मोतिहारीः पूर्वी चंपारण जिला के तुरकौलिया प्रखंड स्थित एक सरकारी स्कूल में कथित रूप से आयरन की दवा खाते ही लगभग आधा दर्जन बच्चे बेहोश हो गए. बच्चों की हालत देखकर शिक्षकों में हड़कम्प मच गया. अफरा तफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई. सूचना मिलने पर सीएचसी से चिकित्सकों की टीम एंबुलेंस लेकर विद्यालय पहुंची. सभी बच्चों को सीएचसी पहुंचाया गया. इलाज के बाद बच्चों की स्थिति में सुधार होने के बाद छुट्टी दे दी गई.
टैबलेट खाने के बाद चक्कर आने की शिकायतः मिली जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग द्वारा बुधवार को विद्यालयों में एनिमिया मुक्त अभियान के तहत आयरन का टैबलेट विद्यार्थियों को खिलाया जाता है. इसी योजना के तहत उत्क्रमित मध्य विद्यालय निमुइया में विद्यार्थियों को आयरन का टैबलेट खिलाया गया. टैबलेट खाने के बाद कुछ बच्चों ने चक्कर आने की शिकायत की. डॉक्टर ने बताया कि एक बच्चा बिना खाना खाए विद्यालय आया था. उसको दवा खाने के बाद चक्कर आने लगा. फिर कुछ बच्चों ने भी शिकायत करनी शुरु कर दी. खाली पेट दवा खाने से उसे गैस बन गया था. सभी बच्चे स्वस्थ हैं.
"सीएचसी प्रभारी अर्जुन कुमार गुप्ता ने बताया कि "बच्चों ने आयरन का टैबलेट खाया था. टैबलेट खाने के बाद बेहोश होने की जानकारी मिली थी. जिसके बाद विद्यालय में एम्बुलेंस भेजकर बच्चों को सीएचसी लाया गया. ओआरएस देने के बाद उन्हें मॉनिटरिंग में रखा गया. बच्चों की स्थिति ठीक होने पर उन्हें भेज दिया गया."- अर्जुन कुमार गुप्ता, सीएचसी प्रभारी
अधिकारियों ने हंगामे को शांत करायाः जिसकी सूचना प्रधान शिक्षक ने सीएचसी को दी. जबतक सीएचसी से एंबुलेंस पहुंचती, तबतक कुछ अभिभावक विद्यालय पहुंच गये और हंगामा करने लगे. जिससे अफरा तफरी मच गई. सीएचसी से चिकित्सक के साथ स्वास्थ्यकर्मी एम्बुलेंस लेकर विद्यालय पहुंचे और बीमार बच्चों को एंबुलेंस से सीएचसी लेकर आए. इधर घटना की जानकारी मिलने पर बीडीओ रमेंद्र कुमार और स्थानीय थाना की पुलिस के साथ शिक्षा विभाग के अधिकारी विद्यालय पहुंचे. अधिकारियों ने अभिभावकों को शांत कराया.
ये बच्चे हुए थे बीमारः ज्योति कुमारी, प्रकाश कुमार, अर्चना कुमारी, राधा कुमारी, रंजन कुमार, गुड़िया कुमारी, राजनन्दनी कुमारी, रौशनी कुमारी, विकास कुमार, नीरज कुमार, शिवम कुमार, अनुप्रिया कुमारी ने तबीयत खराब होने की शिकायत की थी. चिकित्सकों ने बीमार बच्चों को ओआरएस का घोल दिया. कुछ देर मॉनिटरिंग करने के बाद उनके स्वास्थ्य में सुधार को देखते हुए उन्हें घर भेज दिया.
"बच्चों को आयरन टैबलेट खिलाया गया था. एक बच्चे को मितली आने लगी. उसके बाद कुछ बच्चों ने भी शिकायत की. जिनका इलाज कराकर घर भेज दिया गया है, कोई खास चिंता की बात नहीं थी."- संजय कुमार, डीईओ
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