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मोतिहारी: गंडक तटबंध में रिसाव से मची अफरा-तफरी, बालू से भरे बैग से रिसाव किया गया बंद

मोतिहारी के संग्रामपुर प्रखंड स्थित नया टोला के पास गंडक नदी के तटबंध में रिसाव होने से अफरा-तफरी मच गई है. हालांकि, तटबंध के रिसाव को प्रशासनिक तत्परता से बंद कर दिया गया है. पढ़ें पूरी खबर..

"संग्रामपुर प्रखंड
"संग्रामपुर प्रखंड
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Published : Oct 10, 2022, 1:01 PM IST

मोतिहारी: बिहार के मोतिहारी में बारिश से गंडक नदी का जलस्तर (Gandak River Water Level Increased In Motihari) कई जगहों पर खतरे के निशान से उपर है. जिस कारण गंडक नदी के तटबंध पर पानी का दबाब बढ़ गया है. इसके साथ ही अरेराज, संग्रामपुर और केसरिया प्रखंडों के कई गांव बाढ़ (Flood In East Champaran) से बेहाल हैं. वहीं गंडक नदी में पानी के दबाब से तटबंधों पर खतरा भी बढ़ गया है. संग्रामपुर प्रखंड के नया टोला के पास गंडक नदी के तटबंध में रिसाव होने से अफरा-तफरी मच गई. हालांकि, तटबंध के रिसाव को प्रशासनिक तत्परता से बंद कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें- मोतिहारी में उफान पर गंडक नदी, संग्रामपुर प्रखंड के कई गांव के घरों में घुसा पानी

मोतिहारी में गंडक तटबंध में रिसाव

पानी का दबाव नहीं झेल पाती तटबंध:बीते दो सालों पहले 2020 में गंडक नदी का तटबंध काफी पानी होने की वजह से दबाव नहीं झेल पाया था. जिसके बाद संग्रामपुर के भवानीपुर तटबंध टूट गया था. जिसके कारण संग्रामपुर और केसरिया प्रखंड में काफी क्षति हुई थी. इधर वाल्मीकिनगर गंडक बराज से बीते शुक्रवार तक लगातार पानी छोड़ने के बाद एक ओर अरेराज, संग्रामपुर और केसरिया प्रखंडों के कई गांव बाढ़ की चपेट में आये हैं. जिसकी वजह से तटबंध पर भी पानी का दबाब बना हुआ है. यहां जिला प्रशासन की टीम गंडक तटबंध की लगातार मॉनिटरिंग में जुटी है. ।जिस कारण समय रहते तटबंध में होने वाले रिसाव को रोकने में सफलता मिली है.

बाढ़ पीड़ितों का हाल हुआ बेहाल : जिला से होकर बहने वाली गंडक, सिकरहना, लालबकेया और बूढ़ी गंडक के अलावा तमाम पहाड़ी नदियां उफनाई हुई है. गंडक को छोड़कर सभी नदियां खतरे के निशान से नीचे है. और गंडक का तांडव भी शुरू हो गया है. तटबंध के अंदर बसे कई गांव बाढ़ की चपेट में है. रास्ते पानी में डूब चुके हैं, लोगों के घरों में पानी घुसा हुआ है. ग्रामीण घर छोड़कर उंचे स्थान पर पलायन कर चुके हैं, जबकि कई लोग अभी भी अपने घरों में हैं. बाढ़ के कारण संग्रामपुर प्रखंड के पुछरिया, बिनटोली और भवानीपुर, मलाही टोला के लोगों की जिंदगी अस्त-व्यस्त हो चुकी है. लोगों के सामने अपना और अपने परिवार के लिए भोजन की व्यवस्था करना सबसे बड़ी समस्या हो गई है. लेकिन जिला प्रशासन के दावे तो काफी किए जा रहे हैं, लेकिन इन बाढ़ पीड़ितों तक राहत सामग्री के नाम पर अब तक कुछ नहीं पहुंचा है.

"संग्रामपुर प्रखंड

"बांध में रिसाव की जानकारी मिलने के बाद तत्काल रिसाव को रोकने का काम शुरु किया गया है. उसके साथ ही बालू से भरे बैग को बांध में डालकर रिसाव को रोकने का काम भी जारी है. वहीं गंडक नदी का जलस्तर कम हो रहा है."- राकेश कुमार, जेई, पूर्वी चंपारण


यह भी पढ़ें: पहले बाघ और अब बाढ़ ने बढ़ाई बगहा में लोगों की चिंता, दर्जनों गांव जलमग्न


मोतिहारी: बिहार के मोतिहारी में बारिश से गंडक नदी का जलस्तर (Gandak River Water Level Increased In Motihari) कई जगहों पर खतरे के निशान से उपर है. जिस कारण गंडक नदी के तटबंध पर पानी का दबाब बढ़ गया है. इसके साथ ही अरेराज, संग्रामपुर और केसरिया प्रखंडों के कई गांव बाढ़ (Flood In East Champaran) से बेहाल हैं. वहीं गंडक नदी में पानी के दबाब से तटबंधों पर खतरा भी बढ़ गया है. संग्रामपुर प्रखंड के नया टोला के पास गंडक नदी के तटबंध में रिसाव होने से अफरा-तफरी मच गई. हालांकि, तटबंध के रिसाव को प्रशासनिक तत्परता से बंद कर दिया गया है.

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मोतिहारी में गंडक तटबंध में रिसाव

पानी का दबाव नहीं झेल पाती तटबंध:बीते दो सालों पहले 2020 में गंडक नदी का तटबंध काफी पानी होने की वजह से दबाव नहीं झेल पाया था. जिसके बाद संग्रामपुर के भवानीपुर तटबंध टूट गया था. जिसके कारण संग्रामपुर और केसरिया प्रखंड में काफी क्षति हुई थी. इधर वाल्मीकिनगर गंडक बराज से बीते शुक्रवार तक लगातार पानी छोड़ने के बाद एक ओर अरेराज, संग्रामपुर और केसरिया प्रखंडों के कई गांव बाढ़ की चपेट में आये हैं. जिसकी वजह से तटबंध पर भी पानी का दबाब बना हुआ है. यहां जिला प्रशासन की टीम गंडक तटबंध की लगातार मॉनिटरिंग में जुटी है. ।जिस कारण समय रहते तटबंध में होने वाले रिसाव को रोकने में सफलता मिली है.

बाढ़ पीड़ितों का हाल हुआ बेहाल : जिला से होकर बहने वाली गंडक, सिकरहना, लालबकेया और बूढ़ी गंडक के अलावा तमाम पहाड़ी नदियां उफनाई हुई है. गंडक को छोड़कर सभी नदियां खतरे के निशान से नीचे है. और गंडक का तांडव भी शुरू हो गया है. तटबंध के अंदर बसे कई गांव बाढ़ की चपेट में है. रास्ते पानी में डूब चुके हैं, लोगों के घरों में पानी घुसा हुआ है. ग्रामीण घर छोड़कर उंचे स्थान पर पलायन कर चुके हैं, जबकि कई लोग अभी भी अपने घरों में हैं. बाढ़ के कारण संग्रामपुर प्रखंड के पुछरिया, बिनटोली और भवानीपुर, मलाही टोला के लोगों की जिंदगी अस्त-व्यस्त हो चुकी है. लोगों के सामने अपना और अपने परिवार के लिए भोजन की व्यवस्था करना सबसे बड़ी समस्या हो गई है. लेकिन जिला प्रशासन के दावे तो काफी किए जा रहे हैं, लेकिन इन बाढ़ पीड़ितों तक राहत सामग्री के नाम पर अब तक कुछ नहीं पहुंचा है.

"संग्रामपुर प्रखंड

"बांध में रिसाव की जानकारी मिलने के बाद तत्काल रिसाव को रोकने का काम शुरु किया गया है. उसके साथ ही बालू से भरे बैग को बांध में डालकर रिसाव को रोकने का काम भी जारी है. वहीं गंडक नदी का जलस्तर कम हो रहा है."- राकेश कुमार, जेई, पूर्वी चंपारण


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