मोतिहारीः मगध यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति डॉ. विरेंद्र पांडेय के निधन से पूर्वी चंपारण में शोक की लहर है. इलाज के दौरान सोमवार को पटना के अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली. मंगलवार को उनके पार्थिव शरीर को मोतिहारी स्थित घर पर लाया गया. जहां श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा रहा.
पत्रकारों ने किया नमन
विरेंद्र पांडेय के पार्थिव शरीर को पत्रकार भवन भी लाया गया. जहां जिले के पत्रकारों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. बता दें कि उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत पत्रकारिता से की थी. उसके बाद वह एक कॉलेज में प्रोफेसर भी रहे. उन्हें चंपारण में सांस्कृतिक उत्थान का जनक भी कहा जाता है.
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पैतृक गांव में हुआ अंतिम संस्कार
वरिष्ठ पत्रकार संजय ठाकुर ने विरेंद्र पांडेय के निधन को अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा कि पूर्व कुलपति स्वयं में एक संस्थान थे. वह पत्रकार के साथ-साथ रंगकर्मी और सांस्कृतिकर्मी भी थे. संगीत में भी उनका खासी रुचि थी. बता दें कि विरेंद्र पांडेय का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव नगदाहां में गंडक नदी के किनारे किया गया. विरेंद्र पांडे के बड़े पुत्र संजय पांडे ने उन्हें मुखाग्नि दी.