मोतिहारी: कोरोना महामारी के बढ़ते प्रभाव के कारण राज्यभर में 25 मई तक लॉकडाउन लागू है. वहीं, लॉकडाउन में पूर्वी चंपारण जिले के प्रवासी और स्थानीय गरीब मजदूरों को मनरेगा के माध्यम से रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है. ताकि उनलोगों को बेरोजगारी का दंश नहीं झेलना पड़े.
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48,763 श्रमिकों को प्रतिदिन मिल रहा रोजगार
जिला में वर्तमान समय में 48,763 श्रमिकों को प्रतिदिन रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके लिए जिला में 24,330 योजनाएं चलाई जा रही है. इनमें वृक्षारोपण की 225 योजनाओं में 570 श्रमिक कार्यरत हैं, तो तालाब जीर्णोद्धार की 42 योजनाओं में 2,705 श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है. वहीं, 165 नहर-पाइन के जीर्णोद्धार योजनाओं में 8,763 श्रमिक कार्यरत हैं. शेष श्रमिक ग्रामीण सड़क निर्माण, निजी खेत पोखर निर्माण और प्रधानमंत्री आवास योजना निर्माण जैसे कार्यों में लगे हुए हैं.
12,430 मानव दिवस का किया गया भुगतान
बताया जा रहा है कि इस वर्ष अभी तक 949 प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के अंतर्गत नया जॉब कार्ड और रोजगार उपलब्ध कराया गया है. साथ ही 12,430 मानव दिवस का भुगतान भी किया गया है. जिले में 99 प्रतिशत भुगतान कार्य के 15 दिन के अंदर समय पर किया जा रहा है.
कोविड-19 प्रोटोकॉल का हो रहा पालन
श्रमिक कार्यस्थल पर कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं. वहीं, जिला प्रशासन की ओर से श्रमिकों को मास्क उपलब्ध करवाया गया है. इसके लिए जीविका दीदियों से अभी तक 33,600 मास्क खरीदे जा चुके हैं. 97 जीविका दीदियां मेट के तौर पर कार्यस्थलों पर कार्यरत हैं, जिनका कार्य मजदूरों को मास्क देना, समाजिक दूरी का ख्याल रखना और हैंड वाश करवाना है. बता दें कि कि पिछले वित्तीय वर्ष में 19,648 प्रवासी मजदूरों को जॉब कार्ड देने के साथ रोजगार भी उपलब्ध करवाया गया था.