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मोतिहारी: बैठक में किसानों ने बनाई 'तिरुवाहा- बहास किसान मजदूर संगठन', दिल्ली जाने की घोषणा - farm law

बंजरिया प्रखंड स्थित जटवा गांव में किसान महापंचायत का आयोजन हुआ. बैठक में मोतिहारी, बंजरिया और सुगौली प्रखंड के दर्जनों गांव के किसान प्रतिनिधियों ने भाग लिया.

किसान महापंचायत की बैठक
किसान महापंचायत की बैठक
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Published : Feb 11, 2021, 8:25 PM IST

मोतिहारी: बंजरिया प्रखण्ड स्थित जटवा गांव में किसान महापंचायत के चौथे दौर की बैठक आयोजित की गई. बैठक में मोतिहारी, बंजरिया और सुगौली प्रखंड के दर्जनों गांव से आए किसान प्रतिनिधियों ने तिरुवाहा- बहास किसान मजदूर संगठन नाम से एक किसान संगठन की नींव रखी गई. नवगठित किसान संगठन के लिए 11 सदस्यीय कमिटी का चयन भी बैठक में किया गया.

नए कृषि कानून का किया विरोध
बैठक में केंद्र सरकार के नए कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर जारी किसान आंदोलन के समर्थन में किसानों ने अपनी आवाज बुलंद की. पूर्वी चंपारण जिला से किसानों के आंदोलन में भाग लेने को लेकर आगामी 21 फरवरी को नवगठित किसान संगठन के कोर कमेटी की बैठक में निर्णय लेने का फैसला लिया गया.

किसान की बैठक
किसानों की बैठक

पढ़ें: वरिष्ठ नागरिकों के लिए सरकारी अस्पतालों के OPD में अलग से मिलेगा समय

किसान सदियों से हैं उपेक्षित और प्रताड़ित
केंद्र सरकार के नए कृषि कानून के खिलाफ जिला के किसानों को एकजूट करने में लगे अमर ने कहा कि जिले के किसान सदियों से उपेक्षित और प्रताड़ित हैं. बाढ़ और सुखाड़ जैसी समस्याओं से इन्हें हर साल जूझना पड़ता है. जिस कारण घर परिवार चलाने के साथ महाजन से लिए गए. उधार भी चुकाने में किसानों को अब मुश्किलें होने लगी है. किसान महापंचायत की अध्यक्षता किसान इकबाल अहमद ने की और संचालन सज्जाद आलम ने किया. बैठक में कई सामाजिक कार्यकर्ताओं के अलावा किसान नेताओं ने अपनी बातें रखी.

मोतिहारी: बंजरिया प्रखण्ड स्थित जटवा गांव में किसान महापंचायत के चौथे दौर की बैठक आयोजित की गई. बैठक में मोतिहारी, बंजरिया और सुगौली प्रखंड के दर्जनों गांव से आए किसान प्रतिनिधियों ने तिरुवाहा- बहास किसान मजदूर संगठन नाम से एक किसान संगठन की नींव रखी गई. नवगठित किसान संगठन के लिए 11 सदस्यीय कमिटी का चयन भी बैठक में किया गया.

नए कृषि कानून का किया विरोध
बैठक में केंद्र सरकार के नए कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर जारी किसान आंदोलन के समर्थन में किसानों ने अपनी आवाज बुलंद की. पूर्वी चंपारण जिला से किसानों के आंदोलन में भाग लेने को लेकर आगामी 21 फरवरी को नवगठित किसान संगठन के कोर कमेटी की बैठक में निर्णय लेने का फैसला लिया गया.

किसान की बैठक
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किसान सदियों से हैं उपेक्षित और प्रताड़ित
केंद्र सरकार के नए कृषि कानून के खिलाफ जिला के किसानों को एकजूट करने में लगे अमर ने कहा कि जिले के किसान सदियों से उपेक्षित और प्रताड़ित हैं. बाढ़ और सुखाड़ जैसी समस्याओं से इन्हें हर साल जूझना पड़ता है. जिस कारण घर परिवार चलाने के साथ महाजन से लिए गए. उधार भी चुकाने में किसानों को अब मुश्किलें होने लगी है. किसान महापंचायत की अध्यक्षता किसान इकबाल अहमद ने की और संचालन सज्जाद आलम ने किया. बैठक में कई सामाजिक कार्यकर्ताओं के अलावा किसान नेताओं ने अपनी बातें रखी.

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