मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिला के प्रभारी मंत्री और मद्य निषेध एवं निबंधन मंत्री सुनील कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 के प्रबंधन और बाढ़ पूर्व तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की. बैठक में बेतिया और शिवहर सांसद के अलावा सभी विधायक और विधानपार्षद वीसी से जुड़े हुए थे. साथ ही एनआईसी से डीएम शीर्षत कपिल अशोक अधिकारियों की टीम के साथ जुड़े थे. बैठक में डीएम ने कोरोना संक्रमण के रोकथाम को लेकर की गई व्यवस्था और बाढ़ पूर्व तैयारियों का पीपीटी के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी.
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प्राइवेट और सरकारी अस्पताल में 52 आईसीयू
डीएम ने कोरोना संक्रमण के बचाव को लेकर की गई तैयारियों की जानकारी देते हुए बताया कि जिले में कुल डीसीएचसी की संख्या प्राइवेट और सरकारी सहित 11 है. जिसमें कुल बेड 758 और कुल कोविड केयर सेंटर 19 है. कोविड केयर सेंटर में कुल बेड की संख्या 192 है. वहीं कुल ऑक्सीजन समेत बेड की संख्या 758 है. कुल आईसीयू की संख्या प्राइवेट और सरकारी सहित 52 है. उन्होंने बताया कि अप्रैल 21 से अब तक कुल 1 लाख 95 हजार 941 कोविड टेस्ट किया गया है. एएनएम के माध्यम से घर-घर जाकर हिट ऐप पर होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना पेशेंट का टेंपरेचर और ऑक्सीजन लेवल ऐप पर अपलोड किया जा रहा है. जिला में फिलहाल 26 कंटेनमेंट जोन है.
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सभी नप और प्रखंड में चल रहा सामुदायिक किचन
डीएम ने बताया कि लगातार मास्क चेकिंग जारी है. पंचायत स्तर पर प्रति परिवार मास्क वितरण का कार्य चल रहा है. सभी नप क्षेत्रों के अलावा प्रखंड मुख्यालयों में सामुदायिक किचन का संचालन हो रहा है. साथ ही वैक्सीनेशन का कार्य भी तेजी से चल रहा है. आम लोगों और कोविड मरीजों के समस्याओं के समाधान के लिए 24×7 नियंत्रण कक्ष कार्य कर रहा है.
जिला में 44 सरकारी और 132 निजी नाव उपलब्ध
डीएम ने ने बाढ़ पूर्व की तैयारियों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जिले में कुल 44 सरकारी और 132 निजी नाव है. जिले में पॉलिथीन सीट की संख्या 26275, टेंट की संख्या 184, महाजाल 4, लाइफ जैकेट की संख्या 400, जीपीएस सेट की संख्या 7, मोटर वोट ड्राइवर की संख्या 7, प्रशिक्षित गोताखोरों की संख्या 10, खोज बचाव और राहत दल की संख्या 27 और चिन्हित शरण स्थली की संख्या 340 है. उन्होंने विभिन्न तटबंधों के मरम्मत के कार्य को लगभग पूर्ण कर लिए जाने की बात बताई. डीएम ने बताया कि बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों के सभी लाभुकों का आधार का सत्यापन सम्पूर्ति पोर्टल पर किया जा रहा है. जिससे बाढ़ के समय उन्हें लाभ पहुंचाया जा सके.
क्षतिग्रस्त सड़कों के मरम्मति का दिया गया निर्देश
डीएम ने बताया कि पथ निर्माण विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, जिला परिषद, नगर परिषद, नगर निकाय के पदाधिकारी को अपने विभाग से संबंधित क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत का पूरा करने का निर्देश दिया. जिससे बाढ़ के समय आवागमन में कोई कठिनाई न हो. बाढ़ से संबंधित सभी टेंडर 31 मई तक कर लिया जाएगा. चिकित्सा व्यवस्था और अन्य दवाइयों की व्यवस्था कर ली गई है. मोबाइल मेडिकल टीम का गठन भी किया गया है. वहीं पीएचडी विभाग के माध्यम से चापाकल की मरम्मति का कार्य किया जा रहा है.