ETV Bharat / state

चीनी मील प्रबंधन के खिलाफ गन्ना किसानों का अनशन जारी, आत्मदाह की चेतावनी - मोतिहारी

गन्ना पेराई सत्र 2018-19 में चीनी मील द्वारा गन्ना किसानों का मात्र 37 करोड़ रुपया पेमेंट किया गया. जबकि चीनी मील ने किसानों से 110 करोड़ के गन्ने का क्रय किया है. चीनी मील पर किसानों का अभी 73 करोड़ रूपया बकाया है.

आंदोलन करते किसान
author img

By

Published : Jun 14, 2019, 9:22 AM IST

मोतिहारी: सुगौली चीनी मिल प्रबंधन के मनमानी के खिलाफ जिले के किसान आन्दोलन कर रहें हैं. अपने बकाये गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर पिछले दस जून से सांकेतिक रुप से धरना दे थे. उनलोगों का यह आंदोलन 12 जून से आमरण अनशन में बदल गया. किसानों के आमरण अनशन का आज तीसरा दिन है. मांगे पूरी नहीं होने पर पांच किसानों ने चीनी मील गेट पर सामूहिक आत्मदाह करने की घोषणा की है.

गौरतलब है कि जिले में बंद पड़ी तीन चीनी मिलों में से सुगौली चीनी मील को एचपीसीएल ने अधिग्रहित कर उसे चालू किया था. शुरु में गन्ना किसानों का पेमेंट समय पर दिया जाता था. लेकिन बाद के बर्षों में चीनी मील प्रबंधन की मनमानी के कारण किसानों के गन्ना मूल्य का पेमेंट अनियमित होने लगे. गन्ना पेराई सत्र 2018-19 में चीनी मील द्वारा गन्ना किसानों का मात्र 37 करोड़ रुपया पेमेंट किया गया. जबकि चीनी मील ने किसानों से 110 करोड़ के गन्ने का क्रय किया है. चीनी मील पर किसानों का अभी 73 करोड़ रूपया बकाया है.

आंदोलन करते किसान

समझौता कराने में जुटे पदाधिकारी

किसानों ने बकाये के भुगतान के लिए 12 जून से आमरण अनशन शुरु किया. साथ ही उनलोगों ने 14 जून को पांच किसानों ने चीनी मील गेट पर आत्मदाह करने की घोषणा की है. किसानों का कहना है कि मिल प्रबंधन के मनमानी के कारण किसानों के गन्ना बुआई में लगे लागत का भी पेमेंट नहीं हुआ है. इस कारण से किसान परेशान है. उनलोगों का कहना है कि किसानों ने साहुकार से कर्ज लेकर गन्ना की खेती की थी. अब साहुकार पैसे के लिए बेईज्जत कर रहा है. स किसान आंदोलन के बाद जिला प्रशासन सक्रिय हुआ. जिलाधिकारी ने सदर एसडीओ, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी समेत कई पदाधिकारी को चीनी मील भेजा. उन्होंंने इन पदाधिकारी को किसानों और चीनी मील प्रबंधन के बीच सम्मानजनक समझौता कराने का निर्देश दिया है. डीएम से मिले निर्देश के बाद अधिकारी दोनो पक्ष में समझौता वार्त्ता कराने में जुटे हुए हैं.

मोतिहारी: सुगौली चीनी मिल प्रबंधन के मनमानी के खिलाफ जिले के किसान आन्दोलन कर रहें हैं. अपने बकाये गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर पिछले दस जून से सांकेतिक रुप से धरना दे थे. उनलोगों का यह आंदोलन 12 जून से आमरण अनशन में बदल गया. किसानों के आमरण अनशन का आज तीसरा दिन है. मांगे पूरी नहीं होने पर पांच किसानों ने चीनी मील गेट पर सामूहिक आत्मदाह करने की घोषणा की है.

गौरतलब है कि जिले में बंद पड़ी तीन चीनी मिलों में से सुगौली चीनी मील को एचपीसीएल ने अधिग्रहित कर उसे चालू किया था. शुरु में गन्ना किसानों का पेमेंट समय पर दिया जाता था. लेकिन बाद के बर्षों में चीनी मील प्रबंधन की मनमानी के कारण किसानों के गन्ना मूल्य का पेमेंट अनियमित होने लगे. गन्ना पेराई सत्र 2018-19 में चीनी मील द्वारा गन्ना किसानों का मात्र 37 करोड़ रुपया पेमेंट किया गया. जबकि चीनी मील ने किसानों से 110 करोड़ के गन्ने का क्रय किया है. चीनी मील पर किसानों का अभी 73 करोड़ रूपया बकाया है.

आंदोलन करते किसान

समझौता कराने में जुटे पदाधिकारी

किसानों ने बकाये के भुगतान के लिए 12 जून से आमरण अनशन शुरु किया. साथ ही उनलोगों ने 14 जून को पांच किसानों ने चीनी मील गेट पर आत्मदाह करने की घोषणा की है. किसानों का कहना है कि मिल प्रबंधन के मनमानी के कारण किसानों के गन्ना बुआई में लगे लागत का भी पेमेंट नहीं हुआ है. इस कारण से किसान परेशान है. उनलोगों का कहना है कि किसानों ने साहुकार से कर्ज लेकर गन्ना की खेती की थी. अब साहुकार पैसे के लिए बेईज्जत कर रहा है. स किसान आंदोलन के बाद जिला प्रशासन सक्रिय हुआ. जिलाधिकारी ने सदर एसडीओ, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी समेत कई पदाधिकारी को चीनी मील भेजा. उन्होंंने इन पदाधिकारी को किसानों और चीनी मील प्रबंधन के बीच सम्मानजनक समझौता कराने का निर्देश दिया है. डीएम से मिले निर्देश के बाद अधिकारी दोनो पक्ष में समझौता वार्त्ता कराने में जुटे हुए हैं.

Intro:मोतिहारी।सुगौली चीनी मिल के मनमानी के खिलाफ जिले के किसान आन्दोलन की राह पर है।अपने बकाये गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर पिछले दस जून से सांकेतिक रुप से धरना दे रहे किसानो का आंदोलन 12 जून से आमरण अनशन में बदल गया।किसानों के आमरण अनशन का आज दुसरा दिन है और 14 जून को पांच किसानों ने चीनी मील गेट पर सामूहिक आत्मदाह करने की घोषणा की है।लिहाजा,जिला प्रशासन सक्रिय हुई और अपने अधिकारियों को चीनी मील भेजा है।ताकि किसान और मील प्रबंधन के बीच एक सम्मानजनक समझौता हो जाए।


Body:दरअसल,पूर्वी चंपारण जिला मे बंद पड़ी तीन चीनी मिलों में से सुगौली चीनी मील को एचपीसीएल ने अधिग्रहित कर उसे चालू किया।शुरु में गन्ना किसानों का पेमेंट सही था।लेकिन बाद के बर्षों में चीनी मील प्रबंधन की मनमानी के कारण किसानों के गन्ना मूल्य का पेमेंट अनियमित रहने लगा।गन्ना पेराई सत्र 2018-19 मे चीनी मील द्वारा गन्ना किसानों का मात्र 37 करोड़ रुपया पेमेंट किया गया है।जबकि चीनी मील ने किसानों से 110 करोड़ के गन्ने का क्रय किया है।चीनी मील पर किसानों का अभी 73 करोड़ बकाया है।


Conclusion:गन्ना आपूर्ति के अपने बकाये पेमेंट के लिए किसानों ने पहले दो दिनों का सांकेतिक धरना दिया।लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।लिहाजा,किसानों ने 12 जून से आमरण अनशन शुरु करते हुए 14 जून को पांच किसानों ने चीनी मील गेट पर आत्मदाह करने की घोषणा की है।जिसके बाद जिला प्रशासन सक्रिय हुई और जिलाधिकारी ने सदर एसडीओ,प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी समेत कई स्थानीय स्तर के पदाधिकारी को चीनी मील भेजते हुए किसानों और चीनी मील प्रबंधन के बीच सम्मानजनक समझौता कराने का निर्देश दिया है।डीएम से मिले निर्देश के बाद अधिकारी दोनो पक्ष में समझौता वार्त्ता कराने में जुटे हुए हैं।किसानों का कहना है कि मिल प्रबंधन के मनमानी के कारण किसानों के गन्ना बुआई के लगे लागत का भी पेमेंट नहीं हुआ है।जिस कारण से किसान परेशान है।उनलोगों का कहना है कि उनकी समस्या को कोई भी सुनने को तैयार नहीं है।इसलिए उनके पास आत्महत्या करने के सिवा कोई चारा नहीं है।क्योंकि किसानों ने साहुकार से कर्ज लेकर गन्ना की खेती की थी और अब साहुकार पैसे के लिए बेईज्जत कर रहा है।

बाईट.....शैलेंद्र प्रसाद....किसान
बाईट.....मनोज सिंह.....किसान
बाईट......रमण कुमार......जिलाधिकारी,पूर्वी चंपारण
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.