन पर बैठेंगे.
Intro:मोतिहारी।हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद पूर्वी चंपारण जिला के शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मनमानी के कारण 112 टोला सेवकों का समायोजन नहीं हो पा रहा है।लिहाजा, ग्यारहवीं बार दो दिवसीय सांकेतिक धरना पर बैठे टोला सेवकों का आमरण अनशन 21 अगस्त से शुरु होगा।


Body:दरअसल,वित्तीय बर्ष 2014-15 में बहाल 112 टोला सेवकों की बहाली नियम विरुद्ध बताते हुए 16 महीना सेवा देने के बाद उन्हे चयन मुक्त कर दिया गया।इसके अलावा उनका 16 महीने का मानदेय भी नहीं दिया गया।चयनमुक्त 112 टोला सेवक हाईकोर्ट गए और कोर्ट ने समायोजन का आदेश जिला के शिक्षा विभाग को दिया।लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी टोला सेवकों की बात को सुनने को तैयार नहीं हैं।लिहाजा,टोला सेवकों ने 19 अगस्त से दो दिवसीय सांकेतिक धरना शुरु किया।जो 21 अगस्त से आमरण अनशन में बदल जाएगा।


Conclusion:गौरतलब है कि इसके पूर्व भी टोला सेवकों ने अपने समायोजन की मांग को लेकर स बार आन्दोलन किया है।लेकिन हर बार उन्हे केवल आश्वासन हीं मिला है।इस बार टोला सेवकों ने अंतिम लड़ाई के लिहाज से अपना आंदोलन शुरु किया है।19 अगस्त से दो दिवसीय सांकेतिक धरना शुरु किया।लेकिन किसी पदाधिकारी ने उनकी सुधि नहीं ली।लिहाजा, अनशन करने वाले टोला सेवक अब अनिश्चितकालिन आमरण अनशन शुरु करेंगे।

बाईट......संजीत कुमार......आंदोलनकारी टोला सेवक
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