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मोतिहारी में राजद के राष्ट्रीय महासचिव भड़के, कहा-कवियित्री अनामिका जैन इतनी महान कवियित्री नहीं हैं

राजद के राष्ट्रीय महासचिव फैसल अली (RJD National General Secretary Faisal Ali)ने अनामिका जैन प्रकरण पर कहा कि मैं खुद एक साहित्यकार हूं, लेकिन उनका नाम नहीं सुना है. राजद के राष्ट्रीय महासचिव फैसल अली चार दिवसीय दौरा मोतिहारी और शिवहर लोकसभा क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं.आजकल हर कोई तुकबंदी करके कवि या कवियित्री हो जाता है. वह इतना महान और विद्रोही तो नहीं है. जिसे सरकार रोकने का प्रयास कर रही है. यह भ्रामक बात हैं. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Nov 27, 2022, 11:06 PM IST

मोतिहारी में राजद के राष्ट्रीय महासचिव भड़के
मोतिहारी में राजद के राष्ट्रीय महासचिव भड़के

मोतिहारी: बिहार के मोतिहारी देश की मशहूर कवियित्री अनामिका जैन (Country famous poetess Anamika Jain) को कविता पाठ से रोके जाने के प्रकरण पर सवाल पूछे जाने पर राजद नेता भड़क गये. शिवहर लोकसभा क्षेत्र से राजद के प्रत्याशी रहे राष्ट्रीय महासचिव फैसल अली ने अनामिका जैन प्रकरण पर कहा कि मैं खुद एक साहित्यकार हूं, लेकिन उनका नाम नहीं सुना है और आजकल हर कोई तुकबंदी करके कवि या कवियित्री हो जाता है. वह इतना महान और विद्रोही तो नहीं है. जिसे सरकार रोकने का प्रयास कर रही है. यह भ्रामक बात है और लोग वेवजह सनसनी फैला रहे हैं.

ये भी पढ़ें : बिहार में अति पिछड़ा पसमांदा गठजोड़ की सियासत: महागठबंधन में भाजपा के मास्टर स्ट्रोक से बेचैनी

मोतिहारी में राजद के राष्ट्रीय महासचिव भड़के

वह इतनी महान और विद्रोही कवियित्री नहीं है : राष्ट्रीय महासचिव फैसल अली ने कहा कि राहत इंदौरी, पटना के कलीम साहब के अलावा कई कवि शासन-प्रशासन को आईना दिखाते हैं तो उन्हें नहीं रोका जाता है. भारत में अभी इतना खराब माहौल नहीं हुआ है. जो कवि,साहित्यकार, कवियित्री, पत्रकार और शायर को इस तरह से रोका जाएगा. इस लोकल इश्यू को आपलोग इतना बड़ा इश्यू बना दिए हुए हैं. वह इतनी महान और विद्रोही कवियित्री नहीं है. जिसे रोका जा रहा है. यह मिथ्या और भ्रामक बात है.

फैसल अली मोतिहारी में चार दिवसीय दौरे पर हैं : राजद के राष्ट्रीय महासचिव फैसल अली चार दिवसीय दौरा मोतिहारी और शिवहर लोकसभा क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं.जदयू एमएलसी गुलाम गौस के मुसलमानों पर दिए गए बयान से संबंधित पूछे गए सवाल पर फैसल अली ने कहा कि गुलाम गौस ही अपनी कही बातों की व्याख्या कर सकते हैं. लेकिन कुछ ऐतिहासिक सत्य है. इस्लाम के दुनिया में आने से पहले कोई ना कोई संस्कृति, विचारधारा या सभ्यता था. जिसके वंशज हम आप हैं.

ये भी पढ़ें : पूरी हुई प्रतिज्ञा: राजगीर में नल खोला, गिलास में भरा और पी लिया, 7 साल में हर घर पहुंचा गंगाजल



" मैं खुद एक साहित्यकार हूं, लेकिन उनका नाम नहीं सुना है और आजकल हर कोई तुकबंदी करके कवि या कवियित्री हो जाता है. वह इतना महान और विद्रोही तो नहीं है. जिसे सरकार रोकने का प्रयास कर रही है. यह भ्रामक बात है और लोग वेवजह सनसनी फैला रहे हैं." -फैसल अली, राष्ट्रीय महासचिव, राजद

मोतिहारी: बिहार के मोतिहारी देश की मशहूर कवियित्री अनामिका जैन (Country famous poetess Anamika Jain) को कविता पाठ से रोके जाने के प्रकरण पर सवाल पूछे जाने पर राजद नेता भड़क गये. शिवहर लोकसभा क्षेत्र से राजद के प्रत्याशी रहे राष्ट्रीय महासचिव फैसल अली ने अनामिका जैन प्रकरण पर कहा कि मैं खुद एक साहित्यकार हूं, लेकिन उनका नाम नहीं सुना है और आजकल हर कोई तुकबंदी करके कवि या कवियित्री हो जाता है. वह इतना महान और विद्रोही तो नहीं है. जिसे सरकार रोकने का प्रयास कर रही है. यह भ्रामक बात है और लोग वेवजह सनसनी फैला रहे हैं.

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मोतिहारी में राजद के राष्ट्रीय महासचिव भड़के

वह इतनी महान और विद्रोही कवियित्री नहीं है : राष्ट्रीय महासचिव फैसल अली ने कहा कि राहत इंदौरी, पटना के कलीम साहब के अलावा कई कवि शासन-प्रशासन को आईना दिखाते हैं तो उन्हें नहीं रोका जाता है. भारत में अभी इतना खराब माहौल नहीं हुआ है. जो कवि,साहित्यकार, कवियित्री, पत्रकार और शायर को इस तरह से रोका जाएगा. इस लोकल इश्यू को आपलोग इतना बड़ा इश्यू बना दिए हुए हैं. वह इतनी महान और विद्रोही कवियित्री नहीं है. जिसे रोका जा रहा है. यह मिथ्या और भ्रामक बात है.

फैसल अली मोतिहारी में चार दिवसीय दौरे पर हैं : राजद के राष्ट्रीय महासचिव फैसल अली चार दिवसीय दौरा मोतिहारी और शिवहर लोकसभा क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं.जदयू एमएलसी गुलाम गौस के मुसलमानों पर दिए गए बयान से संबंधित पूछे गए सवाल पर फैसल अली ने कहा कि गुलाम गौस ही अपनी कही बातों की व्याख्या कर सकते हैं. लेकिन कुछ ऐतिहासिक सत्य है. इस्लाम के दुनिया में आने से पहले कोई ना कोई संस्कृति, विचारधारा या सभ्यता था. जिसके वंशज हम आप हैं.

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" मैं खुद एक साहित्यकार हूं, लेकिन उनका नाम नहीं सुना है और आजकल हर कोई तुकबंदी करके कवि या कवियित्री हो जाता है. वह इतना महान और विद्रोही तो नहीं है. जिसे सरकार रोकने का प्रयास कर रही है. यह भ्रामक बात है और लोग वेवजह सनसनी फैला रहे हैं." -फैसल अली, राष्ट्रीय महासचिव, राजद

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