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पूर्वी चंपारण: कोरोना संक्रमण के कारण 25 मई तक न्यायिक कार्य स्थगित - कोरोना संक्रमण

कोरोना संक्रमण के कारण जिले में न्यायिक कार्य को 25 मई तक पूर्णतः बंद रहेगा. जिला विधिज्ञ संघ के कार्यकारिणी की वर्चुअल बैठक में इसकी पर घोषणा की गई

व्यवहार न्यायालय
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Published : May 19, 2021, 2:57 AM IST

पूर्वी चंपारण: कोरोना संक्रमण के कहर को देखते हुए न्यायिक कार्य को 25 मई तक स्थगित कर दिया गया है. जिला विधिज्ञ संघ के कार्यकारिणी की हुई वर्चुअल बैठक में सर्वसम्मति से हुए निर्णय के आधार पर इसकी घोषणा की गई.जिला विधिज्ञ संघ के महासचिव कन्हैया कुमार सिंह और मीडिया प्रभारी राहुल त्रिपाठी ने इसकी जानकारी दी.

25 मई तक न्यायिक कार्य बंद
बिहार सरकार के लॉकडाउन बढ़ाने और उच्च न्यायालय पटना के निर्देश के आलोक में 25 मई तक न्यायिक कार्य बंद रखने का निर्णय हुआ है. उच्च न्यायालय पटना के रजिस्ट्रार जनरल ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश को प्रेषित पत्र में कहा है कि 4 मई को आदेशित पत्र में रिमांड को छोड़कर सभी न्यायिक कार्य स्थगित रहेंगे और न्यायालय परिसर में किसी प्रकार का प्रवेश वर्चित रहेगा. उसी आदेश को विस्तारित कर 22 मई तक किया जाता है.

ये भी पढ़ें- पटना हाईकोर्ट में PMCH ने माना- ऑक्सीजन आपूर्ति में गड़बड़ी हुई, अब नहीं होगी

जिला एवं सत्र न्यायाधीश परशुराम सिंह यादव ने उच्च न्यायालय के निर्देशित पत्र की प्रतिलिपि को जिला विधिज्ञ संघ को भेजते हुए आदेश से अवगत कराया है. वहीं, जिला विधिज्ञ संघ के महासचिव ने कहा कि वर्तमान समय में मानव जीवन को बचाना हम सबका पहला कर्तव्य है.

पूर्वी चंपारण: कोरोना संक्रमण के कहर को देखते हुए न्यायिक कार्य को 25 मई तक स्थगित कर दिया गया है. जिला विधिज्ञ संघ के कार्यकारिणी की हुई वर्चुअल बैठक में सर्वसम्मति से हुए निर्णय के आधार पर इसकी घोषणा की गई.जिला विधिज्ञ संघ के महासचिव कन्हैया कुमार सिंह और मीडिया प्रभारी राहुल त्रिपाठी ने इसकी जानकारी दी.

25 मई तक न्यायिक कार्य बंद
बिहार सरकार के लॉकडाउन बढ़ाने और उच्च न्यायालय पटना के निर्देश के आलोक में 25 मई तक न्यायिक कार्य बंद रखने का निर्णय हुआ है. उच्च न्यायालय पटना के रजिस्ट्रार जनरल ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश को प्रेषित पत्र में कहा है कि 4 मई को आदेशित पत्र में रिमांड को छोड़कर सभी न्यायिक कार्य स्थगित रहेंगे और न्यायालय परिसर में किसी प्रकार का प्रवेश वर्चित रहेगा. उसी आदेश को विस्तारित कर 22 मई तक किया जाता है.

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जिला एवं सत्र न्यायाधीश परशुराम सिंह यादव ने उच्च न्यायालय के निर्देशित पत्र की प्रतिलिपि को जिला विधिज्ञ संघ को भेजते हुए आदेश से अवगत कराया है. वहीं, जिला विधिज्ञ संघ के महासचिव ने कहा कि वर्तमान समय में मानव जीवन को बचाना हम सबका पहला कर्तव्य है.

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