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अधिकारियों पर बाढ़ प्रभावितों के साथ भेदभाव का गंभीर आरोप, आंदोलन पर उतरे पीड़ित - सरकारी सहायता

जिले में 11 प्रखंडों के 94 पंचायतों को प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित घोषित किया है. जबकि इससे वंचित रहने वाले पंचायत के लोग भेदभाव का आरोप लगाते हुए आंदोलन कर रहे हैं.

मोतिहारी में बाढ़ प्रभावित लोगों का आंदोलन
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Published : Jul 28, 2019, 8:51 AM IST

मोतिहारी: बिहार में बाढ़ से कई जिले प्रभावित हैं. सूबे का पूर्वी चंपारण जिला भी इस सूची में शामिल है. जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में सरकारी सहायता पहुंचायी जा रही है. लेकिन बाढ़ प्रभावित लोग भेदभाव का आरोप लगाकर लगातार आंदोलन पर उतर गए हैं.

जिले के बाढ़ प्रभावित लोग जिला प्रशासन के तरफ से चलाया जा रहे राहत कार्य से संतुष्ट नहीं है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए पंचायत प्रतिनिधियों ने भी जिला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

east champaran dm
जिलाधिकारी रमण कुमार

सरकारी सहायता से वंचित हैं लोग
जिले में बाढ़ का पानी धीरे-धीरे घट रहा है. वही बाढ़ पीड़ित सहायता को लेकर परेशान है. अधिकांश बाढ़ पीड़ित, सरकारी अनुदान अनुग्रह की राशि से वंचित हैं. इसकी वजह से लोगों के बीच में भारी आक्रोश है.

east champaran flood victim protest
बाढ़ पीड़ित

जिले का प्रभावित क्षेत्र
जिले में कई प्रखंड बाढ़ प्रभावित है. इसमें बंजरिया, पताही, ढ़ाका, मोतिहारी सदर, मधुबन, फेनहारा, चिरैया, पकड़ीदयाल और रामगढ़वा प्रखंड शामिल है. पीड़ित लोग प्रखंड और अंचल कार्यालय पर सहायता के लिए कई बार हंगामा कर चुके हैं. बाढ़ पीड़ितों के हाथों चिरैया अंचलाधिकारी की पिटाई का मामला भी सामने आ चुका है. बाढ़ पीड़ितों ने आरोप लगाया कि अधिकारी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की सूची बनाने में भेदभाव किया गया है. भेदभाव के कारण प्रभावित लोंगों के बीच में असंतोष का माहौल है.

east champaran flood victim protest
मोतिहारी में आंदोलन कर रहे बाढ़ प्रभावित लोग

भेदभाव पर डीएम की सफाई
हालांकि भेदभाव के आरोप को जिला प्रशासन सिरे से खारिज कर रहा है. डीएम रमण कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित करने की कोई व्यवस्था नहीं है. वास्तविक रुप से बाढ़ प्रभावित क्षेत्र को ही घोषित किया जाता है. सरकार के तरफ से जारी गाईड लाईन के अनुसार प्रभावित लोगों को सहायता राशि दी जाएगी.

जिला प्रशासन के खिलाफ आंदोलन पर उतरे बाढ़ प्रभावित

94 पंचायत बाढ़ प्रभावित सूची में शामिल
गौरतलब है कि जिला में 11 प्रखंडों के 94 पंचायत बाढ़ प्रभावित क्षेत्र की सूची में शामिल है. जबकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में शामिल कुछ पंचायतों को इस लिस्ट में शामिल नहीं हो सके हैं. इससे नाराज लोग हंगामा और आंदोलन पर उतर गए हैं.

मोतिहारी: बिहार में बाढ़ से कई जिले प्रभावित हैं. सूबे का पूर्वी चंपारण जिला भी इस सूची में शामिल है. जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में सरकारी सहायता पहुंचायी जा रही है. लेकिन बाढ़ प्रभावित लोग भेदभाव का आरोप लगाकर लगातार आंदोलन पर उतर गए हैं.

जिले के बाढ़ प्रभावित लोग जिला प्रशासन के तरफ से चलाया जा रहे राहत कार्य से संतुष्ट नहीं है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए पंचायत प्रतिनिधियों ने भी जिला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

east champaran dm
जिलाधिकारी रमण कुमार

सरकारी सहायता से वंचित हैं लोग
जिले में बाढ़ का पानी धीरे-धीरे घट रहा है. वही बाढ़ पीड़ित सहायता को लेकर परेशान है. अधिकांश बाढ़ पीड़ित, सरकारी अनुदान अनुग्रह की राशि से वंचित हैं. इसकी वजह से लोगों के बीच में भारी आक्रोश है.

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बाढ़ पीड़ित

जिले का प्रभावित क्षेत्र
जिले में कई प्रखंड बाढ़ प्रभावित है. इसमें बंजरिया, पताही, ढ़ाका, मोतिहारी सदर, मधुबन, फेनहारा, चिरैया, पकड़ीदयाल और रामगढ़वा प्रखंड शामिल है. पीड़ित लोग प्रखंड और अंचल कार्यालय पर सहायता के लिए कई बार हंगामा कर चुके हैं. बाढ़ पीड़ितों के हाथों चिरैया अंचलाधिकारी की पिटाई का मामला भी सामने आ चुका है. बाढ़ पीड़ितों ने आरोप लगाया कि अधिकारी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की सूची बनाने में भेदभाव किया गया है. भेदभाव के कारण प्रभावित लोंगों के बीच में असंतोष का माहौल है.

east champaran flood victim protest
मोतिहारी में आंदोलन कर रहे बाढ़ प्रभावित लोग

भेदभाव पर डीएम की सफाई
हालांकि भेदभाव के आरोप को जिला प्रशासन सिरे से खारिज कर रहा है. डीएम रमण कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित करने की कोई व्यवस्था नहीं है. वास्तविक रुप से बाढ़ प्रभावित क्षेत्र को ही घोषित किया जाता है. सरकार के तरफ से जारी गाईड लाईन के अनुसार प्रभावित लोगों को सहायता राशि दी जाएगी.

जिला प्रशासन के खिलाफ आंदोलन पर उतरे बाढ़ प्रभावित

94 पंचायत बाढ़ प्रभावित सूची में शामिल
गौरतलब है कि जिला में 11 प्रखंडों के 94 पंचायत बाढ़ प्रभावित क्षेत्र की सूची में शामिल है. जबकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में शामिल कुछ पंचायतों को इस लिस्ट में शामिल नहीं हो सके हैं. इससे नाराज लोग हंगामा और आंदोलन पर उतर गए हैं.

Intro:मोतिहारी।पूर्वी चंपारण जिले में बाढ़ प्रभावित लोग बाढ़ सहायता को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे है।यहां तक की पंचायत प्रतिनिधि भी जिला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं।ताकि उनके पंचायत को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र की सूची में शामिल किया जा सके।जबकि जिला प्रशासन की इस मामले में अपनी अलग हीं दलील है।जिला प्रशासन के अनुसार उनका काम बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित करने का नहीं है।बल्कि वास्तविक बाढ़ प्रभावित का पहचान कर उनहे सहायता पहुंचाना है।


Body:वीओ...1...जिले में बाढ़ का पानी उतर रहा है और बाढ़ पीड़ित बाढ़ सहायता को लेकर परेशान हैं।क्योंकि अधिकांश बाढ़ पीड़ित सरकारी अनुदान अनुग्रह की राशि से वंचित हैं।लिहाजा,लोगों का आक्रोश चरम पर है।जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र बंजरिया, पताही, ढ़ाका,मोतिहारी सदर,मधुबन,फेनहारा, चिरैया,पकड़ीदयाल और रामगढ़वा प्रखंडों के पीड़ितों ने प्रखंड और अंचल कार्यालय पर कई बार हंगामा किया है।यहां तक कि चिरैया अंचलाधिकारी की बाढ़ पीड़ितों ने पिटाई भी की थी।बाढ़ पीड़ितों का आरोप है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की सूची बनाने में अधिकारियों ने भेदभाव किया हैं।जिस कारण अधिकांश पीड़ित बाढ़ सहायता से वंचित हो रहे हैं।लिहाजा,बाढ़ पीड़ितों में काफी असंतोष फैला हुआ है।
बाईट.....अखिलेश सिंह ..... बाढ़ प्रभावित
बाईट.......प्रकाश अस्थाना...मीडिया प्रभारी


Conclusion:वीओ..2...इधर जिला प्रशासन की इस मामले में अपनी हीं दलील है।डीएम का कहना है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित करने की कोई ऐसी व्यवस्था या परंपरा नहीं है।बल्कि जो वास्तविक रुप से बाढ़ प्रभावित है।उन्हे सरकार के गाईन लाईन के अनुसार बाढ़ सहायता अनुग्रह अनुदान निश्चित रुप से दी जाएगी।
बाईट....रमण कुमार....डीएम
वीओएफ....बहरहाल,जिला प्रशासन ने जिले के ग्यारह प्रखंडों के 94 पंचायत को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र की सूची में रखा है।जबकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के उस पंचायत के लोगों में काफी आक्रोश दिख रहा है।जिनके पंचायत या गांव को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की सूची से बाहर रखा गया है।लिहाजा,वैसे पंचायतों के लोगों का आक्रोश समय समय पर दिखाई दे रहा है।जरुरत है कि इस आपदा की घड़ी में बाढ़ से प्रभावित लोगों का सही आकलन कर उन्हे सहायता मुहैया कराई जाए।ताकि बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच असंतोष नहीं फैले।
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