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मोतिहारी कोर्ट ने हत्या मामले में अभियुक्त को सुनाई 10 साल की सजा, 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया

Motihari Court Sentences Accused: मोतिहारी में हुए हत्या मामले में कोर्ट ने एक नामजद अभियुक्त को 10 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 10 हजार रुपये का अर्थ दंड भी लगाया है. वहीं, कोर्ट ने आदेश दिया है कि अर्थ दंड नहीं देने पर दो माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 11, 2024, 8:57 PM IST

मोतिहारी: बिहार के मोतिहारी से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. जहां मोतिहारी कोर्ट ने हत्याकांड मामले में एक नामजद अभियुक्त को दस वर्षों की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. 21वीं अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार राय ने अभियुक्त पर दस हजार रुपये का अर्थ दंड भी लगाया है.

छतौनी थाना में दर्ज किया गया था मामला: वहीं, अर्थ दंड नहीं देने पर दो माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. कोर्ट ने छतौनी थाना क्षेत्र के बड़ा बरियारपुर निवासी अब्दुल ताहिर के पुत्र ईशा साह को सजा सुनाई है. बता दें कि इस मामले में स्थानीय निवासी वसीम हाशमी द्वारा रहमानिया अस्पताल में पुलिस को दिए बयान पर छतौनी थाना में कांड संख्या 259/2016 का मामला दर्ज हुआ था.

गाली देने का किया विरोध : मिली जानकारी के अनुसार, वसीम हासमी ने बताया था कि 24 अक्तूबर 2016 की रात करीब 11 बजे नामजद अभियुक्त उनके दरवाजे पर आए और उनकी मां को भद्दी-भद्दी गाली देने लगा. उन्होंने गाली देने से मना किया तो अभियुक्त ने धारदार चाकू से पेट में घोंप दिया. जिससे वह लहुलूहान होकर गिर गए.

10 दिन बाद गई जान: परिजनों ने उन्हें गंभीर हालत में रहमानिया अस्पताल लाया, जहां वह कई दिनों तक बेहोश रहे. वहीं, 4 नवंबर को उसको होश आया तो छतौनी पुलिस ने उसका बयान दर्ज किया. बयान देने के बाद उसकी स्थिति काफी बिगड़ने लगी. बाद में उनकी मौत हो गई.

9 गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत किया: केस ट्रायल के दौरान अपर लोक अभियोजक तारीकुल आजम ने 9 गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन का पक्ष रखा. जहां न्यायाधीश ने केस ट्रायल के बाद भादवि की धारा 304 में दोषी पाते हुए दस वर्षों की सश्रम कारावास और दह हजार रुपये अर्थदंड देने की सजा सुनाई है.

इसे भी पढ़े- मोतिहारी कोर्ट से ओसामा शहाब की जमानत याचिका खारिज, अभी जेल से बाहर आना मुश्किल

मोतिहारी: बिहार के मोतिहारी से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. जहां मोतिहारी कोर्ट ने हत्याकांड मामले में एक नामजद अभियुक्त को दस वर्षों की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. 21वीं अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार राय ने अभियुक्त पर दस हजार रुपये का अर्थ दंड भी लगाया है.

छतौनी थाना में दर्ज किया गया था मामला: वहीं, अर्थ दंड नहीं देने पर दो माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. कोर्ट ने छतौनी थाना क्षेत्र के बड़ा बरियारपुर निवासी अब्दुल ताहिर के पुत्र ईशा साह को सजा सुनाई है. बता दें कि इस मामले में स्थानीय निवासी वसीम हाशमी द्वारा रहमानिया अस्पताल में पुलिस को दिए बयान पर छतौनी थाना में कांड संख्या 259/2016 का मामला दर्ज हुआ था.

गाली देने का किया विरोध : मिली जानकारी के अनुसार, वसीम हासमी ने बताया था कि 24 अक्तूबर 2016 की रात करीब 11 बजे नामजद अभियुक्त उनके दरवाजे पर आए और उनकी मां को भद्दी-भद्दी गाली देने लगा. उन्होंने गाली देने से मना किया तो अभियुक्त ने धारदार चाकू से पेट में घोंप दिया. जिससे वह लहुलूहान होकर गिर गए.

10 दिन बाद गई जान: परिजनों ने उन्हें गंभीर हालत में रहमानिया अस्पताल लाया, जहां वह कई दिनों तक बेहोश रहे. वहीं, 4 नवंबर को उसको होश आया तो छतौनी पुलिस ने उसका बयान दर्ज किया. बयान देने के बाद उसकी स्थिति काफी बिगड़ने लगी. बाद में उनकी मौत हो गई.

9 गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत किया: केस ट्रायल के दौरान अपर लोक अभियोजक तारीकुल आजम ने 9 गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन का पक्ष रखा. जहां न्यायाधीश ने केस ट्रायल के बाद भादवि की धारा 304 में दोषी पाते हुए दस वर्षों की सश्रम कारावास और दह हजार रुपये अर्थदंड देने की सजा सुनाई है.

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