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मंदी: दिवाली के मौके पर भी फूलों के बाजारों की नहीं लौटी रौनक - diwali

मोतिहारी का फूल मंडी दिवाली के मौके पर भी फीका-फीका सा है. ग्राहकों की भीड़ फूल मंडी में नहीं दिख रही है. फूल व्यवसायी परेशान हैं. चुनाव में भी फूलों का बाजार उदास रहा और दिवाली में भी फूल बाजार की रौनक नहीं लौटी है.

MOTIHARI
"दिवाली में भी फूल व्यवसाय है बेजार"
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Published : Nov 14, 2020, 3:41 PM IST

मोतिहारी: कोरोना संकट से फुलों के कारोबार पर बुरा असर देखने को मिला है. लॉकडाउन से बेजार हो चुका मोतिहारी का फूल मंडी दिवाली के मौके पर भी फीका-फीका सा है. ग्राहकों की भीड़ फूल मंडी में नहीं दिखने से फूल व्यवसायी परेशान हैं. चुनाव में भी फूलों का बाजार उदास रहा. दीपावली में फूल बाजार में रौनक लौटने की आस फूल व्यवसायियों ने पाल रखी थी. लेकिन दीपावली में भी फूल बाजार की रौनक नहीं लौटी है.

दिवाली में भी फूल व्यवसाय है बेजार
फूल मंडी के दुकानदार राजन भगत ने बताया कि लॉकडाउन के कारण फूलों का व्यवसाय काफी प्रभावित हुआ है. जिससे फूल बाजार अभी तक उबर नहीं पाया है. दिवाली में भी फूलों की बिक्री पूर्व के वर्षों की तरह नहीं है. उन्होंने बताया कि मौसम की मार और कोरोना के कहर से फूल की खेती प्रभावित हुई है.

दिवाली के मौके पर भी फूलों के बाजारों की नहीं लौटी रौनक

जिस कारण स्थानीय फूल बाजार में फूलों की आपूर्त्ति कम हैं और कोलकाता से फूल मंगाये जा रहे हैं. जिस कारण फूल का रेट महंगा हो गया है. जिसका असर बिक्री पर पड़ रहा है. राजन भगत ने बताया कि लगन में फूल बाजार की हालत सुधरने की उम्मीद है.

फूल व्यवसाय पर कोरोना और मौसम की मार
दरअसल, इस साल हुए अप्रत्याशित बारिश और बाढ़ के कारण जिला में फूलों की खेती काफी प्रभावित हुई है. इसके अलावा कोरोना के कारण मांग घटने से बहुत से किसानों ने फूलों की खेती से इस साल मुंह मोड़ लिया है. जिसका असर जिले के फूल बाजार पर पड़ा है.

दिवाली के मौके पर फूलों का भाव भी चढ़ा हुआ है. गेंदा का फूल 20 से 25 रुपया प्रति लड़ी बिक रहा है. जबकि 350 से 450 रुपया कुड़ी गेंदा फूल बिक रहे हैं. रजनीगंधा का रेट 5 रुपया प्रति लड़ी है. जबकि गुलाब का फूल 5 रुपया प्रति पीस और कमल का फूल 10 से 15 रुपया प्रति पीस के रेट में बिक रहा है.

मोतिहारी: कोरोना संकट से फुलों के कारोबार पर बुरा असर देखने को मिला है. लॉकडाउन से बेजार हो चुका मोतिहारी का फूल मंडी दिवाली के मौके पर भी फीका-फीका सा है. ग्राहकों की भीड़ फूल मंडी में नहीं दिखने से फूल व्यवसायी परेशान हैं. चुनाव में भी फूलों का बाजार उदास रहा. दीपावली में फूल बाजार में रौनक लौटने की आस फूल व्यवसायियों ने पाल रखी थी. लेकिन दीपावली में भी फूल बाजार की रौनक नहीं लौटी है.

दिवाली में भी फूल व्यवसाय है बेजार
फूल मंडी के दुकानदार राजन भगत ने बताया कि लॉकडाउन के कारण फूलों का व्यवसाय काफी प्रभावित हुआ है. जिससे फूल बाजार अभी तक उबर नहीं पाया है. दिवाली में भी फूलों की बिक्री पूर्व के वर्षों की तरह नहीं है. उन्होंने बताया कि मौसम की मार और कोरोना के कहर से फूल की खेती प्रभावित हुई है.

दिवाली के मौके पर भी फूलों के बाजारों की नहीं लौटी रौनक

जिस कारण स्थानीय फूल बाजार में फूलों की आपूर्त्ति कम हैं और कोलकाता से फूल मंगाये जा रहे हैं. जिस कारण फूल का रेट महंगा हो गया है. जिसका असर बिक्री पर पड़ रहा है. राजन भगत ने बताया कि लगन में फूल बाजार की हालत सुधरने की उम्मीद है.

फूल व्यवसाय पर कोरोना और मौसम की मार
दरअसल, इस साल हुए अप्रत्याशित बारिश और बाढ़ के कारण जिला में फूलों की खेती काफी प्रभावित हुई है. इसके अलावा कोरोना के कारण मांग घटने से बहुत से किसानों ने फूलों की खेती से इस साल मुंह मोड़ लिया है. जिसका असर जिले के फूल बाजार पर पड़ा है.

दिवाली के मौके पर फूलों का भाव भी चढ़ा हुआ है. गेंदा का फूल 20 से 25 रुपया प्रति लड़ी बिक रहा है. जबकि 350 से 450 रुपया कुड़ी गेंदा फूल बिक रहे हैं. रजनीगंधा का रेट 5 रुपया प्रति लड़ी है. जबकि गुलाब का फूल 5 रुपया प्रति पीस और कमल का फूल 10 से 15 रुपया प्रति पीस के रेट में बिक रहा है.

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