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फिर सुर्खियों में बालिका गृह: परिजनों की गुहार- 'हमारी बच्चियां कर दो वापस'

पूर्वी चंपारण का बालिका गृह एक बार फिर से सुर्खियों में है. रेस्क्यू की गई तीन बच्चियों के परिजन उन्हें उनकी बच्चियों को सौंपने से इंकर करने का आरोप बाल संरक्षण इकाई के अधिकारियों पर लगा रहे हैं. वहीं अधिकारी कागजी कार्रवाई पूरा करने के बाद बच्चियों के अभिभावकों को सौंपने की बात कह रहे हैं.

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Published : Jul 21, 2021, 6:37 PM IST

motihari latest news
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पूर्वी चंपारण(मोतिहारी): परिजन अपनी बच्चियों को वापस घर लाने के लिए मोतिहारी से लेकर दरभंगा तक के चक्कर लगा लगाकर थक चुके हैं. दरअसल दरभंगा के बिरौल थाना क्षेत्र (Biraul Thana) की तीन नाबालिग लड़कियां विगत 10 जुलाई को अपने घर से दिल्ली जाने के लिए निकल गई. रक्सौल में जीआरपी (Raxaul GRP) की नजर बच्चियों पर पड़ी और इन्हें बाल संरक्षण इकाई मोतिहारी (Child Protection Unit Motihari) के हवाले कर दिया. पिछले 15 दिनों से परिजन बच्चियों की वापसी के लिए प्रयासरत हैं.

यह भी पढ़ें- मोतिहारीः बालिका गृह से फरार 2 लड़कियों को पुलिस ने किया बरामद, अन्य 2 की तलाश जारी

रक्सौल रेलवे स्टेशन से जीआरपी द्वारा रेस्क्यू की गई तीन बच्चियों के परिजन उन्हें उनकी बच्चियों को सौंपने से इंकर करने का आरोप बाल संरक्षण इकाई मोतिहारी के अधिकारियों पर लगा रहे हैं. हालांकि, बाल संरक्षण इकाई के अधिकारी कागजी कार्रवाई को पूरा करने के बाद बच्चियों के पुनर्वासन के लिए उनके अभिभावकों को सौंपने की बात कह रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

बताया जाता है कि दरभंगा से अपने घर से दिल्ली जाने के लिए निकली तीन लड़कियों को रक्सौल जीआरपी ने रेस्क्यू करके बाल संरक्षण इकाई मोतिहारी के हवाले कर दिया. बाल संरक्षण इकाई ने बच्चियों को बालिका गृह में आवासित किया. जहां अभी बच्चियां रह रही हैं.

'बच्चियों को उनके परिजन से दो बार मिलवाया गया है. बाल कल्याण समिति के आदेश के बाद ही बच्चियों को छोड़ा जाएगा. सारी प्रक्रिया नियम कानून के तहत की जाएगी.'- पूजा श्रीवास्तव, प्रभारी अधीक्षक, बालिका गृह

बच्चियों के परिजनों का आरोप है कि मोतिहारी बालिका गृह से जुड़े अधिकारी उनकी बच्चियों को उन्हें सौंपने से इंकार करते हुए दरभंगा बालिका गृह के हवाले करने की बात कह रहे हैं. वहीं दरभंगा बालिका गृह से जुड़े अधिकारी का भी कहना है कि मोतिहारी से बच्चियों को उनके परिजन के हवाले किया जाएगा. जिस कारण परिजन परेशान हैं.

'बाल कल्याण समिति कोई भी कार्य नियमानुसार करती है और लगभग सारी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं. जल्द हीं बच्चियों को दरभंगा बालिका गृह के हवाले कर दिया जाएगा. बच्चियां अपने बयान लगातार बदल रही हैं.'- धीरज कुमार, सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई

दरभंगा के बिरौल थाना क्षेत्र की तीन नाबालिग लड़कियां 10 जुलाई को अपने घर से दिल्ली जाने के लिए निकली थीं. लगभग 14 से 16 आयुवर्ग की तीनों लड़कियों ने दरभंगा में ट्रेन पकड़ी और रक्सौल पहुंच गई. जहां दिल्ली जाने वाली ट्रेन का लड़कियां इंतजार कर रही थी. लड़कियों पर रक्सोल जीआरपी की नजर पड़ी और बच्चियों से पूछताछ की,तो बच्चियों ने कई तरह की कहानियां बताई. जीआरपी और चाईल्ड लाईन ने बच्चियों को बाल कल्याण समिति के हवाले कर दिया.

इधर बच्चियों के गुमशुदगी की रिपोर्ट उनके अभिभावकों ने बिरौल थाना में दर्ज कराई थी. जिसके बाद बच्चियों के घर से निकलने की सच्चाई सामने आ सकी. बच्चियों के बरामदगी की जानकारी मिलने पर उनके परिजन मोतिहारी पहुंचे. लेकिन मोतिहारी के बाल कल्याण समिति से जुड़े अधिकारियों ने बच्चियों को दरभंगा बालिका गृह के हवाले कहने की बात कहते हुए उनकी बच्चियों को उनके हवाले नहीं किया.

पूर्वी चंपारण(मोतिहारी): परिजन अपनी बच्चियों को वापस घर लाने के लिए मोतिहारी से लेकर दरभंगा तक के चक्कर लगा लगाकर थक चुके हैं. दरअसल दरभंगा के बिरौल थाना क्षेत्र (Biraul Thana) की तीन नाबालिग लड़कियां विगत 10 जुलाई को अपने घर से दिल्ली जाने के लिए निकल गई. रक्सौल में जीआरपी (Raxaul GRP) की नजर बच्चियों पर पड़ी और इन्हें बाल संरक्षण इकाई मोतिहारी (Child Protection Unit Motihari) के हवाले कर दिया. पिछले 15 दिनों से परिजन बच्चियों की वापसी के लिए प्रयासरत हैं.

यह भी पढ़ें- मोतिहारीः बालिका गृह से फरार 2 लड़कियों को पुलिस ने किया बरामद, अन्य 2 की तलाश जारी

रक्सौल रेलवे स्टेशन से जीआरपी द्वारा रेस्क्यू की गई तीन बच्चियों के परिजन उन्हें उनकी बच्चियों को सौंपने से इंकर करने का आरोप बाल संरक्षण इकाई मोतिहारी के अधिकारियों पर लगा रहे हैं. हालांकि, बाल संरक्षण इकाई के अधिकारी कागजी कार्रवाई को पूरा करने के बाद बच्चियों के पुनर्वासन के लिए उनके अभिभावकों को सौंपने की बात कह रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

बताया जाता है कि दरभंगा से अपने घर से दिल्ली जाने के लिए निकली तीन लड़कियों को रक्सौल जीआरपी ने रेस्क्यू करके बाल संरक्षण इकाई मोतिहारी के हवाले कर दिया. बाल संरक्षण इकाई ने बच्चियों को बालिका गृह में आवासित किया. जहां अभी बच्चियां रह रही हैं.

'बच्चियों को उनके परिजन से दो बार मिलवाया गया है. बाल कल्याण समिति के आदेश के बाद ही बच्चियों को छोड़ा जाएगा. सारी प्रक्रिया नियम कानून के तहत की जाएगी.'- पूजा श्रीवास्तव, प्रभारी अधीक्षक, बालिका गृह

बच्चियों के परिजनों का आरोप है कि मोतिहारी बालिका गृह से जुड़े अधिकारी उनकी बच्चियों को उन्हें सौंपने से इंकार करते हुए दरभंगा बालिका गृह के हवाले करने की बात कह रहे हैं. वहीं दरभंगा बालिका गृह से जुड़े अधिकारी का भी कहना है कि मोतिहारी से बच्चियों को उनके परिजन के हवाले किया जाएगा. जिस कारण परिजन परेशान हैं.

'बाल कल्याण समिति कोई भी कार्य नियमानुसार करती है और लगभग सारी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं. जल्द हीं बच्चियों को दरभंगा बालिका गृह के हवाले कर दिया जाएगा. बच्चियां अपने बयान लगातार बदल रही हैं.'- धीरज कुमार, सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई

दरभंगा के बिरौल थाना क्षेत्र की तीन नाबालिग लड़कियां 10 जुलाई को अपने घर से दिल्ली जाने के लिए निकली थीं. लगभग 14 से 16 आयुवर्ग की तीनों लड़कियों ने दरभंगा में ट्रेन पकड़ी और रक्सौल पहुंच गई. जहां दिल्ली जाने वाली ट्रेन का लड़कियां इंतजार कर रही थी. लड़कियों पर रक्सोल जीआरपी की नजर पड़ी और बच्चियों से पूछताछ की,तो बच्चियों ने कई तरह की कहानियां बताई. जीआरपी और चाईल्ड लाईन ने बच्चियों को बाल कल्याण समिति के हवाले कर दिया.

इधर बच्चियों के गुमशुदगी की रिपोर्ट उनके अभिभावकों ने बिरौल थाना में दर्ज कराई थी. जिसके बाद बच्चियों के घर से निकलने की सच्चाई सामने आ सकी. बच्चियों के बरामदगी की जानकारी मिलने पर उनके परिजन मोतिहारी पहुंचे. लेकिन मोतिहारी के बाल कल्याण समिति से जुड़े अधिकारियों ने बच्चियों को दरभंगा बालिका गृह के हवाले कहने की बात कहते हुए उनकी बच्चियों को उनके हवाले नहीं किया.

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