पटना/पूर्वी चंपारण: बिहार के पूर्वी चंपारण में जन सुराज यात्रा के दौरान संयोजक प्रशांत किशोर (Prashant Kishor statement ) ने भ्रष्टाचार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि गरीब कल्याण योजना में विधायक से लेकर मुखिया तक के स्तर पर भ्रष्टाचार व्याप्त है. गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबों को 2023 तक मुफ्त अनाज देने के फैसले पर मुहर लग गई है, लेकिन योजना में भ्रष्टाचार को लेकर भी आरोप-प्रत्यारोप के दौर जारी हैं. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने योजना में भ्रष्टाचार को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा किया है.
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2023 तक मुफ्त अनाज की घोषणा के बाद बयानबाजियां- गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबों को 2023 तक मुफ्त अनाज दिया जाएगा. इस बाबत केंद्र सरकार ने ऐलान कर दिया है. केंद्र सरकार के ऐलान के बाद बयानबाजी का दौर भी जारी है. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने योजना में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया है. प्रशांत किशोर ने कहा है कि गरीबों की योजनाओं में लूट हो रही है. जन सुराज पदयात्रा के 85वें दिन पूर्वी चंपारण के मीडिया से बातचीत के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत ज्यादातर लोगों को पांच किलो अनाज नहीं मिलता है. उन्हें चार या साढ़े चार किलो ही अनाज मिलता है.
सरकार की दो योजनाओं में भ्रष्टाचारः पीके ने कहा लोगों को अनाज कम इसलिए मिलता है क्योंकि हर प्रखंड में जितना अनाज आता है, इस पर व्यवस्थित तरीके से 40 रुपया प्रति क्विंटल के हिसाब से विधायक से ले कर अफसर और जनप्रतिनिधि तक व्यवस्थित तरीके से गरीब जनता को काट रहे हैं. मौजूदा समय में सरकार की दो योजनाएं चल रही. एक प्रधानमंत्री आवास योजना, जिसमें 25 से 40 हजार रुपया घूस की राशि ली जाती है. दूसरी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना जिसमें विधायक समेत जनप्रतिनिधि और अफसर मिलकर 40 रुपया प्रति क्विंटल ले रहे हैं. इसकी वजह से लाभार्थियों को पांच के बजाए 4 या 4.5 किलो ही अनाज मिल रहा है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का लाभ उनके ही पार्टी के ज्यादातर विधायक नेता उठा रहे हैं.
"प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत ज्यादातर लोगों को पांच किलो अनाज नहीं मिलता है. उन्हें चार या साढ़े चार किलो ही अनाज मिलता है. क्योंकि हर प्रखंड में जितना अनाज आता है, इस पर व्यवस्थित तरीके से 40 रुपया प्रति क्विंटल के हिसाब से विधायक से ले कर अफसर और जनप्रतिनिधि तक व्यवस्थित तरीके से गरीब जनता को काट रहे हैं'' - प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज