पटनाः अदालती आदेश के बाद भी कोर्ट में शपथ पत्र दायर नहीं करने व शपथ पत्र दायर कर कार्य नहीं करने की स्थिति में कोर्ट में उपस्थित नहीं होने पर पटना हाईकोर्ट (Patna High Court ) ने नाराजगी व्यक्त की. जस्टिस अनिल कुमार सिन्हा (Justice Anil Kumar Sinha) ने भुवनेश्वर कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) के जिलाधिकारी के विरुद्ध जमानती वारंट (Warrant Against East Champaran DM) जारी किया है.
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क्या है मामलाः कोर्ट ने मोतिहारी के पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि वे मोतिहारी के डीएम को 17 जनवरी 2023 को अदालत में उपस्थित करना सुनिश्चित करें. कोर्ट को याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि यह मामला याचिकाकर्ता के वेतन से संबंधित है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट ने 5 दिसंबर 2022 को मोतिहारी डीएम को निर्देश दिया था कि वह याचिकाकर्ता के वेतन देने संबंधित मामले पर उचित निर्णय लें. साथ ही आदेश पालन कर अगली सुनवाई में कोर्ट में शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया गया था.
डीएम की कार्यशैली पर उठा सवालः कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि अगर इस बीच उनके द्वारा शपथ पत्र दायर नहीं किया गया, तो उन्हें स्वयं अदालत में उपस्थित होकर इसकी जानकारी कोर्ट को देनी होगी. उन्हें ये बताने को कहा गया था कि क्यों आज अदालती आदेश का पालन नहीं किया गया. अदालती आदेश के बाद भी न तो जिलाधिकारी द्वारा इस मामले में शपथ पत्र ही दायर किया गया और ना ही वह स्वयं उपस्थित होकर कोर्ट को इस बात की जानकारी दी कि अदालती आदेश का पालन उनके द्वारा क्यों नहीं किया गया है.
17 जनवरी को मामले की अगली सुनवाईः इसी मामले पर नाराजगी जाहिर करते हुए कोर्ट ने मोतिहारी के जिलाधिकारी के खिलाफ जमानती वारंट जारी करते हुए मोतिहारी के एसपी को उन्हें कोर्ट में 17 जनवरी 2023 को पेश करने का निर्देश दिया है. इस मामले पर 17 जनवरी,2023 को फिर सुनवाई की जाएगी.