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अनियमितता को लेकर डीलर के खिलाफ प्रदर्शन, DM को सौंपा ज्ञापन

देशभर में कोरोना वायरस का कहर जारी है. जिसकी वजह से छोटे व्यापारियों का रोजगार छिन गया और वह अपने घर लौट आए हैं. वहीं, सरकार की ओर से कोरोना काल में गरीबों को मुफ्त राशन देने का एलान किया गया है. लेकिन गरीबों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.

Irregularity in ration distribution
राशन वितरण में अनियमितता
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Published : Sep 20, 2020, 4:19 PM IST

रक्सौल( पूर्वी चंपारण): केंद्र सरकार की ओर से लॉकडाउन की अवधि में स्थानीय जन वितरण प्रणाली दुकानदार के माध्यम से मुफ्त अनाज वितरण करने की घोषण की गई है. जिससे मजदूर गरीब वर्ग को खाने की कोई समस्या उत्पन्न न हो. इसके बावजूद गरीबों का हक मारने में पीडीएस दुकानदार कोई कसर नहीं छोड़ रहे. दुकानदार आए दिन कालाबाजारी और भ्रष्टाचार में शामिल होते पाये जा रहे हैं.
राशन में हो रही कटौती
बता दें कि राशन वितरण में भ्रष्टाचार जोरों पर है. इसी भ्रष्टाचार और कालाबाजारी के खिलाफ रविवार को अनुमंडल परिसर में सैकड़ों की तादात में वार्ड संख्या-13 के उपभोक्ता अपने जन वितरण प्रणाली दुकानदार के खिलाफ राशन वितरण में अनियमितता को लेकर ज्ञापन देने पहुंचे. इस दौरान महिलाएं भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुई. डीलर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान उपभोक्ता राकेश कुमार ने बताया कि हम काठमांडू अन्य प्रदेशों में कमाने वाले गरीब हैं लॉकडाउन के कारण कहीं आना-जाना मुश्किल हो गया है. जिस कारण हम घर पर ही रह रहे हैं. ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से दी जा रही राहत सहायता में कटौती की जा रही है. उन्होंने कहा कि पहली बार हम लोग 9 सदस्य परिवार को 80 किलो अनाज दिया गया था. लेकिन उसके बाद के महीनों से 30 किलो अनाज देने की बात डीलर ने कही.

डीलरों पर कार्रवाई की मांग
वहीं, राशन न मिलने से परेशान होकर अनुमंडल अधिकारी के यहां आवेदन देने आए हैं. लेकिन हमारे साथ दुर्व्यवहार करते हुए धक्का-मुक्की देकर भगाने का प्रयास किया गया. इस दौरान उपभोक्ताओं ने डीलर पर आरोप लगाया कि हम लोगों के राशन में कटौती कर अनाज की कालाबाजारी की जा रही है. इसके पहले भी उक्त डीलर शिव शंकर कुमार के खिलाफ स्थानीय अनुमंडल अधिकारी और मार्केटिंग ऑफिसर के यहां विरोध ज्ञापन दिया जा चुका है. इसके बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

रक्सौल( पूर्वी चंपारण): केंद्र सरकार की ओर से लॉकडाउन की अवधि में स्थानीय जन वितरण प्रणाली दुकानदार के माध्यम से मुफ्त अनाज वितरण करने की घोषण की गई है. जिससे मजदूर गरीब वर्ग को खाने की कोई समस्या उत्पन्न न हो. इसके बावजूद गरीबों का हक मारने में पीडीएस दुकानदार कोई कसर नहीं छोड़ रहे. दुकानदार आए दिन कालाबाजारी और भ्रष्टाचार में शामिल होते पाये जा रहे हैं.
राशन में हो रही कटौती
बता दें कि राशन वितरण में भ्रष्टाचार जोरों पर है. इसी भ्रष्टाचार और कालाबाजारी के खिलाफ रविवार को अनुमंडल परिसर में सैकड़ों की तादात में वार्ड संख्या-13 के उपभोक्ता अपने जन वितरण प्रणाली दुकानदार के खिलाफ राशन वितरण में अनियमितता को लेकर ज्ञापन देने पहुंचे. इस दौरान महिलाएं भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुई. डीलर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान उपभोक्ता राकेश कुमार ने बताया कि हम काठमांडू अन्य प्रदेशों में कमाने वाले गरीब हैं लॉकडाउन के कारण कहीं आना-जाना मुश्किल हो गया है. जिस कारण हम घर पर ही रह रहे हैं. ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से दी जा रही राहत सहायता में कटौती की जा रही है. उन्होंने कहा कि पहली बार हम लोग 9 सदस्य परिवार को 80 किलो अनाज दिया गया था. लेकिन उसके बाद के महीनों से 30 किलो अनाज देने की बात डीलर ने कही.

डीलरों पर कार्रवाई की मांग
वहीं, राशन न मिलने से परेशान होकर अनुमंडल अधिकारी के यहां आवेदन देने आए हैं. लेकिन हमारे साथ दुर्व्यवहार करते हुए धक्का-मुक्की देकर भगाने का प्रयास किया गया. इस दौरान उपभोक्ताओं ने डीलर पर आरोप लगाया कि हम लोगों के राशन में कटौती कर अनाज की कालाबाजारी की जा रही है. इसके पहले भी उक्त डीलर शिव शंकर कुमार के खिलाफ स्थानीय अनुमंडल अधिकारी और मार्केटिंग ऑफिसर के यहां विरोध ज्ञापन दिया जा चुका है. इसके बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

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