मोतिहारी: भारत सरकार की 'इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय' के 'डिजिटल इंडिया कार्यक्रम' (Digital India Program) का 6 साल पूरे होने के मौके पर गुरुवार को एक ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से प्रधानमंत्री ने डिजिटल इंडिया योजना और सेवाओं के लाभुकों से बात की. इस कार्यक्रम में पूर्वी चंपारण जिले से भी ई-संजीवनी योजना (E-Sanjeevani Yojana) की लाभुक कांति देवी एवं उनके पौत्र शुभम कुमार से पीएम नरेंद्र मोदी ने बातचीत की. पीएम से संवाद करके शुभम काफी खुश हैं.
यह भी पढ़ें: शिक्षा विभाग ने 257 BEO के तबादले पर लगाई रोक, कल किया था ट्रांसफर
पीएम ने शुभम और उनकी दादी से संवाद किया
वर्चुअल माध्यम से हुए कार्यक्रम में प्रधानमंत्री से अपनी बातचीत के शुरुआत में शुभम ने अपना परिचय देने के साथ अपनी बातें रखी. प्रधानमंत्री ने डिजिटल इंडिया से शुभम को मिली सेवाओं और उससे हुए फायदे के बारे में जानकारी ली. शुभम ने लॉकडाउन पीरियड में घर बैठे हुए ही अपनी मानसिक रोगी 73 वर्षीय दादी कांति देवी के इलाज में ई-संजीवनी एप से मिले लाभ की जानकारी दी.
केजीएमयू लखनऊ में चल रहा है कांति देवी का इलाज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Pm Narendra Modi ) से बात करने वाले शुभम ने बताया कि उनकी 73 वर्षीय दादी कांती देवी का काफी वर्षों से मानसिक रोग का इलाज चल रहा है और अपने जिला में चले इलाज से उनकी दादी को कुछ खास फायदा नहीं हुआ. इसलिए उन्होंने पहले बीएचयू में दादी को दिखाया और फिर उन्हें केजीएमयू रेफर किया गया.
इसी साल अप्रैल माह में उनकी दादी के स्वास्थ्य की स्थिति गंभीर होने पर घर से करीब पांच सौ किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश के केजीएमयू हॉस्पिटल लखनऊ के बुजुर्ग मानसिक स्वास्थ्य विभाग से चिकित्सा प्रारम्भ हुआ.
ओआरएस पोर्टल के माध्यम से अप्वाइंटमेंट मिला था. जिस पर तारीख, समय और डॉक्टर का चुनाव पहले ही कर लिया गया था.
'दादी के इलाज का पहला दिन ही था. दवा अभी बस 10 दिनों के लिए था और फॉलोअप पर आना था. उसी दिन लॉकडाउन की वजह से ओपीडी भी बंद हो गया.'- शुभम
यह भी पढ़ें: दिवंगत JDU MLA शशिभूषण हजारी को दिया गया 'गार्ड ऑफ ऑनर', कार्यकर्ताओं ने किए अंतिम दर्शन
शुभम की दादी का इलाज ई-संजीवनी से हुआ
लॉकडाउन के कारण ओपीडी बंद होने से शुभम परेशान हो गए. लेकिन केजीएमयू हॉस्पिटल (KGMU Hospital) के चिकित्सक ने सांत्वना देते हुए ई-संजीवनी ऐप ( E Sanjeevani Yojana ) के माध्यम से परामर्श के लिए उपलब्ध रहने की बात शुभम को बताई. उसके बाद अपनी दादी को लेकर परिवार के अन्य सदस्यों के साथ शुभम गांव वापस लौट आए. उसके बाद से विडियो कॉलिंग के माध्यम से शुभम की दादी को कई बार दिखाया जा चुका है और शुभम की दादी के स्वास्थ्य में काफी सुधार हुआ है.
'ई-संजीवनी ऐप से बड़ी ही आसानी हुई है. घर बैठे डॉक्टर से समुचित परामर्श के साथ दवाई की पर्ची भी प्राप्त हो जाती है.'-शुभम