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मोतिहारीः बीए में नामांकन नहीं मिलने से अधर में छात्रों का भविष्य, सभी कॉलेजों ने लगाया 'नो सीट' का बोर्ड

छात्र-छात्राओं का कहना है कि अचानक सभी कॉलेजों ने सीट फूल हो जाने का बोर्ड लटका दिया है. उन्हें अब अपना एक साल बर्बाद होता दिख रहा है. स्थिति यह है कि जिस कॉलेज से बच्चों ने इंटरमीडियट पास किया है, उस कॉलेज में भी उनका नामांकन नहीं हो पा रहा है.

नामांकन के लिए खड़े छात्र
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Published : Oct 17, 2019, 8:28 AM IST

मोतिहारीः बिहार विश्वविद्यालय के अधीन पूर्वी चंपारण जिले में संचालित सरकारी और अंगीभूत कॉलेजों में बीए प्रथम वर्ष में लगभग तीन हजार बच्चों का नामांकन नहीं हो सका है. सरकार की नई शिक्षा नीति और विश्वविद्यालय की कार्य शैली के कारण इन बच्चों का भविष्य अधर में लटकता दिख रहा है. जिले के ज्यादातर कॉलेजों ने सीट फूल का बोर्ड टांग दिया गया है.

motihari
परेशान छात्र

कॉलेजों का दौड़ लगा रहे छात्र
नामांकन से वंचित छात्र और छात्राएं इस कॉलेज से उस कॉलेज दौड़ लगा रहे हैं. जिस कॉलेज में बच्चों को नामांकन की सूचना मिल रही है, वहां नामांकन कराने वालों की भीड़ इकट्ठी हो जा रही है. जिससे वहां हंगामा भी हो जाता है. दरअसल, जिले में नौ सरकारी और एक अंगीभूत डिग्री कॉलेज हैं. जबकि जिले की छह अंगीभूत डिग्री कॉलेजों की मान्यता खत्म कर दी गई है. लिहाजा कॉलेजों की संख्या घटने से इंटर पास बहुत से बच्चों को डिग्री कोर्स में नामांकन के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है.

motihari
ऑफिस से गायब कर्मचारी

'एक साल हो जाएगा बर्बाद'
नामांकन के लिए विभिन्न कॉलेज का चक्कर लगा रहे छात्र-छात्राओं ने बताया कि अचानक सभी कॉलेजों ने सीट फूल हो जाने का बोर्ड लगा दिया है. छात्रों को अब अपना एक साल बर्बाद होता दिख रहा है. स्थिति यह है कि जिस कॉलेज से बच्चों ने इंटरमीडिएट पास किया है, उस कॉलेज में भी उनका नामांकन नहीं हो पा रहा है. छात्रों का कहना है कि कोई कुछ नहीं बता रहा है, ऐसे में हमारा एक साल बर्बाद हो जाएगा.

नामांकन नहीं मिलने से छात्र परेशान

एकजुट होने लगे छात्र संगठन
इधर, छात्रों की परेशानी को देखते हुए विभिन्न छात्र संगठनों को एक मंच पर लाने की कवायद एनएसयूआई ने शुरू कर दी है. एसएनएस कॉलेज के छात्र संघ के अध्यक्ष आशीष कुमार ने बताया कि बिहार यूनिवर्सिटी में लगभग बारह हजार छात्र नामांकन से वंचित रह जायेंगे. जिसके लिए सभी छात्र संगठनों को एकजुट करके आंदोलन की तैयारी की जा रही है. वैसे छात्रों के सामने अब समस्या यह है कि उन लोगों ने दूसरी जगह अप्लाई भी नहीं किया है.

मोतिहारीः बिहार विश्वविद्यालय के अधीन पूर्वी चंपारण जिले में संचालित सरकारी और अंगीभूत कॉलेजों में बीए प्रथम वर्ष में लगभग तीन हजार बच्चों का नामांकन नहीं हो सका है. सरकार की नई शिक्षा नीति और विश्वविद्यालय की कार्य शैली के कारण इन बच्चों का भविष्य अधर में लटकता दिख रहा है. जिले के ज्यादातर कॉलेजों ने सीट फूल का बोर्ड टांग दिया गया है.

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परेशान छात्र

कॉलेजों का दौड़ लगा रहे छात्र
नामांकन से वंचित छात्र और छात्राएं इस कॉलेज से उस कॉलेज दौड़ लगा रहे हैं. जिस कॉलेज में बच्चों को नामांकन की सूचना मिल रही है, वहां नामांकन कराने वालों की भीड़ इकट्ठी हो जा रही है. जिससे वहां हंगामा भी हो जाता है. दरअसल, जिले में नौ सरकारी और एक अंगीभूत डिग्री कॉलेज हैं. जबकि जिले की छह अंगीभूत डिग्री कॉलेजों की मान्यता खत्म कर दी गई है. लिहाजा कॉलेजों की संख्या घटने से इंटर पास बहुत से बच्चों को डिग्री कोर्स में नामांकन के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है.

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ऑफिस से गायब कर्मचारी

'एक साल हो जाएगा बर्बाद'
नामांकन के लिए विभिन्न कॉलेज का चक्कर लगा रहे छात्र-छात्राओं ने बताया कि अचानक सभी कॉलेजों ने सीट फूल हो जाने का बोर्ड लगा दिया है. छात्रों को अब अपना एक साल बर्बाद होता दिख रहा है. स्थिति यह है कि जिस कॉलेज से बच्चों ने इंटरमीडिएट पास किया है, उस कॉलेज में भी उनका नामांकन नहीं हो पा रहा है. छात्रों का कहना है कि कोई कुछ नहीं बता रहा है, ऐसे में हमारा एक साल बर्बाद हो जाएगा.

नामांकन नहीं मिलने से छात्र परेशान

एकजुट होने लगे छात्र संगठन
इधर, छात्रों की परेशानी को देखते हुए विभिन्न छात्र संगठनों को एक मंच पर लाने की कवायद एनएसयूआई ने शुरू कर दी है. एसएनएस कॉलेज के छात्र संघ के अध्यक्ष आशीष कुमार ने बताया कि बिहार यूनिवर्सिटी में लगभग बारह हजार छात्र नामांकन से वंचित रह जायेंगे. जिसके लिए सभी छात्र संगठनों को एकजुट करके आंदोलन की तैयारी की जा रही है. वैसे छात्रों के सामने अब समस्या यह है कि उन लोगों ने दूसरी जगह अप्लाई भी नहीं किया है.

Intro:मोतिहारी।बाबा साहेब भीमराव अम्बेदकर बिहार विश्व विद्यालय के अधीन पूर्वी चंपारण जिले में संचालित सरकारी और अंगीभूत महाविद्यालयों में बीए डिग्री कोर्स के प्रथम बर्ष में नामांकन से लगभग तीन हजार बच्चे वंचित रह जाऐंगे।सरकार की नई शिक्षा नीति और विश्व विद्यालय के कार्य शैली के कारण नामांकन से वंचित बच्चों का भविष्य अधर में लटकता दिख रहा है।जिले के अधिकांश कॉलेजों में विभिन्न संकाय में सीट फूल का बोर्ड टांग दिया गया है।लिहाजा,कई कॉलेजों में नामांकन के लिए अप्लाई करने वाले विद्यार्थी इस कॉलेज से उस कॉलेज में दौड़ लगा रहे हैं।जिस कॉलेज में बच्चों को नामांकन की सूचना मिल रही है।वहां नामांकन कराने वालों की भीड़ ईकट्ठा हो जा रही है।जो हंगामा का भी रुप लेती है।


Body:दरअसल,जिले में नौ सरकारी और एक अंगीभूत डिग्री कॉलेज है।जबकि जिले की छह अंगीभूत डिग्री कॉलेज की मान्यता समाप्त कर दी गई है।लिहाजा,कॉलेज की संख्या घटने से इंटर पास आउट बहुत से बच्चों को डिग्री कोर्स में नामांकन के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है।नामांकन के लिए विभिन्न कॉलेज का चक्कर लगा रहे छात्र-छात्राओं ने बताया कि अचानक सभी कॉलेजों ने सीट फूल हो जाने का बोर्ड लटका दिया है।छात्रों को अब अपना एक साल बर्बाद होता दिख रहा है।स्थिति यह है कि जिस कॉलेज से बच्चों ने इंटरमीडियट पास किया है।उस कॉलेज में उनका नामांकन नहीं हो पा रहा है।लिहाजा,विद्यार्थी हंगामा भी कर रहे हैं।


Conclusion:इधर छात्रों के परेशानी को देख विभिन्न छात्र संगठनों को एक मंच पर लाने की कवायद एनएसयूआई ने शुरु किया है।एसएनएस कॉलेज के छात्र संघ अध्यक्ष ने बताया कि बिहार यूनिवर्सिटी में लगभग बारह हजार छात्र नामांकन से वंचित रह जायेंगे।जिसके लिए सभी छात्र संगठनों को एकजूट करके आंदोलन की तैयारी की जा रही है।बहरहाल,जिले में लगभग तीन हजार छात्र नामांकन से वंचित रह जायेनगे।वैसे छात्रों के सामने अब समस्या यह है कि उन लोगों ने दुसरे जगह अप्लाई भी नहीं किया है।इधर दुसरी ओर जो बातें सामने आ रही है।उसके अनुसार विद्यार्थियों की भीड़ होम साईंस,इतिहास,मनो विज्ञान,भूगोल और राजनीतिक विज्ञान फैकेल्टी में ज्यादा है।अधिकांश इन्ही बिषयों के बच्चे नामांकन से वंचित हो रहे हैं।
बाईट....अभिषेक कुमार...छात्र(बाल मुंडवाए हुए)
बाईट....रानी कुमारी....छात्रा
बाईट.....मो. अनस.....छात्र(काई कलर का शर्ट)
बाईट.....आशीष कुमार.....छात्र संघ अध्यक्ष,एसएनएस कॉलेज
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