मोतिहारी: लॉक डाउन के कारण बड़े से लेकर छोटे उद्योग तक प्रभावित हुए हैं. मोतिहारी में संचालित सोनपापड़ी उद्योग भी इससे काफी प्रभावित हुआ है. सप्लाई चेन टूट जाने से लाखों का घाटा सोनपापड़ी उद्योग को लगा है. सोनपापड़ी की मांग अचानक घटने से कारीगरों को देने के लिए मालिक के पास पैसे तक नहीं है. इसके बावजूद इससे जुड़े लोगों ने संकट के दौर से गुजर रहे सोनपापड़ी उद्योग को एकबार फिर से खड़ा करने की कवायद शुरु की है.
कच्चा माल मिलने में परेशानी
बाहर से आए कारीगर के अलावा मिठाई के पैकिंग करने के काम में स्थानीय लोगों को रोजगार मिला हुआ है. वहीं पीएम नरेंद्र मोदी के लोकल पर वोकल के मंत्र पर शांतिगोल्ड सोनपापड़ी के युवा मालिक राहुल कुमार ने बताया कि सरकार अगर टैक्स के साथ लोन में रियायत करे, तो वो लोकल को वोकल बनाने की क्षमता रखते हैं.
शांति गोल्ड के मालिक राहुल कुमार ने बताया कि लॉक डाउन के कारण सप्लाई चेन टूटने से उनका व्यवसाय काफी प्रभावित हुआ है. एक तो लॉक डाउन के कारण कच्चा माल मिलने में परेशानी हुई है. वहीं मार्केट में सोनपापड़ी का सप्लाई बंद हो गया. क्योंकि मार्केट से डिमांड खत्म हो गई है.
स्थानीय लोगों को मिला रोजगार
राहुल कुमार ने बताया कि व्यवसाय प्रभावित होने से कारीगरों को उनके तीन माह का पूरा वेतन नहीं दे पाए हैं. सोनपापड़ी उद्योग में उतराखंड के आए कारीगर भी लगे हुए हैं. कारीगर संजीव ने बताया कि वह होली में घर नहीं गए थे. उसके बाद लॉक डाउन हो गया. लेकिन मालिक ने उसे इस दौरान परेशानी नहीं होने दी है.
संजीव ने बताया कि फिर से सोनपापड़ी का काम शुरु हुआ है, तो वह काम में लग गए हैं. सोनपापड़ी उद्योग में पैकेजिंग के काम से स्थानीय लोग भी जुड़े हुए हैं. जिसमें महिलाओं की संख्या ज्यादा है.
सोनपापड़ी उद्योग को किया गया शुरू
सोनपापड़ी की पैकेजिंग कर रही फरहत ने बताया कि वो मैट्रिक पास हैं और घर की स्थिति अच्छी नहीं है. यहां काम करके वह अपने घर-परिवार को चला रही हैं. बता दें कोरोना संक्रमण को लेकर विगत 24 मार्च को सरकार ने संपूर्ण लॉक डाउन की घोषणा की थी. जो अब चौथे चरण में है. सरकार के घोषित लॉक डाउन के कारण छोटे से लेकर बड़े उद्योग-धंधे प्रभावित हुए हैं. जिसके लपेटे में मोतिहारी का सोनपापड़ी उद्योग भी आ गया है. जिसे एक बार फिर से पटरी पर लाने का प्रयास शुरू किया गया है.