मोतिहारी: जिन हाथों ने दूसरों की सांसे छीनी थी, अब वही हाथ लोगों की सांसों को टूटने से बचाने में लगे हैं. मोतिहारी सेंट्रल जेल में बंद सजायाफ्ता कैदी दामन पर लगे खून के धब्बे को अपने पसीने से धोने में लगे हैं. जेल में हत्या जैसे संगीन अपराधों की सजा काट रहे कैदी जेल के अंदर पीपीई किट बना रहे हैं. कोरोना संकट शुरू होने के समय से ही जेल के कैदी मास्क बनाने में जुटे हुए हैं.
50 पीपीई किट का आर्डर
जेल अधीक्षक की पहल पर कैदियों ने पीपीई किट बनाना शुरू किया है. जिसकी जानकारी मिलने पर एसपी नवीन चंद्र झा ने एक विशेष तरह की प्लास्टिक जेल प्रशासन को उपलब्ध कराया है. साथ ही एसपी ने 50 पीपीई किट सप्लाई का आर्डर भी जेल प्रशासन को दिया है.
नहीं हुआ मूल्य निर्धारण
कैदियों ने जिला पुलिस को 32 पीपीई किट का सप्लाई कर दिया है. हालांकि इन पीपीई किट का मूल्य निर्धारण अभी नहीं हुआ है. लेकिन मैटेरियल कॉस्ट के हिसाब से इन पीपीई किट का सस्ता होने का अनुमान है.
पीपीई किट का इस्तेमाल करेंगे पुलिसकर्मी
एसपी नवीन चंद्र झा ने बताया कि जेल के कैदी पहले से ही मास्क और ग्लब्स बना रहे हैं. जिसकी सप्लाई पुलिस विभाग के साथ बाजारों में भी हुई है. अब कैदियों ने पीपीई किट बनाना शुरु किया है. पुलिसकर्मी जरुरत पड़ने पर इनका उपयोग करेंगे.
मास्क बनाने का प्रस्ताव
बता दें कि कोरोना संकट शुरू होने के समय मास्क की बढ़ी डिमांड को देखते हुए जेल अधीक्षक ने जेल के अंदर सिलाई ट्रेनिंग ले चुके सजायाफ्ता कैदियों के सामने मास्क बनाने का प्रस्ताव रखा था. जिसके बाद से वे मास्क और गलब्स बना रहे थे.