मोतिहारी : पूर्वी चंपारण जिले में आई प्रलंयकारी बाढ़ के चपेट में कई प्रखंड आ गए हैं. कई गांव बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में लोगों के आने-जाने का साधन सिर्फ नाव है. प्रशासनिक नाव उपलब्ध नहीं होने से प्राइवेट नाव ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का एक मात्र सहारा है. लेकिन नाव के नाविक क्षमता से अधिक सवारी बैठाते हैं और लोगों से मनमाना भाड़ा भी वसूलते हैं.
प्रशासन ने दी है सिर्फ दो मोटरबोट
बंजरिया प्रखंड के सभी 13 पंचायत बाढ़ में घिरे हुए है. इस क्षेत्र के लोगों के लिए आने जाने का साधन सिर्फ नाव है. नाव से आने जाने वाले लोगों की जान हथेली पर ही रहती है. जिला प्रशासन ने मोटरबोट के साथ एसडीआरएफ की दो टीमों की व्यवस्था की है. जो बूढ़े,बीमार और गर्भवती महिलाओं को बाहर लाने और ले जाने के लिए है.
नाव पर क्षमता से अधिक लोग सवार
बंजरिया प्रखंड कार्यालय के पास सभी नाव लगे रहते हैं. जिस पर क्षमता से अधिक सामान और यात्री सफर करते हैं. लेकिन स्थानीय प्रशासन इससे अंजान है. ओवरलोड नाव पर अपने घर लौट रहे लोगों ने बताया कि उनलोगों के पास दूसरा कोई साधन नहीं है. इसी तरह आना-जाना उनकी मजबूरी है.
ओवर लोड नाव से खैरी गांव में अपने घर लौट रहे शेख मुगले आजम ने बताया कि सरकार ने उन लोगों को कोई सुविधा नहीं दी है. अगर सरकार सुविधा देती तो आज इस तरह परेशानी नहीं उठाना पड़ता. मोहम्मदपुर गांव के रहने वाले मो.असलम अंसारी ने बताया कि वह अपने गांव जा रहे हैं. लेकिन जाने का साधन सिर्फ नाव है. क्योंकि सभी रास्ता बंद है.

नहीं है सरकारी नाव की व्यवस्था
जटवा गांव के मो. शाहिद अंसारी ने बताया कि घर में खाने का कोई सामान नहीं है. वह सामान लेने मोतिहारी आए थे और सामान लेकर मोतिहारी से नाव पर लौट रहे हैं. सरकार ने नाव की व्यवस्था नहीं की है. इसलिए प्राईवेट नाव से लौट रहे हैं. नाविक मनमाना भाड़ा वसूलता हैं. वहीं सिसवनिया गांव के रहने वाले मो. जाकिर हुसैन ने बताया कि जरूरत के सामान के लिए मोतिहारी आना पड़ता है. जिसके लिए नाव ही सहारा है.

ओवरलोड नाव से रहता है खतरा
बतादें कि जिले का बंजरिया प्रखंड हर वर्ष बाढ़ से तबाह होता है. बरसात के दिनों में बंजरिया के सभी पंचायतों का जिला और प्रखंड मुख्यालय से संपर्क टूट जाता है. प्रखंड क्षेत्र के लोगों के लिए आने जाने का एकमात्र सहारा नाव हीं रहता है.
जिसपर नाविक ओवरलोड सवारी बैठाते हैं. साथ हीं ज्यादा पैसा के लोभ में काफी मात्रा में सामानों को भी ढ़ोते हैं. जो हर समय खतरा को आमंत्रण देता है. लेकिन सबकुछ देखने-सुनने के बावजूद स्थानीय प्रशासन अंजान बना हुआ है.