मोतिहारी: पक्षकारों के सुविधा को लेकर 22 न्यायिक बेंच बनाये गए हैं,जिसमें 19 न्यायिक बेंच व्यवहार न्यायालय मोतिहारी में बनाये गए हैं. जबकि दो न्यायिक बेंच अनुमंडलीय न्यायालय सिकरहना स्थित ढाका एवं एक न्यायिक बेंच अनुमंडलीय न्यायालय अरेराज में बनाये गए है.
मोतिहारी में वर्ष का अंतिम लोक अदालत आयोजित: बता दें कि राष्ट्रीय एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देशानुसार व्यवहार न्यायालय परिसर में लोक अदालत का आयोजन किया गया,जिसका उद्घाटन जिला एवं सत्र न्यायाधीश देवराज त्रिपाठी,डीएम सौरभ जोरवाल और एसपी कान्तेश कुमार मिश्रा संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर किया.
बनाये गए 22 न्यायिक बेंच: जिला लोक अदालत के उद्घाटन के बाद संबोधित करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश देवराज त्रिपाठी ने कहा कि लोक अदालत का मूल सिद्धांत मामलों को सुलझाना है. ऐसे मामले जो गंभीर नहीं है और उलझे हुए हैं. जबकि दोनों पक्षों में आपसी सहमति है तो ऐसी स्थिति में लोक अदालत के माध्यम से वादी की आपसी सहमति से सुलह हो जाता है.
"वादों के निपटारा से यह होता है कि मामलों का बोझ नहीं होता है, जिससे आपसी सद्भाव पैदा होता है. लोक अदालत के माध्यम से आपसी सहमति से सद्भावपूर्वक वादों का निपटारा होता है."- सौरभ जोरवाल, डीएम
प्रत्येक बेंच में दो न्यायिक कर्मी: जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में वर्ष का अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत का शनिवार को आयोजन हुआ है. जिसमें प्रत्येक गठित न्यायिक बेंच में एक न्यायाधीश और दो पैनल अधिवक्ता हैं. वहीं वादों के त्वरित निष्पादन के लिए प्रत्येक बेंच में दो न्यायिक कर्मी रखे गए हैं.
इस राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायालय के सुलहनीय अपराधिक वादों,सिविल मुकदमें,कुटुंब न्यायालय के वाद,बैंक ऋण, इंश्योरेंस वाद, नीलाम वाद, टेलीफोन, मापतौल, वन विभाग और श्रम विभाग समेत कई वादों का निपटारा किया जा रहा है.
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